लखनऊ: गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण से औद्योगिक विकास को रफ्तार मिलेगी. 10 फरवरी को शुरू हुए एक्सप्रेस-वे के इस प्रोजेक्ट को 30 माह में पूरा करना है. जमीन अधिग्रहण का 91.3 फीसदी काम पूरा हो चुका है. यह एक्सप्रेस-वे न केवल आगरा से दिल्ली तक सुगम यातायात कॉरिडोर से जुड़ जाएगा, बल्कि गोरखपुर के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ने वाले गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे की चौड़ाई राइट ऑफ-वे 110 मीटर होगी. यह 4 लेन का होगा. इसे छह लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा. यह एक्सप्रेस-वे चार नदियों आमी, कुआनो, सरयू और टोंस को पार करेगा. इस पर दो टोल प्लाजा, तीन रैम्प प्लाजा, सात फ्लाईओवर, 16 अंडरपास, 50 लाइट अंडरपास, 35 पैदल अंडरपास, सात बड़े और 27 छोटे पुल का निर्माण होगा. निर्माण कार्य कराने वाली कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) है. 10 फरवरी 2020 से काम शुरू हुआ और इसके पूर्ण होने की अवधि जुलाई 2022 निर्धारित की गई है. एक्सप्रेस-वे के निर्माण से वाहनों में ईधन खपत कम होगी और समय भी बचेगा. पर्यावरण प्रदूषण पर भी नियंत्रण लगेगा.
लिंक एक्सप्रेस-वे का रूट
सोनवल, कालेसर फोरलेन से शुरू होकर लिंक एक्सप्रेस-वे खजनी, हरनही, सिकरीगंज, बेलघाट, कम्हरियाघाट होते हुए आजमगढ़ के सलारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से मिलेगा. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से गोरखपुर समेत चार जिलों में सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ कृषि, वाणिज्य, पयर्टन और उद्योगों की आय में इजाफा होगा.
एक तरफ बनेगी सर्विस रोड
प्रवेश नियंत्रित परियोजना (ग्रीन फीड) वाले इस लिंक एक्सप्रेस-वे के एक ओर 3.75 मीटर चैड़ी सर्विस रोड भी बनेगी. ताकि परियोजना के आसपास के ग्रामीणों-निवासियों को सुगम यातायात की सुविधा मुहैया हो सके.
ऐसा होगा लिंक एक्सप्रेस-वे
कुल लंबाई 91.352 किमी.
कुल लागत 5876 करोड़.
छह लेन का स्ट्रक्चर बनेगा.
चार लेन की सड़क बनेगी.
3.75 मीटर की सर्विस रोड.