लखनऊः हाथरस गैंग रेप केस की सुनवाई 2 नवंबर को हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में होगी. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इसके पहले मामले की सुनवाई 12 अक्टूबर को हुई थी. उस उस समय पीड़ित पक्ष से परिवार के 5 लोगों ने अपना पक्ष रखा था. सरकार का पक्ष अधिवक्ता विनोद शाही ने रखा था. अब 2 नवंबर को होने वाली सुनवाई के लिए पूरा ध्यान हाई कोर्ट पर रहेगा.
14 सिंतबर को हुई थी घटना
उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद में 14 सितंबर के दिन हुई युवती से गैंगरेप की घटना के बाद प्रदेश सरकार घिर गई थी. इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है. हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ सुनवाई भी कर रही है. हाईकोर्ट में पहली सुनवाई 12 अक्टूबर को हुई थी. इस सुनवाई में जस्टिस पंकज मित्तल और राजन राय की बेंच ने मामले की सुनवाई की. सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से विनोद शाही ने पूरे मामले की पैरवी की.
डीएम ने रखा था अपना पक्ष
वहीं पहली सुनवाई के दौरान हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कुछ लोग जातीय हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे थे. इसीलिए आधी रात में ही दाह संस्कार कराना पड़ा. वहीं हाथरस केस में पीड़िता के परिवार के पांच सदस्यों ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा. अब इस पूरे मामले में 2 नवंबर यानी सोमवार को अगली सुनवाई होनी है.
यह था पूरा मामला
हाथरस में 14 सितंबर के दिन नाबालिग युवती के साथ चार युवकों ने गैंग रेप की घटना को अंजाम दिया था. पीड़िता की दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में 29 सितंबर के दिन मौत हो गई. मौत के बाद विपक्षी दलों ने सरकार को खूब घेरने का प्रयास किया. जिला प्रशासन ने लड़की के शव का आधी रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया था. इसके बाद राजनीति और गरमा गई थी.