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डोबरियाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई जारी, लगे थे ये आरोप - राजस्व परिषद के चेयरमैन

राजस्व परिषद के चेयरमैन के पूर्व निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल की जमानत अर्जी (Dobriyal bail application in court) पर सुनवाई शुरू हो गई है. अगली सुनवाई आगामी 9 नवंबर को होगी.

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Published : Nov 5, 2022, 9:21 PM IST

लखनऊ. राजस्व परिषद के चेयरमैन के पूर्व निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल की जमानत अर्जी (Dobriyal bail application in court) पर सुनवाई शुरू हो गई है. अगली सुनवाई आगामी 9 नवंबर को होगी. डोबरियाल पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी सेवा में रहने के दौरान मृत व्यक्ति के नाम का सिम प्रयोग करने, पद का दुरुपयोग कर जनपदों में नियुक्त तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल से संपर्क कर स्थानांतरण और जांच में मदद करने के लिए आर्थिक लाभ लिया है.

भ्रष्टाचार निवारण की विशेष अदालत के प्रभारी न्यायाधीश रमाकांत प्रसाद के समक्ष जमानत अर्जी का विरोध जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा किया गया. जमानत अर्जी के विरोध में कहा गया कि डोबरियाल द्वारा सरकारी पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार तरीके से अवैध धन अर्जित किया गया है तथा इस मामले की रिपोर्ट लिखाए जाने के बाद से वह लगातार फरार चल रहा था. उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उसने 1 नवंबर 2022 को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया है.


उल्लेखनीय है कि आरोपी डोबरियाल के विरुद्ध कैसरबाग थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर कहा गया था कि विवेकानंद यूपी राजस्व परिषद में निजी सचिव था तथा 31 मार्च 2022 को रिटायर हो गया है. उसने सेवाकाल में विभिन्न जनपदों में तैनात तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल से संपर्क कर उनके जांच और स्थानांतरण में अपने संपर्कों का हवाला देकर उनसे छल करते हुए आर्थिक लाभ लिया.

यह भी पढ़ें : यूपी की 15 सीएचसी को पीपीपी मॉडल पर चलाने की कवायद तेज, स्वास्थ्य महानिदेशक को लिखा पत्र

लखनऊ. राजस्व परिषद के चेयरमैन के पूर्व निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल की जमानत अर्जी (Dobriyal bail application in court) पर सुनवाई शुरू हो गई है. अगली सुनवाई आगामी 9 नवंबर को होगी. डोबरियाल पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी सेवा में रहने के दौरान मृत व्यक्ति के नाम का सिम प्रयोग करने, पद का दुरुपयोग कर जनपदों में नियुक्त तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल से संपर्क कर स्थानांतरण और जांच में मदद करने के लिए आर्थिक लाभ लिया है.

भ्रष्टाचार निवारण की विशेष अदालत के प्रभारी न्यायाधीश रमाकांत प्रसाद के समक्ष जमानत अर्जी का विरोध जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा किया गया. जमानत अर्जी के विरोध में कहा गया कि डोबरियाल द्वारा सरकारी पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार तरीके से अवैध धन अर्जित किया गया है तथा इस मामले की रिपोर्ट लिखाए जाने के बाद से वह लगातार फरार चल रहा था. उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उसने 1 नवंबर 2022 को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया है.


उल्लेखनीय है कि आरोपी डोबरियाल के विरुद्ध कैसरबाग थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर कहा गया था कि विवेकानंद यूपी राजस्व परिषद में निजी सचिव था तथा 31 मार्च 2022 को रिटायर हो गया है. उसने सेवाकाल में विभिन्न जनपदों में तैनात तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल से संपर्क कर उनके जांच और स्थानांतरण में अपने संपर्कों का हवाला देकर उनसे छल करते हुए आर्थिक लाभ लिया.

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