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महात्मा गांधी ने दाण्डी मार्च से अहिंसात्मक ताकत का दिया था परिचय: राज्यपाल - डॉ. भीमराव आंबेडकर जंयती

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इलाहाबाद संग्रहालय, प्रयागराज द्वारा आयोजित ‘दाण्डी यात्रा-एवं आत्मनिर्भर भारत एक चर्चा’ विषयक संगोष्ठी और ‘एकल प्रदर्श प्रदर्शनी’ का आनलाइन उद्घाटन किया. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि12 मार्च, 1930 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से दाण्डी मार्च की शुरुआत करके अपनी अहिंसात्मक ताकत का परिचय दिया था.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल.
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Published : Apr 13, 2021, 3:47 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को राजभवन से इलाहाबाद संग्रहालय, प्रयागराज द्वारा आयोजित ‘दाण्डी यात्रा-एवं आत्मनिर्भर भारत एक चर्चा’ विषयक संगोष्ठी तथा ‘एकल प्रदर्श प्रदर्शनी’ का आनलाइन उद्घाटन किया. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि महात्मा गांधी की दाण्डी यात्रा भारत की पहली आत्मनिर्भर यात्रा थी. इस यात्रा द्वारा अंग्रेजी शासन के विरुद्ध स्वदेशी नमक बनाकर देश को आत्मनिर्भर करने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि 12 मार्च, 1930 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से दाण्डी मार्च की शुरुआत करके अपनी अहिंसात्मक ताकत का परिचय दिया था.

स्वाधीनता आंदोलन का बड़ा केंद्र था प्रयागराज
राज्यपाल ने कहा कि प्रयागराज जो उस समय इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, वह स्वाधीनता आन्दोलन का बहुत बड़ा केंद्र था. दाण्डी में महात्मा गांधी द्वारा बनाये गए नमक का एक हिस्सा 13 अप्रैल, 1930 को प्रयागराज लाया गया. यह दाण्डी-नमक इलाहाबाद वासियों के लिए कोई मामूली नमक नहीं था, बल्कि देश में हजारों की संख्या में स्वाधीनता की अपेक्षा रखने वाले भारतवासियों के लिए एक जगी हुई उम्मीद की किरण थी. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने देश के दर्द को महसूस किया और नमक सत्याग्रह के रूप में लोगाें की नब्ज को समझा. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद संग्रहालय में सुरक्षित दाण्डी में बनाये गये नमक का अपना ऐतिहासिक महत्व है.


स्वतंत्रता संग्राम की 75वीं वर्षगांठ पर मनाया जाएगा अमृत महोत्सव
राज्यपाल ने कहा कि 15 अगस्त 2022 को भारत अपनी स्वतंत्रता संग्राम की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है. देशवासियों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके लिये ‘अमृत महोत्सव’ मनाये जाने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि यह अमृत महोत्सव पूरे एक साल तक मनाया जाएगा. राज्यपाल ने कहा कि इस प्रदर्शनी और संगोष्ठी के माध्यम से इलाहाबाद संग्रहालय ‘अमृत महोत्सव’ में अपना योगदान दे रहा है.

स्वाधीनता संग्राम से जुड़ी 75 घटनाओं का विवरण राजभवन भेजें
राज्यपाल ने इलाहाबाद संग्रहालय को निर्देशित किया कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर स्वाधीनता संग्राम से जुड़ी 75 घटनाओं की खोज करें और उनका विवरण तैयार कर राजभवन भेंजे, ताकि उस पर नई रूपरेखा तैयार कर विस्तृत चर्चा की जा सके. उन्होंने कहा कि इस कार्य में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षकों, विद्वानों, शोधार्थियों और छात्र-छात्राओं का सहयोग लिया जा सकता है. इस अवसर पर संग्रहालय के निदेशक सुनील गुप्ता, पर्यावरण विद् हसन नकवी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डाॅ ओएन वानखेड़े, शिक्षाविद् डाॅ राजेश मिश्र, प्रो अनामिका राय सहित अन्य गणमान्य लोग आनलाइन जुड़े हुए थे.

