लखनऊ: लखीमपुर में 13 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी और उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को नोटिस जारी कर घटना के संदर्भ में जवाब तलब किया है. नोटिस में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पूछा है कि इस घटना के पीछे कौन दोषी है और दोषियों को लेकर अब तक क्या कार्रवाई की गई है. साथ ही पीड़ित के परिजनों को क्या सहायता उपलब्ध कराई गई है ?
बताते चलें कि बीते शुक्रवार को लखीमपुर खीरी में हैंडपंप पर पानी भरने गई एक 13 वर्षीय लड़की को 19 वर्षीय संजय गौतम और 25 वर्षीय संतोष यादव ने मोटरसाइकिल पर बिठाकर अगवा कर लिया था. इसके बाद नाबालिग का शव ईशानगर में बरामद किया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि हुई थी. इसके बाद पुलिस ने दोनों नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. क्षेत्रीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों आरोपी संजय और संतोष ने आरोपी के शव के साथ भी दरिंदगी की थी. हालांकि पुलिस ने इस बात की पुष्टि से इनकार किया है.
घटना के बाद बाल आयोग की सदस्य प्रीति वर्मा इस मामले के बारे में जानकारी जुटाने और पीड़ित के परिजनों से मिलने के लिए लखीमपुर खीरी पहुंची. यहां पर प्रीति वर्मा ने घटना के बाद पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी जुटाई. पीड़िता के परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई. प्रीति वर्मा ने कहा कि घटना के बाद पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई और पीड़िता के परिजनों को उपलब्ध कराई गई. साथ ही आर्थिक सहायता के संदर्भ में एक रिपोर्ट शासन को भेजी गई है. शासन की मंशा के तहत पीड़िता के परिवार के साथ न्याय हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. फिलहाल परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है. वहीं पीड़िता के शव के साथ हैवानियत को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रीति वर्मा ने कहा कि शव के साथ हैवानियत नहीं की गई है.