लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मलिहाबाद के कथित गैंगस्टर वसीम खान की कुर्क की गई संपत्तियों को मुक्त करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी कर कहा कि यह आशा नहीं की जा सकती कि वह सरकार के डाकखाने या मुखपत्र की तरह काम करे. न्यायालय ने पाया कि कथित गैंगस्टर की जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया है, वह याची द्वारा मुंबई के अपने व्यवसाय की आय से खरीदी गई हैं.
यह निर्णय न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने वसीम खान की याचिका पर पारित किया. याचिका में जिलाधिकारी लखनऊ के 13 अप्रैल 2022 व अपर सत्र न्यायाधीश, गैंगस्टर एक्ट के 5 जनवरी 2023 के आदेशों के विरुद्ध दायर की गई थी. याची की ओर से कहा गया कि उसके व 5 अन्य लोगों के विरुद्ध 15 अगस्त 2012 को हत्या के एक मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके पश्चात उसके खिलाफ 4 अन्य आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए. जबकि वर्ष 2021 में उसके खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया.
याचिका में यह कहा गया कि याची की एक स्कॉर्पियो गाड़ी व पल्सर मोटर साइकिल के अलावा 6 अचल सम्पत्तियां इस आधार पर जब्त कर ली गई कि उक्त सम्पत्तियां याची ने वर्ष 2012 से 2021 के दौरान असामाजिक गतिविधियों से अर्जित की है. दलील दी गई कि याची के प्रत्यावेदन को जिलाधिकारी लखनऊ ने सरसरी तौर पर खारिज कर दिया. अपर सत्र न्यायाधीश ने भी बिना जांच किए याची की अपील को निरस्त कर दिया. साथ ही कहा गया कि याची मुंबई में व्यवसाय करता था. इसके अलावा वह लखनऊ में भी भवन सामग्रियों की दुकान खोला था. जिसकी आय से उसने उक्त आपराधिक मुकदमे दर्ज होने से पहले ही उक्त सम्पत्तियां खरीदी थीं.
हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि यह प्रतीत होता है कि याची के पास मुंबई व लखनऊ के अपने व्यवसाय से पर्याप्त आय का स्त्रोत था. जिससे वह उक्त सम्पत्तियां खरीद सकता था. न्यायालय ने सत्र अदालत के आदेश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उसका काम जिलाधिकारी की मनमानी कार्रवाई की जांच का था. लेकिन बिना किसी आधार के याची की अपील को खारिज कर दिया गया.