यह भी पढ़ें-टेस्टिंग बढ़ाकर कोरोना संक्रमण पर किया जाए बेहतर नियंत्रण : राज्यपाल


डाॅ. आंबेडकर के जीवन प्रेरणादायी
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भारतीय संविधान के शिल्पी डाॅ. भीमराव आंबेडकर की जयन्ती के अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की हैं. राज्यपाल ने अपने सन्देश में कहा है कि डाॅ. भीमराव अम्बेडकर महान कृतित्व के धनी महापुरुष थे. उनका पूरा जीवन मानव सेवा को समर्पित था. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के संघर्ष भरे जीवन और उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर सभी को समर्पित भाव सेे राष्ट्रहित में कार्य करना चाहिए.

लखनऊः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को राजभवन से इलाहाबाद संग्रहालय, प्रयागराज द्वारा आयोजित ‘दाण्डी यात्रा-एवं आत्मनिर्भर भारत एक चर्चा’ विषयक संगोष्ठी तथा ‘एकल प्रदर्श प्रदर्शनी’ का आनलाइन उद्घाटन किया. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि महात्मा गांधी की दाण्डी यात्रा भारत की पहली आत्मनिर्भर यात्रा थी. इस यात्रा द्वारा अंग्रेजी शासन के विरुद्ध स्वदेशी नमक बनाकर देश को आत्मनिर्भर करने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि 12 मार्च, 1930 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से दाण्डी मार्च की शुरुआत करके अपनी अहिंसात्मक ताकत का परिचय दिया था.

स्वाधीनता आंदोलन का बड़ा केंद्र था प्रयागराज
राज्यपाल ने कहा कि प्रयागराज जो उस समय इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, वह स्वाधीनता आन्दोलन का बहुत बड़ा केंद्र था. दाण्डी में महात्मा गांधी द्वारा बनाये गए नमक का एक हिस्सा 13 अप्रैल, 1930 को प्रयागराज लाया गया. यह दाण्डी-नमक इलाहाबाद वासियों के लिए कोई मामूली नमक नहीं था, बल्कि देश में हजारों की संख्या में स्वाधीनता की अपेक्षा रखने वाले भारतवासियों के लिए एक जगी हुई उम्मीद की किरण थी. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने देश के दर्द को महसूस किया और नमक सत्याग्रह के रूप में लोगाें की नब्ज को समझा. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद संग्रहालय में सुरक्षित दाण्डी में बनाये गये नमक का अपना ऐतिहासिक महत्व है.


स्वतंत्रता संग्राम की 75वीं वर्षगांठ पर मनाया जाएगा अमृत महोत्सव
राज्यपाल ने कहा कि 15 अगस्त 2022 को भारत अपनी स्वतंत्रता संग्राम की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है. देशवासियों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके लिये ‘अमृत महोत्सव’ मनाये जाने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि यह अमृत महोत्सव पूरे एक साल तक मनाया जाएगा. राज्यपाल ने कहा कि इस प्रदर्शनी और संगोष्ठी के माध्यम से इलाहाबाद संग्रहालय ‘अमृत महोत्सव’ में अपना योगदान दे रहा है.

स्वाधीनता संग्राम से जुड़ी 75 घटनाओं का विवरण राजभवन भेजें
राज्यपाल ने इलाहाबाद संग्रहालय को निर्देशित किया कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर स्वाधीनता संग्राम से जुड़ी 75 घटनाओं की खोज करें और उनका विवरण तैयार कर राजभवन भेंजे, ताकि उस पर नई रूपरेखा तैयार कर विस्तृत चर्चा की जा सके. उन्होंने कहा कि इस कार्य में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षकों, विद्वानों, शोधार्थियों और छात्र-छात्राओं का सहयोग लिया जा सकता है. इस अवसर पर संग्रहालय के निदेशक सुनील गुप्ता, पर्यावरण विद् हसन नकवी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डाॅ ओएन वानखेड़े, शिक्षाविद् डाॅ राजेश मिश्र, प्रो अनामिका राय सहित अन्य गणमान्य लोग आनलाइन जुड़े हुए थे.

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डाॅ. आंबेडकर के जीवन प्रेरणादायी
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भारतीय संविधान के शिल्पी डाॅ. भीमराव आंबेडकर की जयन्ती के अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की हैं. राज्यपाल ने अपने सन्देश में कहा है कि डाॅ. भीमराव अम्बेडकर महान कृतित्व के धनी महापुरुष थे. उनका पूरा जीवन मानव सेवा को समर्पित था. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के संघर्ष भरे जीवन और उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर सभी को समर्पित भाव सेे राष्ट्रहित में कार्य करना चाहिए.

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