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लखनऊ: कोरोना संकटकाल में रोजेदारों के इफ्तार और सहरी में कितना बदलाव

लॉकडाउन के बीच शनिवार से रमजान का महीना शुरू हो गया. कोरोना संकटकाल में इस बार का रमजान कई मामलों में अलग है. लॉकडाउन की वजह से इस बार लोग घर में ही इबादत और इफ्तार कर रहे हैं.

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रमजान में इफ्तार और सहरी.
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Published : Apr 26, 2020, 4:30 PM IST

लखनऊ: रमजान का महीना शुरू होने के साथ ही रोजेदारों के खान-पान और दिनचर्या में कई बदलाव हो जाते हैं. इस साल लॉकडाउन के चलते खाने-पीने के सामान मिलने में लोगों को दिक्कतें भी हो रही हैं. लखनऊ में सम्पूर्ण लॉकडाउन के चलते मीट और मुर्गे की बिक्री पर भी रोक है, हालांकि कई लोग एहतियात के तौर पर भी सिर्फ शाकाहारी भोजन का ही सेवन कर रहे हैं. लखनऊ के मुशीर लारी का परिवार कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पिछले दो महीनों से ही शाकाहारी भोजन का सेवन कर रहा है. वहीं रमजान में सेहरी और इफ्तार में घर की महिलाएं शाकाहारी भोजन की नई-नई डिशेस बनाकर परिवार को परोस रही हैं.

देखें रिपोर्ट.

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लारी परिवार घर में ही रहकर इबादत और रमजान की तैयारियों में मशगूल है. सुबह उठकर मुशीर की पत्नी और बेटी पूरे परिवार के लिए सहरी बनाने का काम करती हैं. मुशीर अहमद की बेटी नाहिद बताती हैं कि लॉकडाउन के चलते घर में काम करने वाला स्टाफ अपने गांव चला गया था. बाहर से आने वाली काम करने के लिए महिला लॉकडाउन के चलते नहीं आ रही है. ऐसे में अब पवित्र महीना रमजान भी शुरू हो गया, जिसमें घर के ही सदस्य और उनकी बेटियां अपनी नानी के साथ मिलकर किचन में हाथ बंटाती हैं.

ये भी पढ़ें- लखनऊः केजीएमयू में 665 सैंपल की जांच, 5 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि

नाहिद अपनी मां और दो बेटियों के साथ मिलकर सबके लिए इफ्तार और सहरी का दस्तरख्वान सजाती हैं. परिवार के मुखिया मुशीर रोजा खोलने से पहले पूरे परिवार को कोरोना वायरस से देश को मुक्ति दिलाने और जल्द ही दुनिया से इस बीमारी के खात्मे की विशेष दुआ करते हैं. नाहिद की बेटी आयत अली खान अभी स्कूल में पढ़ती है, लेकिन लॉकडाउन के चलते घर पर ही पूरे वक्त रहने की वजह से इबादत और नानी के साथ किचन में इफ्तारी बनाने में पूरी मदद कर रही है.

गौरतलब है कि रमजान के इस बार रोजे में भूख प्यास के साथ बढ़ती गर्मी और कोरोना का खतरा भी मंडरा रहा है. ऐसे में लोग खुद ही लॉकडाउन के चलते सेल्फ क्वारंटाइन हैं. इस दौरान लोग इबादत के साथ वायरस के संक्रमण को देखते हुए अपने खान पान पर भी काफी ध्यान दे रहे हैं.

लखनऊ: रमजान का महीना शुरू होने के साथ ही रोजेदारों के खान-पान और दिनचर्या में कई बदलाव हो जाते हैं. इस साल लॉकडाउन के चलते खाने-पीने के सामान मिलने में लोगों को दिक्कतें भी हो रही हैं. लखनऊ में सम्पूर्ण लॉकडाउन के चलते मीट और मुर्गे की बिक्री पर भी रोक है, हालांकि कई लोग एहतियात के तौर पर भी सिर्फ शाकाहारी भोजन का ही सेवन कर रहे हैं. लखनऊ के मुशीर लारी का परिवार कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पिछले दो महीनों से ही शाकाहारी भोजन का सेवन कर रहा है. वहीं रमजान में सेहरी और इफ्तार में घर की महिलाएं शाकाहारी भोजन की नई-नई डिशेस बनाकर परिवार को परोस रही हैं.

देखें रिपोर्ट.

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लारी परिवार घर में ही रहकर इबादत और रमजान की तैयारियों में मशगूल है. सुबह उठकर मुशीर की पत्नी और बेटी पूरे परिवार के लिए सहरी बनाने का काम करती हैं. मुशीर अहमद की बेटी नाहिद बताती हैं कि लॉकडाउन के चलते घर में काम करने वाला स्टाफ अपने गांव चला गया था. बाहर से आने वाली काम करने के लिए महिला लॉकडाउन के चलते नहीं आ रही है. ऐसे में अब पवित्र महीना रमजान भी शुरू हो गया, जिसमें घर के ही सदस्य और उनकी बेटियां अपनी नानी के साथ मिलकर किचन में हाथ बंटाती हैं.

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नाहिद अपनी मां और दो बेटियों के साथ मिलकर सबके लिए इफ्तार और सहरी का दस्तरख्वान सजाती हैं. परिवार के मुखिया मुशीर रोजा खोलने से पहले पूरे परिवार को कोरोना वायरस से देश को मुक्ति दिलाने और जल्द ही दुनिया से इस बीमारी के खात्मे की विशेष दुआ करते हैं. नाहिद की बेटी आयत अली खान अभी स्कूल में पढ़ती है, लेकिन लॉकडाउन के चलते घर पर ही पूरे वक्त रहने की वजह से इबादत और नानी के साथ किचन में इफ्तारी बनाने में पूरी मदद कर रही है.

गौरतलब है कि रमजान के इस बार रोजे में भूख प्यास के साथ बढ़ती गर्मी और कोरोना का खतरा भी मंडरा रहा है. ऐसे में लोग खुद ही लॉकडाउन के चलते सेल्फ क्वारंटाइन हैं. इस दौरान लोग इबादत के साथ वायरस के संक्रमण को देखते हुए अपने खान पान पर भी काफी ध्यान दे रहे हैं.

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