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लखनऊ: शासन ने फर्जी निजी अस्पताल और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शासन ने फर्जी और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. शासन ने सीएमओ द्वारा कार्रवाई कर बंद कराए गए सभी अस्पतालों की सूची मांगी है.

फर्जी निजी अस्पताल.
झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश.
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Published : Dec 13, 2019, 5:03 PM IST

लखनऊ: राजधानी में फर्जी निजी अस्पताल और झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों को परेशान करने वाली तमाम घटनाएं सामने आई हैं. इसके बाद निजी अस्पताल और झोलाछाप डॉक्टरों की रिपोर्ट शासन ने तलब कर ली है. विभाग की ओर से मामले की सतर्कता से जांच शुरू कर दी गई है. शासन ने सीएमओ से पूरी रिपोर्ट तलब कर ली है.

जानकारी देते सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल.

राजधानी में आधे से अधिक फर्जी निजी अस्पताल क्लिनिक का संचालन हो रहा है, जबकि 100 से अधिक निजी अस्पताल क्लिनिक का संचालन बिना पंजीकरण हो रहा है. शासन ने अप्रैल माह में सीएमओ को निर्देश जारी कर सतत कार्यवाही के निर्देश दिए थे. सीएमओ की टीम ने राजधानी के ग्रामीण, शहरी इलाकों में छापा मारकर करीब 32 क्लिनिक और अस्पतालों को नोटिस जारी करने और बंद करने का दावा किया था.

दोबारा खुल गए अस्पताल
कुछ दिन बीतते ही दोबारा सभी क्लिनिक और अस्पताल खुल गए हैं. ऐसे में इस पूरे मामले पर शासन में शिकायत हुई और जांच के लिए इसके बाद सतर्कता विभाग की टीम को लगाया गया था. शासन ने सीएमओ से सभी बंद कराए गए अस्पतालों की सूची मंगाई है.

इसे भी पढ़ें- बरेली: सरेआम युवक को पीटा, इलाज के दौरान हुई मौत

लखनऊ: राजधानी में फर्जी निजी अस्पताल और झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों को परेशान करने वाली तमाम घटनाएं सामने आई हैं. इसके बाद निजी अस्पताल और झोलाछाप डॉक्टरों की रिपोर्ट शासन ने तलब कर ली है. विभाग की ओर से मामले की सतर्कता से जांच शुरू कर दी गई है. शासन ने सीएमओ से पूरी रिपोर्ट तलब कर ली है.

जानकारी देते सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल.

राजधानी में आधे से अधिक फर्जी निजी अस्पताल क्लिनिक का संचालन हो रहा है, जबकि 100 से अधिक निजी अस्पताल क्लिनिक का संचालन बिना पंजीकरण हो रहा है. शासन ने अप्रैल माह में सीएमओ को निर्देश जारी कर सतत कार्यवाही के निर्देश दिए थे. सीएमओ की टीम ने राजधानी के ग्रामीण, शहरी इलाकों में छापा मारकर करीब 32 क्लिनिक और अस्पतालों को नोटिस जारी करने और बंद करने का दावा किया था.

दोबारा खुल गए अस्पताल
कुछ दिन बीतते ही दोबारा सभी क्लिनिक और अस्पताल खुल गए हैं. ऐसे में इस पूरे मामले पर शासन में शिकायत हुई और जांच के लिए इसके बाद सतर्कता विभाग की टीम को लगाया गया था. शासन ने सीएमओ से सभी बंद कराए गए अस्पतालों की सूची मंगाई है.

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Intro:


लखनऊ के निजी अस्पताल व झोलाछाप डॉक्टरों पर शासन ने नजर टेढ़ी कर ली है। दरअसल बीते दिनों निजी अस्पताल व झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा मरीजों के साथ हो रही तमाम घटनाएं सामने आने के बाद स्वास्थ विभाग द्वारा इस पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए बिना पंजीकरण चल रहे अस्पताल में झोलाछाप डॉक्टरों की सूची तलब की है।गों की जांच करेगी।




Body:राजधानी में फर्जी निजी अस्पताल व झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों को परेशान करनेवाली तमाम घटनाये सामने आई है।जिसके बाद निजी अस्पताल व झोलाछाप डॉक्टरों की रिपोर्ट शासन ने तलब कर ली है। मामले की सतर्कता विभाग की ओर से जांच शुरू कर दी गई है।शासन ने सीएमओ से पूरी रिपोर्ट तलब कर ली है। इसके बाद राजधानी लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा सभी झोलाछाप डॉक्टरों व निजी अस्पतालों पर हुई कार्यवाही के साथ अपनी रिपोर्ट भेजी है। राजधानी लखनऊ में आधे से अधिक फर्जी निजी अस्पताल क्लीनिक का संचालन हो रहा है। जबकि 100 से अधिक निजी अस्पताल क्लीनिक का संचालन बिना पंजीकरण हो रहा है। शासन ने अप्रैल माह में सीएमओ को निर्देश जारी कर के सतत कार्यवाही के निर्देश दिए थे।सीएमओ की टीम द्वारा राजधानी के ग्रामीण शहरी इलाकों में छापा मारकर करीब 32 क्लीनिक और अस्पतालों को नोटिस जारी करने व बंद करने की कार्यवाही किए जाने का दावा किया था।कुछ दिन बीतते ही दोबारा सभी क्लीनिक अस्पताल खुल गए हैं। ऐसे में इस पूरे मामले पर शासन में शिकायत हुई और जांच के लिए इसके बाद सतर्कता विभाग की टीम को लगाया गया था।शासन ने सीएमओ से सभी बंद कराए गए अस्पतालों की सूची मंगाई है।इसके बाद मामले की दोबारा जांच के आदेश हुए हैं। सतर्कता विभाग की टीम ने जांच शुरू कर दी है। वहीं चिकित्सा अधिकारी द्वारा उन सभी अस्पतालों की सूची भी मांगी गई है। जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय द्वारा कार्यवाही करने की बात कही गई थी।

बाइट- डॉ नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ, लखनऊ




Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
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