लखनऊः एकतरफा प्यार में असफल होने पर शादी का दबाव बनाने के लिए लड़की के सात वर्षीय भाई का अपहरण करने के अभियुक्त सोहन गौतम की जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश कल्पना ने खारिज कर दिया है.
अदालत के समक्ष जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दुष्यंत मिश्रा व अरुण पांडेय का तर्क था कि इस मामले की रिपोर्ट वादी कमलेश ने इटौंजा थाने में 26 अप्रैल 2019 को दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया था कि आरोपी सोहन गौतम वादी के घर आता-जाता था तथा 25 अप्रैल 2019 को भी वह घर आया था. इसके बाद बाजार जाने को कह कर वह वादी के सात वर्षीय बेटे सत्यम को भी साथ ले गया लेकिन जब देर तक नहीं लौटा तो सब लोग परेशान होने लगे.
बहस के दौरान यह भी कहा गया कि वादी ने अपनी बड़ी बेटी से फोन लगाने को कहा जिसके जवाब में बड्डूपुर में संकटा देवी मंदिर में मिलने को कह कर अभियुक्त ने फोन काट दिया. विवेचना के दौरान पता चला कि अभियुक्त वादी की लड़की से शादी करना चाहता था लेकिन इसके लिए न तो वादी तैयार था और न ही लड़की. कहा गया है कि शादी का दबाव बनाने के लिए अभियुक्त ने सत्यम का अपहरण किया था. पुलिस ने जब सत्यम की बरामदगी की तब उसके चेहरे व आंख पर चोट के निशान थे. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.
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