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कोरोना संकटकाल में जागरूक कर रहा आयुष कवच ऐप, सिखा रहा आयुर्वेद और घरेलू नुस्खे - ayush mission director rajkamal yadav

आयुष कवच ऐप के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है. आयुष कवच ऐप बनाने की प्रेरणा कहां से मिली और यह किसने तैयार किया. ऐसे ही तमाम चीजों पर आयुष मिशन निदेशक राजकमल यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

आयुष मिशन निदेशक राजकमल यादव
आयुष मिशन निदेशक राजकमल यादव
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Published : May 21, 2020, 7:45 PM IST

लखनऊ: कोरोना संकटकाल ने सभी की जीवनशैली को बदलकर रख दिया है. इस महामारी के समय लोगों के काम करने के तरीके में भी बदलाव देखने को मिला है. उत्तर प्रदेश आयुष मिशन जो अपनी डिस्पेंसरी के माध्यम से लोगों को परामर्श दिया करता था. आजकल आयुष कवच ऐप के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रहा है. आयुष कवच ऐप बनाने की प्रेरणा कहां से मिली और इसके निर्माण को लेकर आयुष मिशन निदेशक राजकमल यादव ने ईटीवी भारत को जानकारी दी.

आयुष मिशन निदेशक राजकमल यादव से खास बातचीत.
मिशन निदेशक राजकमल यादव ने कहा कि कोरोना को लेकर आयुष मिशन उत्तर प्रदेश कई स्तरों पर काम कर रहा है. इसमें सबसे प्रभावी जो कदम उठाया गया है, वह आयुष कवच ऐप है. मुख्यमंत्री योगी की प्रेरणा से इस ऐप का निर्माण किया गया है. सीएम योगी चाहते थे कोई ऐसी व्यवस्था, तकनीक हो जिससे लोगों को आयुर्वेद और घरेलू नुस्खे के बारे में जागरूक किया जा सके. इससे लोग अपना इम्यून सिस्टम मजबूत कर सकेंगे. इसके माध्यम से प्रदेश में उपलब्ध प्राकृतिक संपदा के उपयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद की जा सकती है, जिसके नुस्खे दिए गए हैं.

ये भी पढें- वाराणसी: पर्यटन पर लॉकडाउन की मार, सैलानी हुए बेहद कम

नमूने के तौर पर मान लीजिए अगर आप बुंदेलखंड में हैं तो वहां महुआ का फूल मिल रहा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हैं तो दही का सेवन कैसे कर सकते हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश में हैं तो वहां सहजन और बेल जैसी उपलब्ध चीजों का इस्तेमाल हम कैसे कर सकते हैं. इन चीजों के इस्तेमाल से अपनी प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ा सकते हैं, ये सब नुस्खे इस एप में मौजूद हैं. ऐसा नहीं है कि इन्हें केवल नुस्खे के तौर पर ही प्रस्तुत किया गया है, बल्कि इसके वैज्ञानिक आधार को भी इसमें दर्शाया गया है. लॉकडाउन में लोग घर में हैं, ऐसे में लोगों में तनाव न हो और उनका शरीर स्वस्थ रहे. इसके लिए योगा के टिप्स भी इसके माध्यम से दिए जा रहे हैं. प्राणायाम और योगासन करके खुद को कैसे स्वस्थ रख सकें, इसकी भी जानकारी इस ऐप के माध्यम से दी जा रही है. साथ ही इस एप में लाइव योगा और योगा गैलरी भी उपलब्ध है.


कोरोना के दौरान यदि किसी को समस्या हो रही है तो वे लोग प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम से लेकर सरकार की तरफ से जिला स्तर के स्थापित किए गए कंट्रोल रूम से इस ऐप के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं. इस ऐप के माध्यम से योग का प्रशिक्षण देने वाले सभी योग शिक्षक सरकारी कॉलेजों के हैं. आयुर्वेद निदेशालय के दक्ष लोगों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. योगा के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय का योगा संस्थान के साथ मिलकर किया जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक यह ऐप अब तक करीब साढ़े छह लाख लोग द्वारा डाउनलोड किया जा चुका है.

लखनऊ: कोरोना संकटकाल ने सभी की जीवनशैली को बदलकर रख दिया है. इस महामारी के समय लोगों के काम करने के तरीके में भी बदलाव देखने को मिला है. उत्तर प्रदेश आयुष मिशन जो अपनी डिस्पेंसरी के माध्यम से लोगों को परामर्श दिया करता था. आजकल आयुष कवच ऐप के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रहा है. आयुष कवच ऐप बनाने की प्रेरणा कहां से मिली और इसके निर्माण को लेकर आयुष मिशन निदेशक राजकमल यादव ने ईटीवी भारत को जानकारी दी.

आयुष मिशन निदेशक राजकमल यादव से खास बातचीत.
मिशन निदेशक राजकमल यादव ने कहा कि कोरोना को लेकर आयुष मिशन उत्तर प्रदेश कई स्तरों पर काम कर रहा है. इसमें सबसे प्रभावी जो कदम उठाया गया है, वह आयुष कवच ऐप है. मुख्यमंत्री योगी की प्रेरणा से इस ऐप का निर्माण किया गया है. सीएम योगी चाहते थे कोई ऐसी व्यवस्था, तकनीक हो जिससे लोगों को आयुर्वेद और घरेलू नुस्खे के बारे में जागरूक किया जा सके. इससे लोग अपना इम्यून सिस्टम मजबूत कर सकेंगे. इसके माध्यम से प्रदेश में उपलब्ध प्राकृतिक संपदा के उपयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद की जा सकती है, जिसके नुस्खे दिए गए हैं.

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नमूने के तौर पर मान लीजिए अगर आप बुंदेलखंड में हैं तो वहां महुआ का फूल मिल रहा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हैं तो दही का सेवन कैसे कर सकते हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश में हैं तो वहां सहजन और बेल जैसी उपलब्ध चीजों का इस्तेमाल हम कैसे कर सकते हैं. इन चीजों के इस्तेमाल से अपनी प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ा सकते हैं, ये सब नुस्खे इस एप में मौजूद हैं. ऐसा नहीं है कि इन्हें केवल नुस्खे के तौर पर ही प्रस्तुत किया गया है, बल्कि इसके वैज्ञानिक आधार को भी इसमें दर्शाया गया है. लॉकडाउन में लोग घर में हैं, ऐसे में लोगों में तनाव न हो और उनका शरीर स्वस्थ रहे. इसके लिए योगा के टिप्स भी इसके माध्यम से दिए जा रहे हैं. प्राणायाम और योगासन करके खुद को कैसे स्वस्थ रख सकें, इसकी भी जानकारी इस ऐप के माध्यम से दी जा रही है. साथ ही इस एप में लाइव योगा और योगा गैलरी भी उपलब्ध है.


कोरोना के दौरान यदि किसी को समस्या हो रही है तो वे लोग प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम से लेकर सरकार की तरफ से जिला स्तर के स्थापित किए गए कंट्रोल रूम से इस ऐप के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं. इस ऐप के माध्यम से योग का प्रशिक्षण देने वाले सभी योग शिक्षक सरकारी कॉलेजों के हैं. आयुर्वेद निदेशालय के दक्ष लोगों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. योगा के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय का योगा संस्थान के साथ मिलकर किया जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक यह ऐप अब तक करीब साढ़े छह लाख लोग द्वारा डाउनलोड किया जा चुका है.

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