लखनऊ : धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में बजट के माध्यम से एक बार फिर सरकार ने भगवा एजेंडे को धार दी है. धार्मिक पर्यटन से जुड़े प्रमुख केंद्रों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए सड़कों की 1000 करोड़ रुपए की बड़ी योजना लाई जा रही है. इसके अलावा अयोध्या, काशी, मथुरा, वृंदावन, नैमिषारण्य और शुकताल जैसे तीर्थ स्थलों को लेकर कई छोटी-बड़ी योजनाओं की घोषणा बजट में सरकार ने की है. कुल मिलाकर इन योजनाओं के जरिए भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे को धार जरूर मिल जाएगी.
2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने बजट के जरिये लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. एक ओर सरकार की मुफ्त की स्कीमों के लिए बजट में रकम आवंटित की गई है तो दूसरी तरफ धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखा गया है. योगी सरकार ने अपने बजट 2023 में यूपी के सभी क्षेत्रों के प्रमुख धार्मिक स्थलों के विकास के लिए बजट दिया है. वेस्टर्न यूपी में जहां शुक्रतीर्थ के लिए 10 लाख रुपये का बजट दिया है तो सेंट्रल यूपी में नैमिषारण्य का भी ख्यला रखा है. इसके साथ ही प्रयागराज, देवीपाटन और विंध्याचल में विकास के लिए बजट आवंटित किया है. इसके अलावा अयोध्या के विकास के लिए करोड़ों रुपये का बजट रखा गया है.
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि योगी सरकार बनने से पहले हिंदू धर्म से जुड़ी आस्था को दरकिनार किया जाता था. 2017 के बाद से प्रदेश में यह स्थिति बदली है. इसी क्रम में धार्मिक स्थलों के विकास के लिए बजट में प्रावधान किया गया है. उन्होंने दावा किया कि इस विकास से प्रदेश में पर्यटन के अवसर बढ़ेंगे.
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