लखनऊ: राजधानी में फर्जी निजी अस्पताल और झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों को परेशान करने वाली तमाम घटनाएं सामने आई हैं. इसके बाद निजी अस्पताल और झोलाछाप डॉक्टरों की रिपोर्ट शासन ने तलब कर ली है. विभाग की ओर से मामले की सतर्कता से जांच शुरू कर दी गई है. शासन ने सीएमओ से पूरी रिपोर्ट तलब कर ली है.
राजधानी में आधे से अधिक फर्जी निजी अस्पताल क्लिनिक का संचालन हो रहा है, जबकि 100 से अधिक निजी अस्पताल क्लिनिक का संचालन बिना पंजीकरण हो रहा है. शासन ने अप्रैल माह में सीएमओ को निर्देश जारी कर सतत कार्यवाही के निर्देश दिए थे. सीएमओ की टीम ने राजधानी के ग्रामीण, शहरी इलाकों में छापा मारकर करीब 32 क्लिनिक और अस्पतालों को नोटिस जारी करने और बंद करने का दावा किया था.
दोबारा खुल गए अस्पताल
कुछ दिन बीतते ही दोबारा सभी क्लिनिक और अस्पताल खुल गए हैं. ऐसे में इस पूरे मामले पर शासन में शिकायत हुई और जांच के लिए इसके बाद सतर्कता विभाग की टीम को लगाया गया था. शासन ने सीएमओ से सभी बंद कराए गए अस्पतालों की सूची मंगाई है.
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