लखनऊ: मंगलवार को आजमगढ़ से गिरफ्तार हुआ सातवीं पास सबाउद्दीन आजमी ने उत्तर प्रदेश के कई ठिकानों को बम से उड़ाने की फुलप्रूफ तैयारी कर ली थी. इसके लिए उसने संघ व बीजेपी से जुड़े कुछ खास लोगों के घर व कार्यालयों की ऑनलाइन रेकी कर जानकारी जुटाई थी. सबाउद्दीन आजमी सिर्फ अपने आका के एक इशारे का इंतजार कर रहा था. जैसे ही उसे इशारा मिलता वह यूपी के कई शहरों में आतंकी वारदात को अंजाम दे देता. यह सभी खुलासे गिरफ्तारी के बाद सबाउद्दीन ने यूपी एटीएस को दी है. एटीएस अब उन लोगों की तलाश में है, जिन्हें सबाउद्दीन ने अपने आका के आदेश को बताया था और तैयार रहने के लिए कहा था.
सूत्रों के मुताबिक, यूपी एटीएस को सबाउद्दीन के मोबाइल में कई ऐसी एप्लीकेशन मिली है, जिसमें वो मैप के जरिये बीजेपी नेताओं व आरएसएस से जुड़े लोगों की ऑनलाइन रेकी कर रहा था. यही नहीं ये सभी जानकारी वो सीरिया में बैठे अपने आतंकी आका ISIS सदस्य अबू बकर-अल-शामी को दे रहा था. सबाउद्दीन के मोबाइल में मुंबई व यूपी के कुछ संदिग्ध लोगों के नंबर भी मिले है. आशंका जताई जा रही है कि ये वो लोग हो सकते हैं जो उसकी ब्लास्ट करने की जगह को चिन्हित करने से लेकर बम IED बम बनाने की सामग्री की व्यवस्था कर रहे थे.
खताब कश्मीरी से मिल रहे थे निर्देश
सबाउद्दीन टेलिग्राम के AL-SAQR MEDIA ग्रुप से जुड़ा हुआ था. इस ग्रुप में भारत में मुसलमानों पर हो रहे कथित अत्याचार को लेकर नौजवानों को भड़काया जा रहा था. नूपुर शर्मा विवाद के दौरान इस ग्रुप में सबाउद्दीन ने कई लोगों की एंट्री कराई थी. यूपी एटीएम उन लोगों को भी रडार पर लेकर नजर रखी हुई है. Telegram के इस ग्रुप को खताब कश्मीरी लीड कर रहा था. एजेंसियों के मुताबिक 'खताब कश्मीरी' एक कोड नेम है. ग्रुप को चलाने वाला अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर से ऑपरेट कर रहा है. गाजीपुर फूल मंडी में RDX का इस्तेमाल करके रखे गए IED के बरामद होने के कुछ दिन बाद खताब कश्मीरी ने एक पोस्टर जारी कर ये दावा किया था की उसी के स्लीपर सेल ने IED रखी थी और आने वाले दिनों में भारत में और भी धमाके होंगे.
रिमांड पर लेकर ATS सबाउद्दीन से खुलवाएगी राज
गिरफ्तारी के बाद सबाउद्दीन को जेल भेज दिया गया है. यूपी एटीएस सबाउद्दीन को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है. यूपी में सबाउद्दीन के कितने साथी है, उसके मददगार कौन है, सीरिया में बैठे उसके आका ने किसे भारत में उसका बॉस बनाया था. उसे बम बनाने के लिए सामग्री कहां और कैसे मिल रही थी.ऐसे तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए एजेंसी कोर्ट से संदिग्ध आतंकी की रिमांड मांगेगी.
राजनीति का सहारा लेकर खड़ा करना चाहता था ISIS जैसा संगठन
सबाउद्दीन भारत में ISIS जैसा ही संगठन यूपी में खड़ा करना चाहता था. इस संगठन से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए उसने राजनीति का सहारा लिया था. उसने AIMIM पार्टी जॉइन की और उसकी पार्टी मीटिंग्स में जाने लगा था. सबाउद्दीन राजनीतिक मीटिंग में अपने आका की बताई गई बातों को लोगों को बताता था. जिससे वो भारत से नफरत करने लगे. वह अपने वार्ड 9 अमीलो से सभासद का चुनाव भी लड़ चुका है. ताकि उसकी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच हो सके. साथ ही आजमगढ़ के मुबारकपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे गुड्डू जमाली के भी साथ चुनावी पोस्टर में आतंकी की फोटो देखी गई थी.
साल 2017 में लखनऊ के काकोरी में 9 मार्च को यूपी एटीएस ने 10 घंटे की मुठभेड़ में ISIS आतंकी सैफुल्लाह को ढेर किया था. एटीएस ने बताया था कि सैफुल्लाह ISIS संगठन से जुड़ा था. काकोरी के पास एक घर में रह कर होली के करीब ट्रेन में सीरियल ब्लास्ट करने की योजना बना था था.
साल 2020 में यूपी के बलरामपुर स्थित बढ़या भैंसाही गांव में रहने वाले मोहम्मद यूसुफ को दिल्ली की स्पेशल सेल ने धौलाकुआं से गिरफ्तार किया था. यूसुफ फिदयानी हमले की तैयारी कर रहा था. दिल्ली पुलिस व यूपी एटीएस ने उसके घर से भारी मात्रा में विस्फोटक व बम बनाने के उपकरण बरामद किए थे.
साल 2021 में लखनऊ के दुबग्गा में यूपी एटीएस ने अंसार गजवातुल हिन्द मॉड्यूल के 5 आतंकियों को गिरफ्तार किया था व 11 जुलाई 2021 को अलकायदा समर्थित 2 आतंकी गिरफ्तार किये गए थे. एटीएस का दावा था कि दोनों आतंकी स्वतंत्रता दिवस के आसपास यूपी में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट की प्लानिंग कर रहे थे. दोनों की साजिश यूपी के कई शहरों में फिदायीन हमले की भी थी. साल 2022 में गोरखपुर के गोरक्षनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी को भी गिरफ्तार किया गया था. मुर्तजा ने ISIS से संपर्क में था.
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