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आजमगढ़ में जहरीली शराब से हुई मौतों के जिम्मदारों पर सख्त कार्यवाई करे सरकार: पीएल पुनिया

कांग्रेस इलेक्शन कैंपेन कमेटी के चेयरमैन पीएल पुनिया ने आजमगढ़ में शराब से हुई मौतों का जिम्मेदार प्रदेश की कानून व्यवस्था को ठहराया है. पीएल पुनिया ने सरकार से आजमगढ़ जहरीली शराब हादसे में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाई करने की मांग की है.

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आजमगढ़ में शराब
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Published : Feb 22, 2022, 8:38 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में लाचार कानून व्यवस्था अपराधियों को पकड़ने में कमजोर है. प्रदेश लगातार जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत हो रही है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस इलेक्शन कैंपेन कमेटी के चेयरमैन पीएल पुनिया ने आजमगढ़ में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आजमगढ़ में जहरीली शराब से हुई मौतें उत्तर प्रदेश में तार-तार हुई क़ानून व्यवस्था का एक और नमूना है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर तत्काल एक्शन लेते हुए जिम्मेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.


चेयरमैन पीएल पुनिया ने कहा कि आजमगढ़ की फूलपुर तहसील के माहुल नगर पंचायत में देसी शराब की सरकारी दुकान है. इस दुकान से रविवार रात कई ग्रामीणों ने शराब खरीदकर पी. देर रात उनकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में एक-एक कर 10 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक बीमार हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहरीली शराब पीने से मौत होने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामले हो चुके हैं. मई 2021 में इसी जिले में दो दर्जन से अधिक की जान गई थी, लेकिन सरकार ने इसके जिम्मेदारों को लेकर अपनी आंखें मूंद ली. पीएल पुनिया ने कहा कि इससे पहले जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर प्रदेश सरकार और जिम्मेदार अफसर संवेदनशील होते और अवैध शराब कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई की गई होती तो सैकड़ों मौतों को रोका जा सकता था.

यह भी पढ़ेंः साइकिल होगी पंक्चर, BJP की बनेगी पूर्ण बहुमत की सरकार: सीएम योगी

उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्ष में महोबा, चित्रकूट, अयोध्या, बदायूं, हाथरस, प्रतापगढ़, आजमगढ़, अलीगढ़, बुलंदशहर, सहारनपुर में जहरीली शराब से सैकड़ों की जान गई है, लेकिन कार्रवाई हमेशा स्थानीय स्तर पर की गई है. जब इतने बड़े पैमाने पर जहरीली शराब का कारोबार हो रहा है तो सबको पता है कि जिम्मेदार कौन है. लेकिन स्थानीय पुलिस और आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर शासन और प्रशासन अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है.

उन्होंने कहा कि शराब से हुई मौतों पर जांच की बात सरकार हर बार कर देती है, लेकिन जांच के परिणाम नहीं आते. जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती है. पीएल पुनिया ने बताया कि शराबकांड होने के बाद अपराधी कुछ दिन खामोश रहते हैं. और फिर वही रास्ता अख्तियार कर लेते हैं. जहरीली शराब बनाने, बेचने का यह धंधा तभी रुकता है, जब जहरीली शराब से मौत हो जाती है. उन्होंने कहा कि बीते पांच साल में उत्तर प्रदेश इस सरकार में सबसे लाचार कानून व्यवस्था के दंश का शिकार रहा है. इस सरकार में अनगिनत हत्याएं हुई हैं, महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं हुई हैं, दलित/पिछड़ों का उत्पीड़न हुआ है.


पीएल पुनिया ने कहा कि इस सरकार ने प्रदेश को गर्त में पहुंचाने का काम किया है. इस सरकार में योग्य होने के बावजूद सर्वाधिक युवा बेरोजगार हैं, किसानों के साथ अत्याचार हुआ है, छह किसानों को मोदी सरकार के मंत्री के बेटे ने गाड़ी से कुचल दिया, लेकिन पीएम ने उसका इस्तीफा नहीं लिया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता अब भाजपा सरकार से ऊब चुकी है. इस चुनाव में जनता भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकेगी.


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लखनऊः उत्तर प्रदेश में लाचार कानून व्यवस्था अपराधियों को पकड़ने में कमजोर है. प्रदेश लगातार जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत हो रही है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस इलेक्शन कैंपेन कमेटी के चेयरमैन पीएल पुनिया ने आजमगढ़ में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आजमगढ़ में जहरीली शराब से हुई मौतें उत्तर प्रदेश में तार-तार हुई क़ानून व्यवस्था का एक और नमूना है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर तत्काल एक्शन लेते हुए जिम्मेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.


चेयरमैन पीएल पुनिया ने कहा कि आजमगढ़ की फूलपुर तहसील के माहुल नगर पंचायत में देसी शराब की सरकारी दुकान है. इस दुकान से रविवार रात कई ग्रामीणों ने शराब खरीदकर पी. देर रात उनकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में एक-एक कर 10 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक बीमार हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहरीली शराब पीने से मौत होने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई मामले हो चुके हैं. मई 2021 में इसी जिले में दो दर्जन से अधिक की जान गई थी, लेकिन सरकार ने इसके जिम्मेदारों को लेकर अपनी आंखें मूंद ली. पीएल पुनिया ने कहा कि इससे पहले जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर प्रदेश सरकार और जिम्मेदार अफसर संवेदनशील होते और अवैध शराब कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई की गई होती तो सैकड़ों मौतों को रोका जा सकता था.

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उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्ष में महोबा, चित्रकूट, अयोध्या, बदायूं, हाथरस, प्रतापगढ़, आजमगढ़, अलीगढ़, बुलंदशहर, सहारनपुर में जहरीली शराब से सैकड़ों की जान गई है, लेकिन कार्रवाई हमेशा स्थानीय स्तर पर की गई है. जब इतने बड़े पैमाने पर जहरीली शराब का कारोबार हो रहा है तो सबको पता है कि जिम्मेदार कौन है. लेकिन स्थानीय पुलिस और आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर शासन और प्रशासन अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है.

उन्होंने कहा कि शराब से हुई मौतों पर जांच की बात सरकार हर बार कर देती है, लेकिन जांच के परिणाम नहीं आते. जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती है. पीएल पुनिया ने बताया कि शराबकांड होने के बाद अपराधी कुछ दिन खामोश रहते हैं. और फिर वही रास्ता अख्तियार कर लेते हैं. जहरीली शराब बनाने, बेचने का यह धंधा तभी रुकता है, जब जहरीली शराब से मौत हो जाती है. उन्होंने कहा कि बीते पांच साल में उत्तर प्रदेश इस सरकार में सबसे लाचार कानून व्यवस्था के दंश का शिकार रहा है. इस सरकार में अनगिनत हत्याएं हुई हैं, महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं हुई हैं, दलित/पिछड़ों का उत्पीड़न हुआ है.


पीएल पुनिया ने कहा कि इस सरकार ने प्रदेश को गर्त में पहुंचाने का काम किया है. इस सरकार में योग्य होने के बावजूद सर्वाधिक युवा बेरोजगार हैं, किसानों के साथ अत्याचार हुआ है, छह किसानों को मोदी सरकार के मंत्री के बेटे ने गाड़ी से कुचल दिया, लेकिन पीएम ने उसका इस्तीफा नहीं लिया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता अब भाजपा सरकार से ऊब चुकी है. इस चुनाव में जनता भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकेगी.


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