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लखनऊ: 20 साल से एक ही संस्थान में तैनात इस जेई की चलती है मनमानी, कार्रवाई से कतरा रहे अधिकारी - जल संस्थान लखनऊ

पिछले महीने कर्मचारियों ने जेई राजेश कपूर के खिलाफ प्रदर्शन किया था तो जीएम जल संस्थान ने 15 दिन के अंदर लिखित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था. फिलहाल राजेश कपूर के रसूख के चलते अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

जेई राजेश कपूर पर कब होगी कार्रवाई.
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Published : Jun 28, 2019, 8:06 AM IST

लखनऊ: किसी भी सरकार में कभी भी ट्रांसफर पॉलिसी आई हो, लेकिन रसूखदारों का जलवा हर सरकार में कायम रहा. ऐसा ही एक रसूखदार जेई राजधानी में भी तैनात है. इस जेई पर योगी सरकार की भी ट्रांसफर पॉलिसी का कोई फर्क नहीं है. इस बार की तबादला नीति आने से पहले ही उसने जुगाड़ और अपने रसूख का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. जिससे पहले की तरह कुर्सी पर उसका ही कब्जा बरकरार रहे. राजधानी के राजाजीपुरम स्थित जल संस्थान में रसूखदार जेई राजेश कपूर करीब 20 वर्षों से एक ही स्थान पर कार्य कर रहे हैं.

जेई राजेश कपूर पर कब होगी कार्रवाई.

आखिर कब होगी कार्रवाई

  • पूरा मामला राजाजीपुरम स्थित जल संस्थान विभाग की है, जहां अन्य विभागों में भ्रष्टाचार कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है.
  • वहीं करीब 20 साल से एक ही स्थान पर तैनात राजेश कपूर के खिलाफ कोई भी अधिकारी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं.
  • राजेश कपूर के खिलाफ विभाग के कर्मचारियों ने भी मोर्चा खोल दिया है.
  • कर्मचारी संतराम ने बताया कि 1990 में राजेश कपूर दैनिक वेतन पर भर्ती किए गए थे, 2011 में परमानेंट हुए.
  • अभी जल्द ही शासनादेश हुआ है कि कर्मचारी से पद के ऊपर काम नहीं लिया जाएगा.

राजेश कपूर की नियुक्ति पंपिंग स्टेशन सुपरीटेंडेंट (पीएसएस) पद पर की गई थी. अपने रसूख के चलते राजेश कपूर जेई के पद पर कार्य कर रहे हैं. ऊंची पहुंच रखने वाले राजेश पर कोई भी अधिकारी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है.

-संतराम, कर्मचारी, जल संस्थान



बरसात का मौसम चल रहा है. विभाग में कर्मचारियों की कमी है. केवल राजेश कपूर का ही प्रकरण नहीं है. अन्य लोगों को भी समायोजित कर कार्रवाई की जाएगी.
-एसके वर्मा, जीएम, जल संस्थान

लखनऊ: किसी भी सरकार में कभी भी ट्रांसफर पॉलिसी आई हो, लेकिन रसूखदारों का जलवा हर सरकार में कायम रहा. ऐसा ही एक रसूखदार जेई राजधानी में भी तैनात है. इस जेई पर योगी सरकार की भी ट्रांसफर पॉलिसी का कोई फर्क नहीं है. इस बार की तबादला नीति आने से पहले ही उसने जुगाड़ और अपने रसूख का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. जिससे पहले की तरह कुर्सी पर उसका ही कब्जा बरकरार रहे. राजधानी के राजाजीपुरम स्थित जल संस्थान में रसूखदार जेई राजेश कपूर करीब 20 वर्षों से एक ही स्थान पर कार्य कर रहे हैं.

जेई राजेश कपूर पर कब होगी कार्रवाई.

