लखनऊ: राजधानी में घायल एक मरीज को भर्ती कराने के लिए तीमारदार रात भर एक से दूसरे अस्पताल भटकते रहे, लेकिन कहीं भी मरीज को इलाज नहीं मिला. दर्द से तड़पते मरीज को प्राथमिक इलाज तक मुहैया कराने की जहमत किसी भी अस्पताल ने नहीं उठाई. सुबह जब परिजनों ने हंगामा किया तब मरीज की ट्रॉमा सेंटर में भर्ती की प्रक्रिया चालू हुई.
जानिए पूरा मामला
रायबरेली निवासी शिवम साहू हदासे में घायल हो गए. शिवम के जबड़े में गंभीर चोट आई है. उनके परिजन उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जबड़े में फ्रैक्चर होने की बात कही. मरीज को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में रेफर कर दिया. परिवार के सदस्य नरेश साहू ने बताया कि मंगलवार रात आठ बजे मरीज को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंच गए थे. यहां डॉक्टरों ने छोटे अस्पताल ले जाने की सलाह दी. दर्द से कराहते मरीज को परिजन लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने डेंटल सर्जन न होने की बात कहकर मरीज को लौटा दिया. इस दौरान परिजनों ने मरीज को भर्ती करने की फरियाद की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. थकहार कर परिजन मरीज को लेकर फिर से ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. परिजनों के काफी हंगामा करने के बाद डॉक्टर मरीज को भर्ती करने के लिए राजी हुए.
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक इमरजेंसी में किसी भी मरीज को लौटाया नहीं जा रहा है. कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. मरीजों का दबाव काफी है.
वहीं लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक डेंटल सर्जन का संकट है. सभी मरीजों को प्राथमिक इलाज मुहैया कराने के निर्देश हैं.