लखनऊ: आईएएस ऑफिसर को कानपुर विकास प्राधिकरण के वीसी के पद पर तैनाती के लिए की गई एक करोड़ पच्चीस लाख रुपये की डील के खुलासे के बाद एसटीएफ ने बीते दिनों तीन आरोपी पीयूष, गौरीकांत दीक्षित और कमलेश कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था. कमलेश कुमार सिंह ने ही पीयूष और आईएएस अधिकारी के बीच में डील कराई थी. आईएएस अधिकारी पोस्टिंग डील में शामिल रहे कमलेश सिंह ने राजधानी लखनऊ लखनऊ में भी दर्जनों लोगों को चूना लगाया है.
कमलेश पर आरोप है कि अपने साथियों के साथ मिलकर उसने राजधानी लखनऊ में अवध इंफ्रारेड लिमिटेड नाम की फॉर्म का प्रयोग करते हुए लोगों को कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्लॉट उपलब्ध कराने की बात कही, जिसके लिए बाकायदा कॉन्ट्रैक्ट किया गया. कॉन्ट्रैक्ट की शर्त के अनुसार दो दर्जन लोगों से एडवांस के नाम पर लाखों रुपये लिए गए. जिसके बाद लोगों से मोटी रकम ऐंठने कर कमलेश फरार हो गया.
कमलेश ने यह फर्म अपनी पत्नी छाया सिंह के नाम से बनाई. फर्म बनाने के बाद शहीद पथ पर एक होटल अवध एवेन्यू के नाम से परियोजना और आवासीय परियोजना का निर्माण करने की बात कही और एडवांस बुकिंग की. लोगों ने एडवांस पैसा जमा किया, उसके बाद कमलेश फरार हो गया, जिसके बाद पीड़ितों ने रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा) में कमलेश और उसकी पत्नी के खिलाफ शिकायत की, जहां से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
बीते दिनों कमलेश की गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद अब पीड़ित गोमती नगर थाने व एसटीएफ ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं. दोनों ही जगह पर पीड़ितों ने कमलेश के खिलाफ लिखित शिकायत दी है.
पीड़ित मनोज सिंह ने बताया कि कमलेश ने उन्हें रेजिडेंशियल और आवासीय जमीन देने का वादा किया था, जिसके लिए उसने एडवांस रकम भी दी थी. जिसके बाद बाकायदा इसका कॉन्ट्रैक्ट किया गया था, लेकिन कॉन्ट्रैक्ट का समय पूरा होता इससे पहले ही एडवांस के रुपये लेकर कमलेश फरार हो गया. घटना के बाद पीड़ित रेरा में मदद मांगने का दरवाजा खटखटाया. जहां से कमलेश के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.