लखनऊ: सीएम योगी ने उद्योग पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाने और राज्य में सुदृढ़ लॉजिस्टिक्स अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. सरकार ने अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार को राज्यस्तरीय एकीकृत लॉजिस्टिक्स योजना का नोडल अधिकारी नामित किया है. उद्योगों की सुविधा के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं (सप्लाई चेन) और भण्डारण (वेयरहाउसिंग) सुविधाओं के विकास को आलोक कुमार की अध्यक्षता में गठित राज्यस्तरीय लाॅजिस्टिक्स प्रकोष्ठ (सेल) भारत सरकार के लाॅजिस्टिक्स डिवीजन से समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करेगा.
ये विभाग भी हैं शामिल
राज्य सरकार के अन्य संबंधित विभाग नियोजन, परिवहन, नागरिक उड्डयन, राजस्व, लोक निर्माण, निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो, यूपी एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) सेल के प्रमुख सदस्य होंगे. केंद्रीय एजेंसियां भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के नोडल अधिकारी सेल में विशेष आमंत्री होंगे. लाॅजिस्टिकस योजना की प्रगति और कार्यान्वयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्यस्तरीय लाॅजिस्टिक्स समन्वय समिति का गठन भी किया जाएगा. प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री, सतीश महाना ने कहा कि आत्मानिर्भर भारत के निर्माण और कोविड-19 महामारी के दौरान सप्लाई चेन्स में रुकावट को ध्यान में रखकर इस प्रकार की एकीकृत योजना लागू की जा रही है. इससे प्रदेश में लाॅजिस्टिक्स एवं सप्लाई चेन के विकास के लिए समन्वित व केंद्रित कार्रवाई सुनिश्चित हो सकेगी.
प्राप्त हुए 438 करोड़ के छह निवेश
अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने बताया कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को 'उद्योग का दर्जा' प्रदान करने से इस सेक्टर के लिए भूमि की लागत में काफी कमी आई है. इसके अलावा राज्य सरकार ने पहले ही इस सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए कई नए प्राविधान किए हैं. वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित हो रहा है. इस सेक्टर में अब तक लगभग 438 करोड़ रुपये के कुल छह निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. कहा कि सुदृढ़ लाॅजिस्टिक्स सुविधाओं की स्थापना के लिए राज्य सरकार छह मापदंडों पर कार्य करेगी. इसमें 'प्रतिस्पर्धी दरों पर लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था में सुगमता', 'लॉजिस्टिक्स अवस्थापना की गुणवत्ता', 'लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाताओं की गुणवत्ता', 'कार्गो परिवहन की सुरक्षा', 'विनियामक प्रक्रिया (रेगुलेटरी प्रॉसेस) की दक्षता' व 'राज्यस्तरीय समन्वय एवं सुविधा' शामिल हैं.
ये बनेगा सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब
एक्सप्रेस-वे के नेटवर्क के साथ ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) का जंक्शन ग्रेटर नोएडा के दादरी में है. इसको भारत में सबसे बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने की योजना है. राज्य में बोडाकी और वाराणसी में मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स व ट्रांसपोर्ट हब विकसित किए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश निजी लॉजिस्टिक पार्क नीति घोषित करने वाले अग्रणी राज्यों में से एक है. भारत में सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों में से एक जेवर में आगामी नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से राज्य की लाभ की स्थिति में वृद्धि होगी.
25 से अधिक मार्गों को किया है चिन्हित
राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के अन्तर्गत हल्दिया के पूर्वी बंदरगाह से वाराणसी तक कार्गो के परिवहन की सुविधा सहित राज्य में निर्मित वायु, जल, सड़क और रेल नेटवर्क के कनेक्टिविटी नेटवर्क के फलस्वरूप उद्योगों और मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को परिवहन के विभिन्न माध्यमों को निर्बाध रूप से उपयोग कर भारत और विदेशों के बाजारों में अपना माल भेजने में मदद मिलेगी. उडान रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत फोकस राज्यों में से एक होने के कारण प्रदेश में स्थानीय वायु कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए इस योजना के अन्तर्गत 25 से अधिक मार्गों को चिन्हित किया गया है.