लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो दिवसीय गुड़ महोत्सव का आयोजन किया गया. आजाद भारत के इतिहास में गुड़ महोत्सव का आयोजन अपने तरह का एक पहला प्रयोग था, जो पूरी तरह से सफल रहा. इस गुड़ महोत्सव में 50 से ज्यादा तरह के गुड़ की किस्में लोगों को देखने को मिली. साथ ही लोगों ने चखकर गुड़ का स्वाद भी लिया. राजधानी में गुड़ महोत्सव का आयोजन 6 मार्च से शुरू हुआ जो 7 मार्च को समाप्त किया गया.
गुड़ महोत्सव में उत्तर प्रदेश के गुड़ उत्पादक जिलों से 100 से ज्यादा प्रगतिशील किसान ने अपने उत्पादों के साथ हिस्सा लिया. वही इस महोत्सव में ₹6000 किलो का गुड़ भी लोगों को देखने को मिला. उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने महोत्सव की जमकर तारीफ की. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि इस महोत्सव में गुड़ को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है.
गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की बदौलत ही इस महोत्सव का आयोजन हो पाया है. वही इस महोत्सव से गुड़ के उत्पादकों को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है. अभी तक इस तरह का आयोजन आजाद भारत में पहले कभी नहीं हुआ. अब यह आयोजन हर साल होगा. वहीं इस महोत्सव में ₹6000 किलो गुड़ भी आया है. जिसके औषधी फायदों को देखकर लोग हैरान भी है.
गुड़ महोत्सव को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान
राजधानी में दो दिवसीय गुड़ महोत्सव का आयोजन किया गया. इस महोत्सव में उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों से लेकर अयोध्या, फर्रुखाबाद जैसे गुड़ उत्पादक जिलों की भी किसान अपने उत्पाद को लेकर महोत्सव में सम्मिलित हुए. बता दें कि, उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा की पहल पर इस महोत्सव का आयोजन किया गया.
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