लखनऊ: सोचिए आपका कुरियर आ रहा हो, लेकिन बीच में ही कहीं अटक गया और आपको क्राइम ब्रांच से कॉल आए कि क्या आप ड्रग डीलर हैं, तो जरूर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. लेकिन, देश भर में ऐसी ही ठगी हो रही है, जिसमें लोगों को कॉल आती है और कहा जाता है कि आपके एड्रेस पर आने वाले कुरियर में ड्रग्स मिले हैं. फिर डरा धमका कर पैसों की वसूली की जाती है. आखिर कैसे ठगी को दिया जा रहा है अंजाम और कैसे इस ठगी से बचा जा सकता है, आइए जानते हैं.
केस 1: कुरियर में मिला एमडीएम, बयान देने मुंबई आइए: राजधानी के सरोजनीनगर की रहने वाली श्रष्टि शुक्ला ने ऑनलाइन बुकिंग की थी. उन्होंने इस बुकिंग को अपने घर के पते पर मंगाया था. तीसरे दिन उनके पास एक व्यक्ति की कॉल आई और कहा कि वह फेडेक्स कुरियर कंपनी से बोल रहा है, और उसे बताया गया है कि आप के नाम से एक कन्साइनमेंट बना है, जो ताइवान जा रहा है. उसमे हमें 650 ग्राम एमडीएमएम मिला है. हमने इसको लेकर मुंबई अंधेरी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की है. पीड़िता ने इस बात से इंकार किया की उसने किसी भी प्रकार का ड्रग्स नहीं मंगवाया है. बावजूद इसके उसे अन्धेरी पुलिस स्टेशन मुम्बई में बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया. इसके बाद खुद को आईपीएस अधिकारी बताने वाले अमित कुमार ने कॉल की और पीड़िता का आधार कार्ड मंगवाया, पीड़िता ने अपना आधार कार्ड भेज दिया. उसके एक दिन बाद उसे बताया गया कि आपका आधार मनी लांड्रिंग केस में नामजद है. ऐसे में यदि आपको यहां आने में समस्या है तो एक एप्लिकेशन के जरिए ऑनलाइन बयान दर्ज करा दीजिए. पीड़िता ने ऐसे ही किया और उनके अकाउंट से साढ़े आठ लाख रुपये ठगों ने निकाल लिए.
केस 2: कुरियर बॉय के जरिए ठगों ने की डील: बाराबंकी के मोहम्मद राशिद के पास खुद को पुलिस इंस्पेक्टर बताने वाले व्यक्ति ने कॉल की, और उससे कहा गया कि उन्होंने एक युवक को गिरफ्तार किया है, जिसके पास से ड्रग्स भरा हुआ एक बॉक्स बरामद हुआ है. जिसमें आपके घर का पता लिखा है. राशिद के पास एक घंटे बाद एक और वीडियो कॉल आई और खुद को कुरियर बॉय बताने वाले युवक ने एक बॉक्स दिखाते हुए बताया कि वह उनका कुरियर ले कर आ रहा था. उस बॉक्स में लिखा राशिद के घर का पता भी दिखाया. राशिद से कहा गया कि पुलिस कर्मी उनके घर उसे गिरफ्तार करने आ रहे है. खबराए राशिद ने कुरियर बॉय से पुलिस कर्मियों से बातचीत कर सेटलमेंट करने की बात कही. जिस पर 25 हजार रुपये में डील पक्की हुई. राशिद ने पैसे दे भी दिए. कुछ दिन बाद राशिद के पास असली कुरियर आया तो पता चला कि वह ठगी का शिकार हुए है.
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लोग समझते है पैसे देना ही झंझट से है मुक्ति: यूपी पुलिस के साइबर सलाहकार राहुल मिश्रा बताते है, साइबर ठग इस तरह की ठगी बीते एक साल से कर रहे है. इस तरह की ठगी करने के लिए जालसाज ऐसे व्यक्तियों को शिकार बनाते है, जिन्होंने कुछ न कुछ ऑनलाइन बुक किया होता है. जालसाज ऐसे लोगों की डिटेल किन्ही माध्यमों से ले लेते है और फिर कॉल कर बताते है कि उनके कुरियर बॉक्स में ड्रग्स, फर्जी पासपोर्ट या फेक करेंसी है. राहुल मिश्रा बताते है कि जालसाज एकदम से पैसों की डिमांड नही करते है. पहले वो शिकार को डरा धमका कर ऐसी मानसिक स्थिति तक पहुंचा देते है कि वह समझने लगता है कि पैसा देना ही आखिरी रास्ता है, इस झमेले से बच निकलने का. जिसके बाद घबरा कर वह पैसे ट्रांसफर कर देते है.
लालच और डर के दम पर ठग करते है ठगी: साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू के मुताबिक साइबर ठगों के सबसे बड़े दो हथियार है, जिनके दम पर वो लोगों को ठगते है. पहला लालच और दूसरा डर. इन्हीं दो हथियारों का इस्तमाल कर ये अपराधी लोगों को ठगते है. ऐसे में यह ध्यान रखना है कि न ही लालच करना है और न ही डरना है. अगर डर गए या लालच में फंसे तो आप आसानी से ठगे जा सकते है. साइबर सेल प्रभारी कहते है कि कभी भी किसी राज्य की पुलिस इस तरह कॉल पर बॉक्स को लेकर पूछताछ नही करती है. आपने जो कुरियर मंगवाया है, यदि उससे ही संबंधित कोई कॉल आती है तो ही आप बात करें, अन्यथा उसे अनदेखा कर दें.
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