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कोरोना से लड़ाई में न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडी बेहद जरूरी: एचओडी SGPGI

उत्तर प्रदेश में कोरोना की स्थिति को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम राजधानी स्थित एसजीपीजीआई पहुंची, जहां कोविड-19 टेस्टिंग करने वाली माइक्रोबायोलॉजी लैब की एचओडी डॉक्टर उज्ज्वला घोषाल से बातचीत की. एचओडी ने कोरोना से जुड़े कई अहम पहलुओं पर जानकारी साझा की...आगे पढ़िए पूरी खबर...

वैक्शीनेशन के बाद कम हो रहे कोरोना केस.
वैक्शीनेशन के बाद कम हो रहे कोरोना केस.वैक्शीनेशन के बाद कम हो रहे कोरोना केस.
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Published : Mar 6, 2021, 10:38 AM IST

लखनऊ: पूरे देश में कोरोना वायरस महामारी को जड़ से उखाड़ फेकने के लिए देशव्यापी कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत की गई है. हालांकि देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़े हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामलों में लगातार कमी दर्ज की जा रही है.

वैक्शीनेशन के बाद कम हो रहे कोरोना केस.

एचओडी डॉक्टर उज्ज्वला घोषाल से ईटीवी भारत की बातचीत

देश भर में वृहद स्तर पर कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य किया जा रहा है. फिर भी देश के कई राज्यों- जैसे महाराष्ट्र और दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में कोरोना की स्थिति को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम राजधानी के एसजीपीजीआई पहुंची, जहां कोविड-19 टेस्टिंग करने वाली माइक्रोबायोलॉजी लैब की एचओडी डॉक्टर उज्ज्वला घोषाल से खास बातचीत की गई.

वैक्शीनेशन के बाद कम हो रहे कोरोना केस.
वैक्शीनेशन के बाद कम हो रहे कोरोना केस.
तीन हजार टेस्ट में एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित

एचओडी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कोरोना मामलों की स्थिति सामान्य है. पहले राज्य के अलग-अलग जिलों के करीब 5 हजार सैम्पल हमारे यहां लैब में टेस्ट किए जाते थे, जिसमें पॉजिटिव केस ज्यादा आते थे, लेकिन वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद अब कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आई है. शुक्रवार को टेस्टिंग लैब में टेस्ट हुए तीन हजार सैंपल में महज एक व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित पाया गया.

इसे भी पढ़ें-स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह ने लगवाई कोविड वैक्सीन की पहली डोज

वैक्सीन 81 प्रतिशत कारगर

डॉक्टर के मुताबिक वैक्सीन 81 प्रतिशत कारगर है. अगर सभी गाइड लाइन का सही से पालन करें तो महामारी को जड़ से उखाड़ कर फेंका जा सकता है.

न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडी वायरस से लड़ने में कामयाब

एसजीपीजीआई के जिन कर्मचारियों को वैक्सीन की डोज लगाई गई है, उन पर रिसर्च की जा रही है. उनके शरीर में आ रहे बदलाव और नियमित रूप एंटीबॉडी डेवलप होने पर पर रिसर्च जारी है. एचओडी ने बताया कि शरीर में बनने वाली हर एंटीबॉडी जरूरी नहीं की कारगर साबित हो. किसी भी वायरस को निष्क्रिय करने के लिए न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडी बनना बेहद जरूरी है.

लखनऊ: पूरे देश में कोरोना वायरस महामारी को जड़ से उखाड़ फेकने के लिए देशव्यापी कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत की गई है. हालांकि देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़े हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामलों में लगातार कमी दर्ज की जा रही है.

वैक्शीनेशन के बाद कम हो रहे कोरोना केस.

एचओडी डॉक्टर उज्ज्वला घोषाल से ईटीवी भारत की बातचीत

देश भर में वृहद स्तर पर कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य किया जा रहा है. फिर भी देश के कई राज्यों- जैसे महाराष्ट्र और दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में कोरोना की स्थिति को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम राजधानी के एसजीपीजीआई पहुंची, जहां कोविड-19 टेस्टिंग करने वाली माइक्रोबायोलॉजी लैब की एचओडी डॉक्टर उज्ज्वला घोषाल से खास बातचीत की गई.

वैक्शीनेशन के बाद कम हो रहे कोरोना केस.
वैक्शीनेशन के बाद कम हो रहे कोरोना केस.
तीन हजार टेस्ट में एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित

एचओडी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कोरोना मामलों की स्थिति सामान्य है. पहले राज्य के अलग-अलग जिलों के करीब 5 हजार सैम्पल हमारे यहां लैब में टेस्ट किए जाते थे, जिसमें पॉजिटिव केस ज्यादा आते थे, लेकिन वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद अब कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आई है. शुक्रवार को टेस्टिंग लैब में टेस्ट हुए तीन हजार सैंपल में महज एक व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित पाया गया.

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वैक्सीन 81 प्रतिशत कारगर

डॉक्टर के मुताबिक वैक्सीन 81 प्रतिशत कारगर है. अगर सभी गाइड लाइन का सही से पालन करें तो महामारी को जड़ से उखाड़ कर फेंका जा सकता है.

न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडी वायरस से लड़ने में कामयाब

एसजीपीजीआई के जिन कर्मचारियों को वैक्सीन की डोज लगाई गई है, उन पर रिसर्च की जा रही है. उनके शरीर में आ रहे बदलाव और नियमित रूप एंटीबॉडी डेवलप होने पर पर रिसर्च जारी है. एचओडी ने बताया कि शरीर में बनने वाली हर एंटीबॉडी जरूरी नहीं की कारगर साबित हो. किसी भी वायरस को निष्क्रिय करने के लिए न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडी बनना बेहद जरूरी है.

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