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आईजी रेंज ने सुनाई फर्रुखाबाद के 'ऑपरेशन मासूम' की सफलता की कहानी

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Published : Feb 1, 2020, 11:11 PM IST

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में गुरुवार को एक सिरफिरे ने कई बच्चों को बंधक बना लिया. इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर किस तरह से स्थिति पर काबू पाया और इस ऑपरेशन को सफल बनाया गया. इसके बारे में आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल ने मीडिया से बात कर जानकारी साझा की.

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आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल

लखनऊ: फर्रुखाबाद में 23 मासूम बच्चों को सनकी अपराधी से छुड़ाने के लिए पुलिस की ओर से चलाए गए 'ऑपरेशन मासूम' के बारे में आईजी मोहित अग्रवाल ने जानकारी दी. मोहित अग्रवाल शनिवार को मुख्यमंत्री सचिवालय लोक भवन पहुंचे और सरकार के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी की उपस्थिति में मीडिया के समक्ष पूरा घटनाक्रम सुनाया. उन्होंने बताया कि पुलिस के सामने किस प्रकार से चुनौतियां थीं. पूरी तैयारी के बाद किस तरह अंतिम क्षण में डेढ़ से दो मिनट के अंदर ऑपरेशन को सफल बनाया गया.

आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल ने दी जानकारी.

आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस वहां पहुंची. लोगों ने समझाया, लेकिन वह नहीं माना. फिर मौके पर मैं खुद गया और उसे समझाने की कोशिश की. अपराधी सुभाष बाथम ने कहा कि उसकी मांग पूरी होने तक वह बच्चों को नहीं छोड़ेगा. वह अपने ऊपर लगे सारे मुकदमे वापस लेने की मांग कर रहा था. उसकी पत्नी भी प्रत्येक बच्चे पर एक करोड़ रुपये और पति पर लगे मुकदमे खत्म करने की मांग कर रही थी.

इसे भी पढ़ें- फर्रुखबाद के रेस्क्यू ऑपरेशन में जानें क्या थी वजह, एडीजी कानपुर जोन ने दी जानकारी

इसके बाद पूरी टीम छत पर पहुंची और स्थिति का आकलन किया, दो टीमों बनाई गईं. एक टीम उसे बाहर निकलने के लिए मजबूर कर रही थी. वहीं दूसरी टीम के तहत बाहर के गेट की तरफ से हम लोग दरवाजा पीटना शुरू किया. उसे बाहर आने की बात कही. वह उधर सामने की तरफ व्यस्त रहा. उसने एक बार सामने के गेट पर गोली भी चलाई. तब तक पीछे का गेट तोड़कर हम लोग अंदर घुस गए. अपराधी दंपति को आभास हो गया कि वह पकड़े जा सकते हैं, तो तुरंत बाहर की तरफ भागने लगे. अपराधी की पत्नी रूबी भीड़ में फंस गई.

आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल ने दी जानकारी.

मौके की नजाकत को देखते हुए आरोपी सुभाष वापस बच्चों के पास भागने लगा. वह बच्चों को पुलिस से बचने के लिए फिर से हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना चाह रहा था, लेकिन हमारी टीम तब तक बच्चों तक पहुंच चुकी थी. उसको समझाने की कोशिश की गई. पुलिस गिरफ्तारी करना चाह रही थी, लेकिन उसने पुलिस पर फायर किया. पुलिस की ओर से जवाबी फायरिंग में वह मारा गया.

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वहीं बदले की भावना से बच्चों को कैद करने के सवाल पर आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि यदि बदले की बात होती तो वह जिन लोगों से उसके रिश्ते खराब थे, उन्हीं के बच्चों को कैद करता. लेकिन उसने पूरे गांव के बच्चों को कैद कर लिया था. उसकी मंशा साफ थी, वह सरकार को हाईजैक करना चाहता था. हर हाल में अपनी मांग पूरी करवाना चाहता था. उसे पता था कि बच्चों को बचाने के लिए सरकार उसकी मांग मान सकती है.

लखनऊ: फर्रुखाबाद में 23 मासूम बच्चों को सनकी अपराधी से छुड़ाने के लिए पुलिस की ओर से चलाए गए 'ऑपरेशन मासूम' के बारे में आईजी मोहित अग्रवाल ने जानकारी दी. मोहित अग्रवाल शनिवार को मुख्यमंत्री सचिवालय लोक भवन पहुंचे और सरकार के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी की उपस्थिति में मीडिया के समक्ष पूरा घटनाक्रम सुनाया. उन्होंने बताया कि पुलिस के सामने किस प्रकार से चुनौतियां थीं. पूरी तैयारी के बाद किस तरह अंतिम क्षण में डेढ़ से दो मिनट के अंदर ऑपरेशन को सफल बनाया गया.

आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल ने दी जानकारी.

आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस वहां पहुंची. लोगों ने समझाया, लेकिन वह नहीं माना. फिर मौके पर मैं खुद गया और उसे समझाने की कोशिश की. अपराधी सुभाष बाथम ने कहा कि उसकी मांग पूरी होने तक वह बच्चों को नहीं छोड़ेगा. वह अपने ऊपर लगे सारे मुकदमे वापस लेने की मांग कर रहा था. उसकी पत्नी भी प्रत्येक बच्चे पर एक करोड़ रुपये और पति पर लगे मुकदमे खत्म करने की मांग कर रही थी.

