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हाईकोर्ट ने 'मिर्जापुर' वेब सीरीज निर्माताओं के खिलाफ FIR रद्द किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मिर्जापुर वेब सीरीज (Mirzapur Web Series) के निर्माताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दी है.

मिर्जापुर वेब सीरीज.
मिर्जापुर वेब सीरीज.
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Published : Dec 10, 2021, 7:28 PM IST

Updated : Dec 10, 2021, 7:41 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मिर्जापुर वेब सीरीज (Mirzapur Web Series) के निर्माताओं ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने वेबसीरीज निर्माता फरहान खान और रितेश सिधवानी के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दी है. कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ नहीं है, जिससे कहा जा सके कि 'मिर्जापुर' वेब सीरीज किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है. यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति एस विद्यार्थी की खंडपीठ ने दिया है. गौरतलब है कि मिर्जापुर कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआईआर में मिर्जापुर की क्षेत्रीय, सामाजिक व धार्मिक आस्था व भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया था.

इसे भी पढ़ें-इलाहाबाद HC ने दी मिर्जापुर वेब सीरीज के निर्माताओं को राहत

इससे पहले कोर्ट ने फरहान खान और रितेश सिधवानी की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए विवेचना पूरी करने का आदेश दिया था. साथ ही याचीगण को विवेचना में सहयोग करने का निर्देश दिया था. अधिवक्ता मनीष तिवारी ने कोर्ट में दलील दी कि यदि एफआईआर के आरोपों को स्वीकार भी कर लिया जाए तो भी याचियों के खिलाफ कोई आपराधिक केस नहीं बनता. वेब सीरीज किसी दुर्भावना से प्रेरित होकर नहीं बनाई गई है. इसके बाद कोर्ट ने कहा एफआईआर के आरोप व शिकायतकर्ता के बयान से नहीं कहा जा सकता कि वेब सीरीज किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है. कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है.

इसे भी पढ़ें-'मिर्जापुर' वेब सीरीज को लेकर सात के खिलाफ नोटिस जारी

गौरतलब है कि 17 जनवरी 2021 को मिर्जापुर के देहात कोतवाली में पत्रकार अरविंद चतुर्वेदी ने 'मिर्जापुर' वेब सीरीज के एग्जिक्यूटीव प्रोड्यूसर रितेश साधवानी, फरहान अख्तर, भौमिक गोंडलिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम पर धार्मिक भावना से आहत होकर, गाली गलौज और मिर्जापुर को बदनाम करने के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था. इसे मामले में फरहान खान और रितेश सिधवानी ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मिर्जापुर वेब सीरीज (Mirzapur Web Series) के निर्माताओं ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने वेबसीरीज निर्माता फरहान खान और रितेश सिधवानी के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दी है. कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ नहीं है, जिससे कहा जा सके कि 'मिर्जापुर' वेब सीरीज किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है. यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति एस विद्यार्थी की खंडपीठ ने दिया है. गौरतलब है कि मिर्जापुर कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआईआर में मिर्जापुर की क्षेत्रीय, सामाजिक व धार्मिक आस्था व भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया था.

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इससे पहले कोर्ट ने फरहान खान और रितेश सिधवानी की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए विवेचना पूरी करने का आदेश दिया था. साथ ही याचीगण को विवेचना में सहयोग करने का निर्देश दिया था. अधिवक्ता मनीष तिवारी ने कोर्ट में दलील दी कि यदि एफआईआर के आरोपों को स्वीकार भी कर लिया जाए तो भी याचियों के खिलाफ कोई आपराधिक केस नहीं बनता. वेब सीरीज किसी दुर्भावना से प्रेरित होकर नहीं बनाई गई है. इसके बाद कोर्ट ने कहा एफआईआर के आरोप व शिकायतकर्ता के बयान से नहीं कहा जा सकता कि वेब सीरीज किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है. कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है.

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गौरतलब है कि 17 जनवरी 2021 को मिर्जापुर के देहात कोतवाली में पत्रकार अरविंद चतुर्वेदी ने 'मिर्जापुर' वेब सीरीज के एग्जिक्यूटीव प्रोड्यूसर रितेश साधवानी, फरहान अख्तर, भौमिक गोंडलिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम पर धार्मिक भावना से आहत होकर, गाली गलौज और मिर्जापुर को बदनाम करने के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था. इसे मामले में फरहान खान और रितेश सिधवानी ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

Last Updated : Dec 10, 2021, 7:41 PM IST
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