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अफसरों की मेहरबानी से यूपी में धड़ल्ले से दौड़ रहीं दूसरे राज्यों की अवैध बसें, राजधानी में लगा जाम - Deputy Transport Commissioner Nirmal Prasad

परिवहन विभाग के अधिकारी इन दिनों अवैध बसों के खिलाफ दिनरात अभियान चला रहे हैं. परिवहन विभाग के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निर्मल प्रसाद ने 10 मई से 12 मई तक अवैध बसों के खिलाफ परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम के चेकिंग अभियान का आंकड़ा जारी किया. इस अभियान में कई जिलों के एआरटीओ और पीटीओ शामिल हैं.

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दूसरे राज्यों की अवैध बसें
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Published : May 12, 2022, 3:26 PM IST

लखनऊ : परिवहन विभाग के अधिकारी इन दिनों अवैध बसों के खिलाफ दिनरात अभियान चलाने में जुटे हुए हैं. अभियान के दौरान यह भी सामने आ रहा है कि लगातार सख्ती के बावजूद अवैध बस संचालक बेखौफ होकर बसों का संचालन कर रहे हैं. देश के विभिन्न राज्यों की बसें लखनऊ से होते हुए दिल्ली और अन्य राज्यों के लिए बिना रूट परमिट के ही दौड़ रही हैं. हालांकि अब परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने शिकंजा कसना शुरू किया है.

जिलों के अधिकारियों पर खड़े हो रहे सवाल : परिवहन विभाग के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निर्मल प्रसाद ने 10 मई से 12 मई तक अवैध बसों के खिलाफ परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम के चेकिंग अभियान का आंकड़ा जारी किया है. इस अभियान में कई जिलों के एआरटीओ और पीटीओ शामिल हैं. इस अभियान के दौरान प्रवर्तन टीमों ने कुल 43 बसों को अनाधिकृत रूट पर संचालित होते हुए पकड़े जाने पर कार्रवाई की है. यह बसें यूपी के अलावा अन्य कई राज्यों की हैं. इनमें राजस्थान, बिहार, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्य मुख्य रूप से शामिल हैं.

बसें वाया लखनऊ होते हुए दिल्ली के रूटों पर बिना रूट परमिट के ही दौड़ रही हैं. इनके कागज भी पूरे नहीं हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि विभिन्न जिलों से होते हुए यह बसें दिल्ली समेत अन्य राज्यों तक पहुंच जाती हैं तो संबंधित जिलों के परिवहन विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी करते क्या रहते हैं? लखनऊ की सीमा में दाखिल होने के बाद ही ऐसे अवैध बस संचालकों पर कार्रवाई हो पाती है.

पढ़ेंः हाउस टैक्स जमा करना होगा आसान, नगर निगम करने जा रहा बड़े बदलाव

परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम में लखनऊ की एआरटीओ (प्रवर्तन) अंकिता शुक्ला, एआरटीओ (प्रवर्तन) अमित राजन राय, पीटीओ आशुतोष उपाध्याय और उन्नाव के एआरटीओ (प्रवर्तन) अरविंद कुमार सिंह और हरदोई के पीटीओ विवेक सिंह के अलावा सीतापुर के एआरटीओ (प्रवर्तन) उदित नारायण पांडेय की टीम ने तीन दिन में कुल 43 बसों की जांच की. इस दौरान परिवहन विभाग के नियमों का उल्लंघन करने वाली नौ बसों को सीज करने की कार्रवाई की गई. वहीं 34 बसों का चालान करके छोड़ दिया गया.

फिलहाल, अब बस संचालकों को अनाधिकृत रूट पर चलने में दिक्कतें पेश आने लगी हैं क्योंकि दिन में जिस रूट से बस चालक अपनी बस लेकर निकलते हैं, उसी रूट पर उन्हें परिवहन विभाग के अधिकारी मौजूद मिलते हैं. इससे ये अवैध बस संचालक पकड़ में आ जाते हैं. यही सिलसिला रात में भी जारी है. ऐसे में अब अवैध बस संचालकों का अनाधिकृत रूट पर उतरना भी मुश्किल होता जा रहा है.

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लखनऊ : परिवहन विभाग के अधिकारी इन दिनों अवैध बसों के खिलाफ दिनरात अभियान चलाने में जुटे हुए हैं. अभियान के दौरान यह भी सामने आ रहा है कि लगातार सख्ती के बावजूद अवैध बस संचालक बेखौफ होकर बसों का संचालन कर रहे हैं. देश के विभिन्न राज्यों की बसें लखनऊ से होते हुए दिल्ली और अन्य राज्यों के लिए बिना रूट परमिट के ही दौड़ रही हैं. हालांकि अब परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने शिकंजा कसना शुरू किया है.

जिलों के अधिकारियों पर खड़े हो रहे सवाल : परिवहन विभाग के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निर्मल प्रसाद ने 10 मई से 12 मई तक अवैध बसों के खिलाफ परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम के चेकिंग अभियान का आंकड़ा जारी किया है. इस अभियान में कई जिलों के एआरटीओ और पीटीओ शामिल हैं. इस अभियान के दौरान प्रवर्तन टीमों ने कुल 43 बसों को अनाधिकृत रूट पर संचालित होते हुए पकड़े जाने पर कार्रवाई की है. यह बसें यूपी के अलावा अन्य कई राज्यों की हैं. इनमें राजस्थान, बिहार, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्य मुख्य रूप से शामिल हैं.

बसें वाया लखनऊ होते हुए दिल्ली के रूटों पर बिना रूट परमिट के ही दौड़ रही हैं. इनके कागज भी पूरे नहीं हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि विभिन्न जिलों से होते हुए यह बसें दिल्ली समेत अन्य राज्यों तक पहुंच जाती हैं तो संबंधित जिलों के परिवहन विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी करते क्या रहते हैं? लखनऊ की सीमा में दाखिल होने के बाद ही ऐसे अवैध बस संचालकों पर कार्रवाई हो पाती है.

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परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम में लखनऊ की एआरटीओ (प्रवर्तन) अंकिता शुक्ला, एआरटीओ (प्रवर्तन) अमित राजन राय, पीटीओ आशुतोष उपाध्याय और उन्नाव के एआरटीओ (प्रवर्तन) अरविंद कुमार सिंह और हरदोई के पीटीओ विवेक सिंह के अलावा सीतापुर के एआरटीओ (प्रवर्तन) उदित नारायण पांडेय की टीम ने तीन दिन में कुल 43 बसों की जांच की. इस दौरान परिवहन विभाग के नियमों का उल्लंघन करने वाली नौ बसों को सीज करने की कार्रवाई की गई. वहीं 34 बसों का चालान करके छोड़ दिया गया.

फिलहाल, अब बस संचालकों को अनाधिकृत रूट पर चलने में दिक्कतें पेश आने लगी हैं क्योंकि दिन में जिस रूट से बस चालक अपनी बस लेकर निकलते हैं, उसी रूट पर उन्हें परिवहन विभाग के अधिकारी मौजूद मिलते हैं. इससे ये अवैध बस संचालक पकड़ में आ जाते हैं. यही सिलसिला रात में भी जारी है. ऐसे में अब अवैध बस संचालकों का अनाधिकृत रूट पर उतरना भी मुश्किल होता जा रहा है.

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