हैदराबाद: किसानों और गरीब गुर्गों की बात करने वाले राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया जयंत चौधरी की सियासी मशगूलिय में सीटों की साध और अनसुलझे वाद की आज परिकाष्ठा देखने को मिली. नेता जी जाट नेतृत्व की बात करते हैं, लेकिन अपने उस कर्तव्य को भूल गए, जो उन्हें संविधान से हासिल हुए हैं यानी मतदान का अधिकार. एक ओर कड़ाके की ठंड में गर्म कपड़े पहने लोग लंबी कतारों में खड़े होकर मतदान के लिए आए थे.
लेकिन रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के कार्यालय की ओर से इस बात की सूचना दी गई कि वो मतदान नहीं करेंगे और इसके पीछे जो वजह दी गई, जिसका आधार भी तर्क संगत नहीं था. खैर, मथुरा में पहले चरण का मतदान खत्म हो गया. बढ़-चढ़कर लोगों ने इसमें हिस्सा लिया और अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. लेकिन दुख तो इस बात की रही कि रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी वोट नहीं डाल सके.
हालांकि, जब उनके इस रूख की चौतरफा निंदा शुरू हुई तो उन्होंने कहा कि वो फिलहाल बिजनौर में चुनावी सभा के लिए निकले हैं और उनकी पूरी कोशिश होगी कि वो शाम 6 बजे तक किसी तरह से मतदान को मथुरा पहुंचे. लेकिन आखिरकार वो मतदान के लिए मथुरा नहीं पहुंच सके.
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