लखनऊ: प्रदेश में तबादले का मामला तूल पकड़े हुए है. स्वास्थ्य विभाग में हुए स्थानांतरण नीति खिलाफ हुए तबादलों को लेकर सोमवार को सरकार द्वारा बड़ी कार्रवाई की है. सरकार ने दो अपर निदेशकों और एक संयुक्त निदेशक को निलंबित कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि अभी कुछ और अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है. क्योंकि जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उन्हें पैरामेडिकल कर्मचारियों के तबादलों का दोषी माना गया है. जबकि तबादले की अनियमितता चिकित्सकों से लेकर समूह 'ग' तक के कर्मियों के तबादलों में बरती गयी है.
निलंबित किए गए अधिकारियों में अपर निदेशक पैरामेडिकल डॉक्टर राकेश कुमार गुप्ता और संयुक्त निदेशक पैरामेडिकल डॉक्टर अरविन्द कुमार वर्मा को फार्मासिस्ट, ईसीजी टेक्नीशियन, प्रयोगशाला प्राविधिज्ञ एवं एक्सरे टेक्नीशियन के तबादलों तथा अपर निदेशक स्वास्थ्य प्रशासन डॉक्टर अशोक कुमार पाण्डेय को प्रयोगशाला सहायक के तबादलों में अनियमितता बरतने के आरोप में निलंबित किया गया है. तीनों ही अधिकारियों को निलंबन की अवधि में कार्यालय महानिदेशक से सम्बद्ध किया गया है.
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दरअसल, शासन से बनी स्थानांतरण नीति से परे जाकर बड़ी संख्या में चिकित्सकों, पैरामेडिकल कर्मियों आदि के स्थानांतरण किये गये थे. आदेश आने के बाद से चिकित्सकों व अन्य कर्मियों में जबरदस्त रोष उत्पन्न हुआ था. सबसे पहले उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद को पत्र लिखकर तबादलों पर जानकारी मांगी थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया और सख्त हिदायत देते हुए मुख्य सचिव को जांच के आदेश दिये थे.
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