आखिर कब होगी कार्रवाई

  • पूरा मामला राजाजीपुरम स्थित जल संस्थान विभाग की है, जहां अन्य विभागों में भ्रष्टाचार कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है.
  • वहीं करीब 20 साल से एक ही स्थान पर तैनात राजेश कपूर के खिलाफ कोई भी अधिकारी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं.
  • राजेश कपूर के खिलाफ विभाग के कर्मचारियों ने भी मोर्चा खोल दिया है.
  • कर्मचारी संतराम ने बताया कि 1990 में राजेश कपूर दैनिक वेतन पर भर्ती किए गए थे, 2011 में परमानेंट हुए.
  • अभी जल्द ही शासनादेश हुआ है कि कर्मचारी से पद के ऊपर काम नहीं लिया जाएगा.

राजेश कपूर की नियुक्ति पंपिंग स्टेशन सुपरीटेंडेंट (पीएसएस) पद पर की गई थी. अपने रसूख के चलते राजेश कपूर जेई के पद पर कार्य कर रहे हैं. ऊंची पहुंच रखने वाले राजेश पर कोई भी अधिकारी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है.

-संतराम, कर्मचारी, जल संस्थान



बरसात का मौसम चल रहा है. विभाग में कर्मचारियों की कमी है. केवल राजेश कपूर का ही प्रकरण नहीं है. अन्य लोगों को भी समायोजित कर कार्रवाई की जाएगी.
-एसके वर्मा, जीएम, जल संस्थान

Intro:...मैं हूं तथाकथित जेई, मेरा कुछ नहीं कर सकता कोई!

लखनऊ। किसी भी सरकार में कभी भी ट्रांसफर पॉलिसी आई हो लेकिन रसूखदारो का जलवा हर सरकार में कायम रहा। ऐसा ही एक रसूखदार जेई राजधानी में भी तैनात है। इस जेई पर योगी सरकार की भी ट्रांसफर पालिसी का कोई फर्क नहीं है। इस बार की तबादला नीति आने से पहले ही उसने जुगाड़ और अपने रसूख का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। जिससे पहले की तरह कुर्सी पर उसका ही कब्जा बरकरार रहे। राजधानी के राजाजीपुरम स्थित जल संस्थान में रसूखदार तथाकथित जेई राजेश कपूर करीब 20 वर्षों से एक ही स्थान पर कार्य कर रहे हैं। राजेश कपूर की नियुक्ति पंपिंग स्टेशन सुपरीटेंडेंट (पीएसएस) पद पर की गई थी। अपने रसूख के चलते राजेश कपूर जेई के पद पर कार्य कर रहे हैं। ऊंची पहुंच रखने वाले राजेश पर कोई भी अधिकारी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।



Body:जी हां बात कर रहे हैं राजाजीपुरम स्थित जल संस्थान विभाग की। जहां अन्य विभागों में भ्रष्टाचार कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है वहीं जल संस्थान में मुख्यमंत्री के आदेश का कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। करीब 20 साल से एक ही स्थान पर तैनात राजेश कपूर के खिलाफ कोई भी अधिकारी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। राजेश कपूर के खिलाफ विभाग के कर्मचारियों ने भी मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारी संतराम ने बताया कि 1990 में राजेश कपूर दैनिक वेतन पर भर्ती किए गए थे 2011 में परमानेंट हुए। अभी जल्द ही शासनादेश हुआ है कि कर्मचारी से पद के ऊपर काम नहीं लिया जाएगा। कर्मचारी आरोप है कि राजेश कपूर फर्जी बाउचर के जरिए भुगतान करवाते हैं जबकि काम नहीं होता है। पिछले महीने कर्मचारियों ने जब प्रदर्शन किया था तो जीएम जल संस्थान ने 15 दिन के अंदर लिखित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था लेकिन, राजेश कपूर के रसूख के चलते अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
बाइट-
गर्मी बरसात का मौसम चल रहा है। विभाग में कर्मचारियों की कमी है। केवल राजेश कपूर का ही प्रकरण नहीं है अन्य लोगों को भी समायोजित कर कार्रवाई की जाएगी।
एसके वर्मा
जीएम, जल संस्थान

बाइट वन- संतराम, कर्मचारी, जल संस्थान
बाइक दो- एसके वर्मा, जीएम, जल संस्थान


Conclusion:राहुल श्रीवास्तव, लखनऊ
8318787082
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