लखनऊ: गीतों को नए अंदाज से स्वर देने वाली गुप चुप गुप चुप गर्ल ईला अरुण शनिवार को लखनऊ पहुंची. यहां वह जयपुरिया स्कूल के 'क्रिसेंडो 2019' में हिस्सा लिया. इसके बाद उन्होंने भारत से खास गीतों के नए प्रयोगो पर बातचीत की. उनका ननिहाल उन्नाव में है थिएटर के लिए कई बार लखनऊ आ चुकी है.
थिएटर मेरा पहला प्यार है-
ईला का कहना है कि थिएटर मेरा पहला प्यार है और मैं इससे अलग नहीं हो सकती. मेरा ननिहाल उत्तर प्रदेश से ही जुड़ा हुआ है इसलिए लखनऊ में भी मेरा आना जाना काफी हुआ है. मैंने पिछले कई वर्षों में लखनऊ में बदलाव देखे हैं. पहले उत्तर प्रदेश आने के नाम पर हम पिछड़ते थे लेकिन अब मैं देख रही हूं कि धीरे-धीरे यहां लोगों की सोच और रहन-सहन में बदलाव आ रहा है. हालांकि तहजीब और संस्कृति हमेशा से ही लखनऊ के यूएसपी रही है, लेकिन अब यहां कुछ और परिवर्तन भी आ रहे हैं.
थिएटर में प्रतिभा के आधार पर नहीं किया जाता आंकलन-
अब लोग कंटेंट सिनेमा की ओर ज्यादा जोर दे रहे हैं मैं मानती हूं कि यह थिएटर से जुड़ा हुआ है. नकारात्मकता यह है कि थिएटर के व्यक्ति को लोग पैसे नहीं देना चाहते है. वह चाहते हैं कि थिएटर में कोई ऐसा व्यक्ति है जो अपने लाइने न भूले लेकिन उसे उसकी प्रतिभा के आधार पर आंकलन नहीं किया जाता है. अगर इस तरफ भी ध्यान दिया जाए तो वाकई काफी कुछ अच्छा हो सकता है.
बच्चों में है प्रतिभा और जुनून-
रियलिटी शोज में जब मैं बच्चों को देखती हूं तो मुझे लगता है कि इनके सामने तो मैं कभी गा ही नहीं पाऊंगी. इन बच्चों के पास इतनी अधिक प्रतिभा है और जुनून है, लेकिन साथ ही इन रियलिटी शोज की वजह से इन बच्चों पर काफी दबाव भी पड़ता है. रियलिटी शो का हिस्सा बनने से इन बच्चों के परिवारों की आर्थिक स्थिति जरूर कहीं न कहीं सशक्त होती होगी. लेकिन इन पर मानसिक दबाव बनाना कभी सही नहीं हो सकता.