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गांवों के ताल-तलैया बन रहे अमृत सरोवर, राजधानी के तालाब अतिक्रमण का शिकार - ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट

राजधानी लखनऊ के तालाबों के सरंक्षण को लेकर सरकार हर साल अभियान चलाती है और भारी भरकम बजट खपाती है. इसके बावजूद तालाबों पर अतिक्रमण बढ़ते जा रहे हैं और वजूद खत्म होता जा रहा है. देखें ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

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Published : Jun 16, 2023, 7:44 PM IST

राजधानी के तालाब अतिक्रमण का शिकार. देखें खबर

लखनऊ : प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बने तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर उन्हें अमृत सरोवर योजना से आच्छादित कर रही है और उन्हें सुंदर बनाने का काम हो रहा है. इसके इतर राजधानी लखनऊ के तालाबों से अतिक्रमण हटाने की तरफ किसी का ध्यान नहीं है. राजधानी लखनऊ के तमाम इलाकों में बने तालाबों पर अतिक्रमण हो चुका है. आसपास के लोगों ने तालाबों पर काफी हद तक कब्जा जमा लिया है. ईटीवी भारत ने राजधानी के तालाबों की स्थिति देखी तो चौंकाने वाले नजारे देखने को मिले.

शहर के तालाबों पर अवैध कब्जा.
शहर के तालाबों पर अवैध कब्जा.
राजधानी के तालाब अतिक्रमण का शिकार.
राजधानी के तालाब अतिक्रमण का शिकार.

राजाजीपुरम, सरोजनीनगर, मोहनलालगंज, चौक, गोमतीनगर विस्तार, जैसे तमाम इलाकों के तालाबों पर पूरी तरह से कब्जा हो गया है. आसपास के लोगों के अलावा कई जगह भूमाफिया ने तालाबों का सौदा कर डाला है. अतिक्रमण की वजह से कई बड़े तालाब सिमट कर गड्ढे मात्र रह गए हैं. कई इलाकों में लोगों ने तालाबों में ही पूरा घर बना रखा है. वहीं दूसरी ओर ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से अमृत सरोवर योजना के माध्यम से गांवों के तालाबों को संवारने का काम किया जा रहा है. हालांकि कई गांवों में तालाबों पर कब्जे हैं. ऐसे में प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े लाजमी हैं. बहरहाल प्रशासन की ऐसी अनदेखी की वजह से ही लखनऊ में तालाबों के जीर्णोद्धार और पुनर्जीवित करने की मंशा सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रह गई है.

शहर के तालाबों पर अवैध कब्जा.
शहर के तालाबों पर अवैध कब्जा.
राजधानी के तालाबों से हटेगा अतिक्रमण.
राजधानी के तालाबों से हटेगा अतिक्रमण.


मुनिकान्त मिश्रा कहते हैं कि शहर के जो तालाब हैं उन्हें कब्जा से मुक्त कराना चाहिए, क्योंकि जो तालाब कब्जा मुक्त हो जाएंगे तो उसे आमजनों को फायदा होगा. तालाबों के संरक्षण से गर्मी में पशु-पक्षियों के लिए पीने के लिए पाने के अलावा भूगर्भ जल स्तर बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी. इससे शहर का सुंदरीकरण भी होगा. सरकार को और प्रशासन को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए. जिससे तालाब की जो परिकल्पना है वह साकार हो सके और जहां पर भी कब्जे हैं उसे खाली कराकर तालाब को उसके वास्तविक स्वरूप में लाना चाहिए.

शहर के तालाबों पर अवैध कब्जा.
शहर के तालाबों पर अवैध कब्जा.


माला वर्मा कहती हैं कि पारा गांव के आसपास के लोगों ने तालाब पर कब्जा कर रखा है. कचरा भी तालाब में ही फेंकते हैं. तालाब को खेलने का मैदान या पार्क भी बनाया जा सकता है. अतिक्रमण मुक्त कराकर तालाबों को सुंदरीकरण कराना चाहिए. राजाजीपुरम की सावित्री कहती हैं कि यहां पर जो तालाब है उसमें गंदगी भरी है. आसपास के लोगों ने कब्जा कर काफी हिस्से पर पक्के निर्माण करा लिए हैं. बाकी हिस्से में कूड़ा डालकर पाट रहे हैं. अधिकारियों को तालाब से अतिक्रमण हटाना चाहिए या फिर इसे पार्क के रूप में विकसित कराया जाना चाहिए.





