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महापर्व छठ को लेकर लखनऊ में तैयार हो गए घाट, नहाय खाय से शुरू होगा छठी मैया का व्रत - लखनऊ में तैयार हो गए घाट

यूपी की लखनऊ में महापर्व छठ बड़ी धूमधाम से मनाया (festival Chhath in Lucknow) जाता है. इस साल छठ पूजा 17 नवंबर यानी शुक्रवार को खाय नहाए से शुरू होगी. इसको लेकर राजधानी में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 16, 2023, 6:50 PM IST

लखनऊ : धनतेरस, दीपावली और भैया दूज के बाद चार दिवसीय व्रत के महापर्व छठ को लेकर पूरी तैयारियां जोर-शोर से हो रही हैं. लखनऊ के गोमती तट किनारे लक्षण मेला मैदान में छठ महापर्व मनाया जाता है. शुक्रवार को नहाए खाए के साथ लोग छठ महापर्व का व्रत उठाएंगे. इसके लिए शहर के सबसे बड़े छठ घाट स्थल पर तैयारियों को लेकर पूरा प्रशासनिक अमला जुटा हुआ है. गोमती घाट पर इंटरलॉकिंग सफाई, लाइटिंग, जलस्तर बढ़ाने आदि का काम हो रहा है. शुक्रवार शाम तक यह सारे काम पूरे हो जाएंगे. बहुत से लोग घाट पर आकर जिस जगह पर छठी मैया की पूजा करनी है वहां पर पूजा की विधि बना रहे हैं.

अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय
अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय

अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि 'छठ पूजा 17 नवंबर यानी शुक्रवार को खाय नहाए से शुरू होगा. 18 नवंबर को खरना होगा. उसके बाद 19 नवंबर को मुख्य पूजा शाम को अर्घ्य देकर शुरू होगी जो कि 20 नवंबर को उदयमान भगवान भास्कर (सूर्य) को अर्घ्य देकर कार्यक्रम का समापन होगा. शहर में जिला प्रशासन व नगर निगम की ओर से लखनऊ में होने वाले छठ पूजा के लिए करीब 110 जगह चिन्हित की गई हैं, जहां पर बड़ी संख्या में महिलाएं पुरुष इकट्ठा होकर पूजन करते हैं. उन्होंने बताया कि राजधानी लखनऊ में करीब 18 लाख लोग इस बार पूजा में शामिल होंगे. दिन-ब-दिन यह संख्या बढ़ती जा रही है. छठ एक ऐसा महापर्व है जिस दिन सभी वर्ग के लोग एक साथ एक मैदान पर खड़े होकर सूर्य देव की पूजा अर्चना करते हैं, सूर्य भगवान भी सभी को एक समान आशीर्वाद देते हैं यहां पर न कोई जाति धर्म होता है और न ही कोई उच्च नीच का भेदभाव होता है.'

महापर्व छठ को लेकर लखनऊ में तैयार हो गए घाट
महापर्व छठ को लेकर लखनऊ में तैयार हो गए घाट

नहाय खाय के बारें में : प्रभु नाथ राय ने बताया कि 'नहाय खाय के दिन व्रती महिलाएं सुबह नदी में स्नान करती हैं. इसके बाद नए वस्त्र धारण कर प्रसाद ग्रहण करती हैं. छठ पूजा के नहाय-खाय में प्रसाद के रूप में कद्दू, चना दाल की सब्जी, चावल आदि बनाए जाते हैं. सभी प्रसाद सेंधा नमक और घी से तैयार होता है. विधि विधान के साथ सारी महिलाएं नहाय खाय को करती हैं. छठ महापर्व में नहाए खाए का सबसे बड़ा महत्व है. क्योंकि, इस दिन से ही महापर्व छठ का व्रत शुरू होता है.'

