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हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल को किया तलब

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने सूचना व जनसम्पर्क विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल को तलब किया है. यह आदेश कोर्ट ने आदेश का अनुपालन न करने पर पर दिया है.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच.
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच.
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Published : Jun 17, 2021, 7:53 PM IST

लखनऊः सूचना व जनसम्पर्क विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल और निदेशक शिशिर सिंह को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. न्यायालय ने सेवा संबंधी एक मामले में कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने पर दोनों अधिकारियों को 29 जून को कोर्ट के समक्ष हाजिर होकर हलफनामा दाखिल करने को कहा है. न्यायालय ने पूछा है कि दोनों अधिकारियों के के खिलाफ अदालत के आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने की कार्रवाई क्यों न की जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल पीठ ने सैयद अमजद हुसैन की अवमानना याचिका पर पारित किया.

यह भी पढ़ें-अयोध्या जमीन विवाद का एक और मामला पहुंचा HC, राज्य सरकार से जवाब तलब

आदेश में न्यायालय ने दोनों अधिकारियों से यह भी पूछा है कि कोर्ट का नोटिस मिलने के बावजूद उन्होंने सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता के कार्यालय में अपने निर्देश क्यों नहीं भेजे. वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये हुई सुनवाई में याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एससी मिश्रा ने कोर्ट के समक्ष दलील दी. अधिवक्ता ने दलील दी कि याची की सेवा संबंधी एक याचिका पर हाईकोर्ट ने 7 दिसम्बर 2020 को याची को सूचना विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्य करते रहने की अनुमति दी थी. लेकिन जानकारी होने के बावजूद आदेश का दोनों अधिकारियों द्वारा पालन नहीं किया गया. वहीं न्यायालय ने यह भी पाया कि 8 अप्रैल 2021 को पहली सुनवाई के समय दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी की गई थी, जो कि उनके कार्यालयों में तामील भी करा दी गई. बावजूद इसके इस बार की सुनवाई में उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया.

लखनऊः सूचना व जनसम्पर्क विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल और निदेशक शिशिर सिंह को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. न्यायालय ने सेवा संबंधी एक मामले में कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने पर दोनों अधिकारियों को 29 जून को कोर्ट के समक्ष हाजिर होकर हलफनामा दाखिल करने को कहा है. न्यायालय ने पूछा है कि दोनों अधिकारियों के के खिलाफ अदालत के आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने की कार्रवाई क्यों न की जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल पीठ ने सैयद अमजद हुसैन की अवमानना याचिका पर पारित किया.

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आदेश में न्यायालय ने दोनों अधिकारियों से यह भी पूछा है कि कोर्ट का नोटिस मिलने के बावजूद उन्होंने सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता के कार्यालय में अपने निर्देश क्यों नहीं भेजे. वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये हुई सुनवाई में याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एससी मिश्रा ने कोर्ट के समक्ष दलील दी. अधिवक्ता ने दलील दी कि याची की सेवा संबंधी एक याचिका पर हाईकोर्ट ने 7 दिसम्बर 2020 को याची को सूचना विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्य करते रहने की अनुमति दी थी. लेकिन जानकारी होने के बावजूद आदेश का दोनों अधिकारियों द्वारा पालन नहीं किया गया. वहीं न्यायालय ने यह भी पाया कि 8 अप्रैल 2021 को पहली सुनवाई के समय दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी की गई थी, जो कि उनके कार्यालयों में तामील भी करा दी गई. बावजूद इसके इस बार की सुनवाई में उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया.

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