यह भी पढ़ें : लखनऊ रेलवे स्टेशन पर नहीं बचा इंटीग्रेटेड पार्किंग का नामोनिशान, फिर भी यात्रियों से वसूला जा रहा पैसा

राजधानी के तालाब अतिक्रमण का शिकार. देखें खबर

लखनऊ : प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बने तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर उन्हें अमृत सरोवर योजना से आच्छादित कर रही है और उन्हें सुंदर बनाने का काम हो रहा है. इसके इतर राजधानी लखनऊ के तालाबों से अतिक्रमण हटाने की तरफ किसी का ध्यान नहीं है. राजधानी लखनऊ के तमाम इलाकों में बने तालाबों पर अतिक्रमण हो चुका है. आसपास के लोगों ने तालाबों पर काफी हद तक कब्जा जमा लिया है. ईटीवी भारत ने राजधानी के तालाबों की स्थिति देखी तो चौंकाने वाले नजारे देखने को मिले.

शहर के तालाबों पर अवैध कब्जा.
शहर के तालाबों पर अवैध कब्जा.
राजधानी के तालाब अतिक्रमण का शिकार.
राजधानी के तालाब अतिक्रमण का शिकार.

राजाजीपुरम, सरोजनीनगर, मोहनलालगंज, चौक, गोमतीनगर विस्तार, जैसे तमाम इलाकों के तालाबों पर पूरी तरह से कब्जा हो गया है. आसपास के लोगों के अलावा कई जगह भूमाफिया ने तालाबों का सौदा कर डाला है. अतिक्रमण की वजह से कई बड़े तालाब सिमट कर गड्ढे मात्र रह गए हैं. कई इलाकों में लोगों ने तालाबों में ही पूरा घर बना रखा है. वहीं दूसरी ओर ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से अमृत सरोवर योजना के माध्यम से गांवों के तालाबों को संवारने का काम किया जा रहा है. हालांकि कई गांवों में तालाबों पर कब्जे हैं. ऐसे में प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े लाजमी हैं. बहरहाल प्रशासन की ऐसी अनदेखी की वजह से ही लखनऊ में तालाबों के जीर्णोद्धार और पुनर्जीवित करने की मंशा सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रह गई है.

शहर के तालाबों पर अवैध कब्जा.
शहर के तालाबों पर अवैध कब्जा.
राजधानी के तालाबों से हटेगा अतिक्रमण.
राजधानी के तालाबों से हटेगा अतिक्रमण.


मुनिकान्त मिश्रा कहते हैं कि शहर के जो तालाब हैं उन्हें कब्जा से मुक्त कराना चाहिए, क्योंकि जो तालाब कब्जा मुक्त हो जाएंगे तो उसे आमजनों को फायदा होगा. तालाबों के संरक्षण से गर्मी में पशु-पक्षियों के लिए पीने के लिए पाने के अलावा भूगर्भ जल स्तर बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी. इससे शहर का सुंदरीकरण भी होगा. सरकार को और प्रशासन को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए. जिससे तालाब की जो परिकल्पना है वह साकार हो सके और जहां पर भी कब्जे हैं उसे खाली कराकर तालाब को उसके वास्तविक स्वरूप में लाना चाहिए.

शहर के तालाबों पर अवैध कब्जा.
शहर के तालाबों पर अवैध कब्जा.


माला वर्मा कहती हैं कि पारा गांव के आसपास के लोगों ने तालाब पर कब्जा कर रखा है. कचरा भी तालाब में ही फेंकते हैं. तालाब को खेलने का मैदान या पार्क भी बनाया जा सकता है. अतिक्रमण मुक्त कराकर तालाबों को सुंदरीकरण कराना चाहिए. राजाजीपुरम की सावित्री कहती हैं कि यहां पर जो तालाब है उसमें गंदगी भरी है. आसपास के लोगों ने कब्जा कर काफी हिस्से पर पक्के निर्माण करा लिए हैं. बाकी हिस्से में कूड़ा डालकर पाट रहे हैं. अधिकारियों को तालाब से अतिक्रमण हटाना चाहिए या फिर इसे पार्क के रूप में विकसित कराया जाना चाहिए.





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