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इसके बाद पूरी टीम छत पर पहुंची और स्थिति का आकलन किया, दो टीमों बनाई गईं. एक टीम उसे बाहर निकलने के लिए मजबूर कर रही थी. वहीं दूसरी टीम के तहत बाहर के गेट की तरफ से हम लोग दरवाजा पीटना शुरू किया. उसे बाहर आने की बात कही. वह उधर सामने की तरफ व्यस्त रहा. उसने एक बार सामने के गेट पर गोली भी चलाई. तब तक पीछे का गेट तोड़कर हम लोग अंदर घुस गए. अपराधी दंपति को आभास हो गया कि वह पकड़े जा सकते हैं, तो तुरंत बाहर की तरफ भागने लगे. अपराधी की पत्नी रूबी भीड़ में फंस गई.

आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल ने दी जानकारी.

मौके की नजाकत को देखते हुए आरोपी सुभाष वापस बच्चों के पास भागने लगा. वह बच्चों को पुलिस से बचने के लिए फिर से हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना चाह रहा था, लेकिन हमारी टीम तब तक बच्चों तक पहुंच चुकी थी. उसको समझाने की कोशिश की गई. पुलिस गिरफ्तारी करना चाह रही थी, लेकिन उसने पुलिस पर फायर किया. पुलिस की ओर से जवाबी फायरिंग में वह मारा गया.

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वहीं बदले की भावना से बच्चों को कैद करने के सवाल पर आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि यदि बदले की बात होती तो वह जिन लोगों से उसके रिश्ते खराब थे, उन्हीं के बच्चों को कैद करता. लेकिन उसने पूरे गांव के बच्चों को कैद कर लिया था. उसकी मंशा साफ थी, वह सरकार को हाईजैक करना चाहता था. हर हाल में अपनी मांग पूरी करवाना चाहता था. उसे पता था कि बच्चों को बचाने के लिए सरकार उसकी मांग मान सकती है.

Intro:लखनऊ: सुनिए फर्रुखाबाद घटना ऑपरेशन मासूम को सफल बनाने वाले आईजी मोहित अग्रवाल की जुबानी

लखनऊ। फर्रुखाबाद में मासूम बच्चों को सनकी अपराधी से छुड़ाने के लिए पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन मासूम की पूरी दास्तां आईजी मोहित अग्रवाल ने सुनाई। मोहित अग्रवाल ने शनिवार को मुख्यमंत्री सचिवालय लोक भवन पहुंचे और सरकार के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी की उपस्थिति में मीडिया के समक्ष पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस के सामने किस प्रकार से चुनौतियां थीं। पूरी तैयरी के बाद अंतिम क्षण डेढ़ से दो मिनट के अंदर ऑपरेशन को सफल बनाया गया।


Body:आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल ने बताया घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस वहां पहुंची। लोगों ने समझाया। पर नहीं माना। फिर मौके पर मैं खुद गया समझाने की कोशिश की। अपराधी सुभाष बाथम ने कहा कि उसकी मांग पूरी होने तक बच्चों को वह नहीं छोड़ेगा। अपने ऊपर लगे सारे मुकदमे वापस लेने की मांग कर रहा था। उसकी पत्नी भी प्रत्येक बच्चे पर एक करोड़ रुपये की और पति पर लगे मुकदमे खत्म करने की मांग कर रही थी। उसे समझाने के बाद भी नहीं मानी।

इसके बाद पूरी टीम छत पर पहुंची। दूसरी तरफ उसे बाहर निकलने के लिए मजबूर किया जा रहा था। बाहर के गेट की तरफ से हम लोग दरवाजा पीटना शुरू किया। उसे बाहर आने की बात कही। वह उधर सामने की तरफ व्यस्त रहा। उसने एक बार गोली भी चलाई सामने के गेट पर। तब तक पीछे का गेट तोड़कर हम लोग अंदर घुस गए। अपराधी दंपति को आभास हो गया कि वह पकड़ा जा सकते हैं। तो तुरंत बाहर की तरफ भागने लगे। अपराधी की पत्नी रूबी भीड़ में फंस गई। मौके की नजाकत को देखते हुए सुभाष वापस बच्चों के पास भागने लगा। वह बच्चों को पुलिस से बचने के लिए फिर से हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना चाह रहा था। लेकिन हमारी टीम तब तक बच्चों तक पहुंच चुकी थी। उसको समझाने की कोशिश की गई। पुलिस गिरफ्तारी करना चाह रहे थी। लेकिन उसने पुलिस पर फायर किया। जवाबी फायरिंग में मारा गया। भीड़ से चोटिल उसकी पत्नी को अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वह वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

बदले की भावना से बच्चों को कैद करने के सवाल पर आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि यदि बदले की बात होती तो वह जिन लोगों से उसके रिश्ते खराब थे उन्हीं के बच्चों को कैद करते। लेकिन उसने पूरे गांव के बच्चों को कैद कर लिया था। उसकी मंशा साफ थी। वह सरकार को हाईजैक करना चाहता था। हर हाल में अपनी मांग पूरी करवाना चाहता था। उसे पता था कि बच्चों को बचाने के लिए सरकार उसकी मांग मान सकती है।

दिलीप शुक्ला, 9450663213


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