हमीरपुर: जिले में कोविड-19 संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने शादी-विवाह में अहम भूमिका निभाने वाले कामगारों की सैम्पलिंग तेज कर दी हैं. तीन दिवसीय अभियान में दो दिन के अंदर 65 लोगों के सैंपल लिए गए हैं. अच्छी बात यह है कि इनमें से कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं निकला.
गेस्ट हाउस, कैटर्स और बैंड-बाजा वालों के लिए जा रहे सैंपल
सर्दी का मौसम आने के साथ ही कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. अक्टूबर माह में जिले में कुल 174 कोरोना केस मिले थे, जबकि नवंबर माह में 165 केस मिले. इनमें भी नवंबर माह के शुरुआत में केसों में कमी थी, लेकिन 15 नवंबर के बाद से पॉजिटिव केसों में तेजी आ गई. इस दौरान बीच शादी-विवाह की सहालगें भी शुरू हो गई. जिसमें शासन की तरफ से निर्धारित की गई 100 लोगों की बंदिश का पालन कम ही हुआ है. ऐसे में संक्रमण की रफ्तार को काबू में करने के लिए जिले में विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. 19 नवंबर से 30 नवंबर तक चलाए गए अभियान में मलिन बस्ती, शिक्षा विभाग, रोडवेज विभाग, जिला कारागार, वृद्धाश्रम, रेहड़ी-पटरी के दुकानदारों के 410 सैंपल लिए गए थे. जिसमें 5 में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी. अब फिर से तीन दिवसीय विशेष अभियान में गेस्ट हाउस, कैटर्स, बैंडबाजे वाले और फूलों की सजावट करने वालों के सैंपल लिए जा रहे हैं.
बुधवार को गेस्ट हाउस के स्टाफ और कैटरिंग का ठेका लेने वालों के 65 सैंपल लिए गए थे, लेकिन कोई भी पॉजिटिव केस नहीं मिला. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.आरके सचान ने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं. शादी-विवाह में भीड़भाड़ हो रही है, लोग एहतियात बरतें. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने को आदत में डाल लेना ही बेहतर विकल्प है.
'आयोजक मेहमानों को दो शिफ्टों में बुलाए'
महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ.संदीप का कहना है कि शादी-विवाह के आयोजक दो शिफ्टों में कार्यक्रम का आयोजन कराएं तो अच्छा होगा. सुबह की शिफ्ट में व्यवहारियों को बुला लें और शाम को सिर्फ बारात के लोगों का ही इंतजाम कराएं. जिस भी स्थान से कार्यक्रम करें, वहां सेनिटाइज की व्यवस्था कराएं. मेहमानों को मास्क अनिवार्य रूप से लगवाएं. बुखार-जुकाम के मरीज शादी-विावह में जाने से परहेज करें. संभव हो सके तो थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था कराएं. शादी का अरेंजमेंट करने वाले पूरी तरह से स्वस्थ होने चाहिए. कोशिश करें कि धुएं वाली आतिशबाजी का प्रयोग न करें.