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लखनऊ: सिंचाई विभाग की परीक्षा हुई रद्द, धांधली के लगे थे आरोप

सिंचाई विभाग की जिलेदारी योग्यता परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है. इस परीक्षा में धांधली के आरोप लगे थे. विभागीय अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए वीडियो में रिकॉर्ड किया गया था. इसके बाद विभाग ने जांच के आदेश दिए थे.

सिंचाई विभाग की जिलेदारी अधिकारी की परीक्षा हुई रद्द
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Published : Jul 29, 2019, 1:29 PM IST

लखनऊ: सिंचाई विभाग ने सींच पर्यवेक्षकों को विभागीय परीक्षा के आधार पर पदोन्नत करने का नियम है. इसके लिए 13 नवंबर 2018 को एक लिखित परीक्षा कराई गई थी. परीक्षा में कुल 529 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया और 318 सींच पर्यवेक्षकों पास घोषित किया गया था.

सिंचाई विभाग की जिलेदारी अधिकारी की परीक्षा हुई रद्द

क्या है पूरा मामला-

  • परीक्षा में कुल 529 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया और 318 को पास घोषित किया गया था.
  • परीक्षा में 172 लोगों को फिर पास बताया गया जिसमें 37 पर्यवेक्षक ऐसे भी थे जिन्होंनें परीक्षा नहीं दी थी.
  • विभाग के अनुसार 2 आवेदन निरस्त भी किए गए थे.
  • रिजल्ट जारी होने के साथ ही विवाद की शुरुआत हो गई थी.
  • परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों का 14, 15 व 16 नवंबर 2018 को इंटरव्यू भी लिया गया था.

सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने दिए थे परीक्षा की जांच का आदेश-

  • इस मामले में पहले एक वीडियो वायरल हुआ था.
  • वीडियो में परीक्षा समिति में शामिल उप राजस्व अधिकारी राज कुमार गंगवार को रिश्वत लेते हुए दिखाया गया था.
  • जांच में उप राजस्व अधिकारी राज कुमार गंगवार को दोषी पाया गया और उन्हें निलंबित कर दिया गया.
  • उप राजस्व अधिकारी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.
  • परीक्षा की स्वच्छता प्रभावित होने की वजह से पूरी परीक्षा को निरस्त किया जा रहा है.
  • इस मामले में जो 28 दिसंबर 2018 को परिणाम घोषित किया गया था उसे भी निरस्त किया जा रहा है.

लखनऊ: सिंचाई विभाग ने सींच पर्यवेक्षकों को विभागीय परीक्षा के आधार पर पदोन्नत करने का नियम है. इसके लिए 13 नवंबर 2018 को एक लिखित परीक्षा कराई गई थी. परीक्षा में कुल 529 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया और 318 सींच पर्यवेक्षकों पास घोषित किया गया था.

सिंचाई विभाग की जिलेदारी अधिकारी की परीक्षा हुई रद्द

क्या है पूरा मामला-

  • परीक्षा में कुल 529 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया और 318 को पास घोषित किया गया था.
  • परीक्षा में 172 लोगों को फिर पास बताया गया जिसमें 37 पर्यवेक्षक ऐसे भी थे जिन्होंनें परीक्षा नहीं दी थी.
  • विभाग के अनुसार 2 आवेदन निरस्त भी किए गए थे.
  • रिजल्ट जारी होने के साथ ही विवाद की शुरुआत हो गई थी.
  • परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों का 14, 15 व 16 नवंबर 2018 को इंटरव्यू भी लिया गया था.

सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने दिए थे परीक्षा की जांच का आदेश-

  • इस मामले में पहले एक वीडियो वायरल हुआ था.
  • वीडियो में परीक्षा समिति में शामिल उप राजस्व अधिकारी राज कुमार गंगवार को रिश्वत लेते हुए दिखाया गया था.
  • जांच में उप राजस्व अधिकारी राज कुमार गंगवार को दोषी पाया गया और उन्हें निलंबित कर दिया गया.
  • उप राजस्व अधिकारी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.
  • परीक्षा की स्वच्छता प्रभावित होने की वजह से पूरी परीक्षा को निरस्त किया जा रहा है.
  • इस मामले में जो 28 दिसंबर 2018 को परिणाम घोषित किया गया था उसे भी निरस्त किया जा रहा है.
Intro:लखनऊ . सिंचाई विभाग की जिलेदारी योग्यता परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है इस परीक्षा में धांधली के आरोप लगे थे विभागीय अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए वीडियो में रिकॉर्ड किया गया था इसके बाद विभाग ने जांच के आदेश दिए थे और इसी आधार पर परीक्षा को रद्द किया गया है।


Body:सिंचाई विभाग ने सींच पर्यवेक्षकों को विभागीय परीक्षा के आधार पर पदोन्नत करने का नियम है इसके लिए 13 नवंबर 2018 को एक लिखित परीक्षा कराई गई थी परीक्षा में कुल 529 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया और 318 सींच पर्यवेक्षकों पास घोषित किया गया था इस परीक्षा में 172 लोगों को फिर भी बताया गया था जबकि 37 सीट पर्यवेक्षक ऐसे भी थे जिन्होंने परीक्षा नहीं दी विभाग के अनुसार 2 आवेदन निरस्त भी किए गए थे परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के साथ ही विवाद की शुरुआत हो गई थी ।इस मामले में पहले एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें परीक्षा समिति में शामिल उप राजस्व अधिकारी राज कुमार गंगवार को रिश्वत लेते हुए दिखाया गया । इसी दौरान परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों का 14, 15 व 16 नवंबर 2018 को इंटरव्यू भी लिया गया। मामला उजागर होने के बाद सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने पूरी परीक्षा की जांच कराने का आदेश प्रमुख सचिव सिंचाई टी वेंकटेश को दिया। जांच में उप राजस्व अधिकारी राज कुमार गंगवार को दोषी पाया गया और उन्हें निलंबित कर दिया गया प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष रामप्यारे तिवारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि उप राजस्व अधिकारी के खिलाफ एफ आई आर भी दर्ज कराई गई है और परीक्षा की स्वच्छता प्रभावित होने की वजह से पूरी परीक्षा को निरस्त किया जा रहा है इस मामले में जो 28 दिसंबर 2018 को परिणाम घोषित किया गया था उसे भी निरस्त किया जा रहा है।


पीटीसी अखिलेश तिवारी


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