अयोध्या: राम मंदिर के शिखर निर्माण का एक तिहाई कार्य पूरा कर लिया गया है. इसे 60 हजार घन फीट पत्थरों से बनाया जा रहा है. जिसमें पत्थरों की लगभग 40 लेयर लगाई जाएंगी. जिसके ऊपर 8 फीट ऊंचा अमलसारा कलश (पत्थरों की कलशनुमा शिला) लगाई जाएगी. जनवरी में राम मंदिर के शिखर निर्माण के साथ मंदिर की फिनिशिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. माना जा रहा है कि 22 जनवरी को होने वाले आयोजन से पहले यह कार्य पूरा हो जाएगा.
दीपावली पर्व की छुट्टी के बाद एक बार फिर मंदिर के शिखर निर्माण का कार्य तेज गति से शुरू हो गया है. शिखर निर्माण का कार्य 12 घंटे की एक पाली में किया जाता है. इसके लिए लगभग दो दर्जन विशेष कारीगरों को लगाया गया है. निर्माण कार्य में लगे एक इंजीनियर ने जानकारी दी कि जिस पत्थर को लगाया जाना होता है, पहले उसकी जांच की जाती है. पत्थर लगाए जाने के दौरान यदि किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो इसे दूर करने के बाद ही आगे काम बढ़ाया जाता है.
वहीं पत्थरों के निर्माण में सोनपुरा की टीम अहम भूमिका निभा रही है. मुख्य आर्किटेक्ट आशीष सोनपुरा ने बताया कि शिखर निर्माण के लिए पत्थरों के लेयर लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. लगभग 40 लेयर लगाई जानी है. इसके बाद अमलसारा को लगाया जाएगा. वर्तमान में लगभग 12 लेयर का कार्य पूरा कर लिया गया है. बता दें कि पर्व की छुट्टी के बाद गुजरात से कारीगर लौट आए हैं. इसी के साथ मंदिर निर्माण के काम ने तेजी पकड़ी है.
अयोध्या से जनकपुर तक श्रीराम बारात के लिए शेड्यूल जारी: श्री राम और माता जानकी विवाह उत्सव की पहली रस्म तिलकोत्सव होने के बाद श्री राम बारात की भी तैयारी शुरू हो गई है. 26 नवंबर को बड़े धूमधाम से एक रथ और लगभग 20 गाड़ियों के काफिले के साथ यह बारात कारसेवकपुरम से रवाना होगी. जिसको लेकर विश्व हिंदू परिषद ने बारात के मार्ग का शेड्यूल तैयार कर लिया है. कड़ी सुरक्षा के बीच यह बारात 3 दिसंबर को जनकपुर पहुंचेगी. इस दौरान रास्ते में स्थान स्थान पर स्वागत भी होंगे.विश्व हिन्दू परिषद ने श्री राम बारात यात्रा के लिए शेड्यूल तैयार कर लिया है. जिसमें बताया गया है कि 26 नवंबर को सुबह 8:30 बजे विश्व हिंदू परिषद मुख्यालय कर सेवक पुरम से यह यात्रा धूमधाम से रवाना किया जाएगा. जिसमें लगभग चार दर्जन से अधिक साधु संत भी शामिल होंगे. पहले दिन या यात्रा गोसाईगंज बसखारी होते हुए आजमगढ़ पहुंचेगी. जहां रात्रि विश्राम के बाद 27 नवंबर को पुण्य यात्रा मऊ के रास्ते बिहार बक्सर पहुंचेगी. 28 नवंबर को पाटलीपुत्र, 29 नवंबर को काँटी, 30 नवंबर को सीतामढ़ी पुनौरा, 1 दिसंबर को बैनीपट्टी, 2 दिसंबर को माद्धवापुर मटिहानी, और 3 दिसंबर को जलेसर के रास्ते जनकपुर नगर भ्रमण कर देर शाम को जनकपुर मंदिर पहुंचेगी. 6 दिसंबर को रस्म रिवाज़ के साथ विवाह संपन्न कराया जाएगा. विवाह के बाद 7 दिसंबर को राम कलेवा का आयोजन होगा और 8 दिसंबर को बारात विदाई का आयोजन कर जनकपुर से अयोध्या के लिए प्रस्थान होगी. 9 दिसंबर को देर शाम गोरखपुर बस्ती के रास्ते अयोध्या पहुंचेगी.
श्री राम के तिलकहरु को विधि विधान से किया विदा: राम नगरी में श्रीराम का तिलक चढ़ाने के बाद मंगलवार को रस्मों के साथ विधि विधान से वस्त्र और विदाई देकर विदा किया गया. विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री और इस विवाह उत्सव के प्रभारी राजेंद्र सिंह पंकज ने जनकपुर से आये सभी तिलकाहरुओं भोजन खिलाकर विदा किया. बताया कि तिलकहरु में शामिल जनकपुर वासियों ने मंगलवार की सुबह से ही पूरी अयोध्या की भव्यता को निहारा और प्रमुख स्थलों का भ्रमण कर मठ-मंदिरों में हाजिरी लगाई.