महापर्व छठ को लेकर लखनऊ में तैयार हो गए घाट
महापर्व छठ को लेकर लखनऊ में तैयार हो गए घाट

150 से भी अधिक कलाकार देंगे प्रस्तुतियां : उन्होंने बताया कि छठ घाट स्थल पर करीब 150 से अधिक लोक कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सुंदर कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रम 19 नवंबर की दोपहर तीन बजे से 20 नवंबर की सुबह आठ बजे तक चलेगा. इस बार छठ महापर्व पर मालिनी अवस्थी, दिनेश लाल केसरी, इंदू सोनाली, धोबिया नृत्य कलाकार उमेश कनौजिया, डॉ. जान्हवी, अभिनेता पंकज केसरी, सुरेश शुक्ला और आलोक इत्यादि कलाकार शामिल होंगे.'


बेटा उठाता है पूजा की डलिया : हर पूजा में अलग-अलग विधि होती है. छठ महापर्व में एक डाला भर के पूजा पाठ का सामान लिया जाता है. इस डाले को श्रद्धालु बड़े ही प्यार से सिर पर रखते हैं. खास तौर पर जो भी महिला यह व्रत रहती हैं उसे महिला का बेटा, देवर या फिर पिता, पति ही डाले को उठाकर घाट पर ले जाते हैं.'

यह भी पढ़ें : लखनऊ में Chhath Puja की तैयारियां तेज, गोमती किनारे लक्ष्मण मेला मैदान में बनने लगीं वेदियां

यह भी पढ़ें : छठ पूजा को लेकर इन राज्यों में बैंक रहेंगे बंद, जानें पूरी लिस्ट

पूजा में यह होती है आवश्यक सामग्री : इस महापर्व में सबसे महत्वपूर्ण सामग्री गन्ना होता है. कोई पूजा के लिए पांच गन्ने लेता है तो कोई छह गन्ने लेता है. इसके अलावा हर मौसमीय फल, पानी वाला नारियल, अक्षत, पीला सिंदूर, दीपक, घी, बाती, कुमकुम, चंदन, धूपबत्ती, कपूर, दीपक, अगरबत्ती, माचिस, फूल, हरे पान के पत्ते, साबुत सुपाड़ी, शहद होता है. इस सब के बाद हल्दी, मूली और अदरक का हरा पौधा, बड़ा वाला मीठा नींबू, शरीफा, केला और नाशपाती की भी जरूरत पूजा के लिए पड़ती है. इनके अलावा शकरकंदी और सुथनी भी लेना न भूलें. मिठाई, गुड़, गेंहू और चावल का आटा और घी की भी व्यवस्था कर लगता है.

यह भी पढ़ें : बुंदेलखंड में स्थित है कर्क रेखा पर स्थित देश का इकलौता 'सूर्य मंदिर', छठ पर्व पर मंदिर में होती है विशेष पूजा

यह भी पढ़ें : Chhath Puja 2023: महापर्व छठ कब से शुरू हो रहा है? जानें नहाय खाय, सूर्य उपासना और अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त

लखनऊ : धनतेरस, दीपावली और भैया दूज के बाद चार दिवसीय व्रत के महापर्व छठ को लेकर पूरी तैयारियां जोर-शोर से हो रही हैं. लखनऊ के गोमती तट किनारे लक्षण मेला मैदान में छठ महापर्व मनाया जाता है. शुक्रवार को नहाए खाए के साथ लोग छठ महापर्व का व्रत उठाएंगे. इसके लिए शहर के सबसे बड़े छठ घाट स्थल पर तैयारियों को लेकर पूरा प्रशासनिक अमला जुटा हुआ है. गोमती घाट पर इंटरलॉकिंग सफाई, लाइटिंग, जलस्तर बढ़ाने आदि का काम हो रहा है. शुक्रवार शाम तक यह सारे काम पूरे हो जाएंगे. बहुत से लोग घाट पर आकर जिस जगह पर छठी मैया की पूजा करनी है वहां पर पूजा की विधि बना रहे हैं.

अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय
अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय

अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि 'छठ पूजा 17 नवंबर यानी शुक्रवार को खाय नहाए से शुरू होगा. 18 नवंबर को खरना होगा. उसके बाद 19 नवंबर को मुख्य पूजा शाम को अर्घ्य देकर शुरू होगी जो कि 20 नवंबर को उदयमान भगवान भास्कर (सूर्य) को अर्घ्य देकर कार्यक्रम का समापन होगा. शहर में जिला प्रशासन व नगर निगम की ओर से लखनऊ में होने वाले छठ पूजा के लिए करीब 110 जगह चिन्हित की गई हैं, जहां पर बड़ी संख्या में महिलाएं पुरुष इकट्ठा होकर पूजन करते हैं. उन्होंने बताया कि राजधानी लखनऊ में करीब 18 लाख लोग इस बार पूजा में शामिल होंगे. दिन-ब-दिन यह संख्या बढ़ती जा रही है. छठ एक ऐसा महापर्व है जिस दिन सभी वर्ग के लोग एक साथ एक मैदान पर खड़े होकर सूर्य देव की पूजा अर्चना करते हैं, सूर्य भगवान भी सभी को एक समान आशीर्वाद देते हैं यहां पर न कोई जाति धर्म होता है और न ही कोई उच्च नीच का भेदभाव होता है.'

महापर्व छठ को लेकर लखनऊ में तैयार हो गए घाट
महापर्व छठ को लेकर लखनऊ में तैयार हो गए घाट

नहाय खाय के बारें में : प्रभु नाथ राय ने बताया कि 'नहाय खाय के दिन व्रती महिलाएं सुबह नदी में स्नान करती हैं. इसके बाद नए वस्त्र धारण कर प्रसाद ग्रहण करती हैं. छठ पूजा के नहाय-खाय में प्रसाद के रूप में कद्दू, चना दाल की सब्जी, चावल आदि बनाए जाते हैं. सभी प्रसाद सेंधा नमक और घी से तैयार होता है. विधि विधान के साथ सारी महिलाएं नहाय खाय को करती हैं. छठ महापर्व में नहाए खाए का सबसे बड़ा महत्व है. क्योंकि, इस दिन से ही महापर्व छठ का व्रत शुरू होता है.'

महापर्व छठ को लेकर लखनऊ में तैयार हो गए घाट
महापर्व छठ को लेकर लखनऊ में तैयार हो गए घाट

150 से भी अधिक कलाकार देंगे प्रस्तुतियां : उन्होंने बताया कि छठ घाट स्थल पर करीब 150 से अधिक लोक कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सुंदर कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रम 19 नवंबर की दोपहर तीन बजे से 20 नवंबर की सुबह आठ बजे तक चलेगा. इस बार छठ महापर्व पर मालिनी अवस्थी, दिनेश लाल केसरी, इंदू सोनाली, धोबिया नृत्य कलाकार उमेश कनौजिया, डॉ. जान्हवी, अभिनेता पंकज केसरी, सुरेश शुक्ला और आलोक इत्यादि कलाकार शामिल होंगे.'


बेटा उठाता है पूजा की डलिया : हर पूजा में अलग-अलग विधि होती है. छठ महापर्व में एक डाला भर के पूजा पाठ का सामान लिया जाता है. इस डाले को श्रद्धालु बड़े ही प्यार से सिर पर रखते हैं. खास तौर पर जो भी महिला यह व्रत रहती हैं उसे महिला का बेटा, देवर या फिर पिता, पति ही डाले को उठाकर घाट पर ले जाते हैं.'

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पूजा में यह होती है आवश्यक सामग्री : इस महापर्व में सबसे महत्वपूर्ण सामग्री गन्ना होता है. कोई पूजा के लिए पांच गन्ने लेता है तो कोई छह गन्ने लेता है. इसके अलावा हर मौसमीय फल, पानी वाला नारियल, अक्षत, पीला सिंदूर, दीपक, घी, बाती, कुमकुम, चंदन, धूपबत्ती, कपूर, दीपक, अगरबत्ती, माचिस, फूल, हरे पान के पत्ते, साबुत सुपाड़ी, शहद होता है. इस सब के बाद हल्दी, मूली और अदरक का हरा पौधा, बड़ा वाला मीठा नींबू, शरीफा, केला और नाशपाती की भी जरूरत पूजा के लिए पड़ती है. इनके अलावा शकरकंदी और सुथनी भी लेना न भूलें. मिठाई, गुड़, गेंहू और चावल का आटा और घी की भी व्यवस्था कर लगता है.

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