लखनऊ : मौसम में परिवर्तन होने के चलते राजधानी के सरकारी अस्पतालों में डेंगू व वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में कमी आई है. विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड में इजाफा के साथ उम्मीद है कि नवंबर के आखिरी तक डेंगू के केस काफी कम हो जाएंगे.
सितंबर और अक्टूबर महीने में डेंगू, वायरल बुखार और टाइफाइड के मरीजों की संख्या बहुत अधिक थी. अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे थे. ओपीडी में मारामारी रहती थी. इधर मौसम में परिवर्तन होने से अस्पतालों में करीब 30 फीसदी मरीज कम हो गए हैं. सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि पहले की तुलना में अब बुखार के मरीजों की संख्या घटी है. हालांकि अभी डेंगू के मरीज आ रहे हैं. बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. अतुल मेहरोत्रा ने बताया कि पहले एक हजार जांचों में 800 केवल बुखार और टाइफाइड की जांच की जा रही थी. वहीं अब यह संख्या 500 के करीब आ गई है. लोकबंधु और भाऊराव देवरस चिकित्सालय में भी बुखार के मरीजों की 30 प्रतिशत तक कम बताई जा रही है.
सिविल अस्पताल के जनरल फिजीशियन डॉ. सुरेंद्र देव ने बताया कि हर वायरस के तीन फेज होते हैं. पहला जब वह फैलना शुरू होता है दूसरा जब वह पीक पर होता है. तीसरा जब वह डाउन होना शुरू हो जाता है. कुछ हद तक मौसम का भी इसमें दखल होता है, क्योंकि अचानक गर्मी से सर्दी के मौसम को शरीर का तापमान अर्जेस्ट नहीं कर पाता. इसी तरह फीवर और टाइफाइड का भी फेज होता है. हालांकि टाइफाइड प्रदूषित खाने से होता है. इसलिए यह कभी भी हो सकता है.
फिजीशियन डॉ. एस. देव ने कहा कि इस मौसम में डेंगू के मरीजों में गिरावट दर्ज हुई है, लेकिन आंकड़ों के मुताबिक डेंगू के मरीज लगातार घट-बढ़ रहे हैं. इस मौसम में धीरे-धीरे डेंगू के मरीज कम हो जाएंगे. टाइफाइड जैसी बीमारियां काफी फैल रही हैं. इससे बचने की आवश्यकता है. बदलते मौसम में वायरल बुखार तेजी से फैलता है, लेकिन जब मौसम बदल जाता है. उसके बाद सभी चीज सामान्य हो जाती हैं. दिसंबर में अस्पतालों में मरीज बेहद कम हो जाएंगे. क्योंकि, मौसम पूरी तरह से सर्दियों में परिवर्तित हो चुका होगा.
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