लखनऊ: गैलेंट ग्रुप के पांच राज्यों में 60 ठिकानों पर चल रही इनकम टैक्स की छापेमारी के तीसरी दिन आईटी टीम ने गोरखपुर की बैंकों में ग्रुप के मालिकों से जुड़े 10 बेनामी बैंक लॉकर्स (Income Tax Raid on Galant Group In Lucknow) खोले. जांच में सामने आया था कि, ये लॉकर्स गैलेंट ग्रुप के मालिकों ने अपने नौकरों के नाम से खोले थे. इन लॉकर्स से आईटी टीम को करोड़ों रुपये के जेवरात मिले. वहीं छापेमारी के दौरान 600 करोड़ रुपये के टैक्स चोरी के सबूत मिलने पर इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी गैलेंट के मालिकों के बयान दर्ज कर रहे हैं.
वहीं राजधानी लखनऊ में गैलेंट ग्रुप ने जिस सोसाइटी की जमीन को औने-पौने दाम में खरीदा कर बिल्डर के साथ मिलकर सैकड़ों फ्लैट बनाए हैं. वह भी इनकम टैक्स की रडार पर है. महानगर स्थित इस जमीन की खरीद और सैंकड़ों फ्लैट्स के निर्माण के बारे में ग्रुप के मालिकों से इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं. इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक, जिस जमीन पर सैकड़ों फ्लैट बनाए गए हैं, वह सरकारी जमीन है. यही नहीं जिस तरह इस जमीन को औने-पौने दाम दिखा कर खरीदा गया है. वह भी शक के घेरे में है.
दरअसल, इनकम टैक्स विभाग ने बुधवार को एक साथ यूपी, दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल और गुजरात में गैलेंट ग्रुप के 65 ठिकानों पर छापेमारी की थी. लखनऊ में गैलेंट ग्रुप के पार्टनर शुभम अग्रवाल के महानगर स्थित शालीमार गैलेंट अपार्टमेंट के फ्लैट को भी खंगाला था. इसके अलावा गोरखपुर में बैंक रोड स्थित ग्रुप के ऑफिस और बरगडवा इलाके में स्थित फैक्ट्री में छापेमारी की थी. यूपी, बिहार, दिल्ली, गुजरात और पश्चिम बंगाल में मारे गए छापों में अब तक 6 करोड़ रुपये की नगदी और करीब 12 करोड़ रुपये के जेवरात भी बरामद हुए थे.
इनकम टैक्स विभाग को 200 से अधिक संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं. बतादें कि अत्याधुनिक संयंत्रों के माध्यम से गैलेंट ग्रुप उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और गुजरात के कच्छ में स्थित फैक्ट्रियों से हर साल एक मिलियन टन से अधिक सरिया का उत्पादन करता है. गैलेंट इस्पात लिमिटेड लोहा और इस्पात और कृषि उत्पादों का निर्माण और बिक्री करता है. कंपनी स्टील, पावर, एग्रो और रियल एस्टेट सेगमेंट के जरिए ऑपरेट करती है.
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