लखनऊ: राजधानी समेत प्रदेश भर में डग्गामार बसों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है. इस पर ब्रेक लगाने के लिए परिवहन विभाग के साथ ही परिवहन निगम के अधिकारी भी दफ्तर से बाहर निकल कर सड़क पर अभियान चला रहे हैं. इसका नतीजा भी साफ तौर पर दिखने लगा है. आगरा एक्सप्रेस वे से होकर बिहार से दिल्ली जाने वाली बसों पर काफी हद तक रोक लग गई है. अभियान के दौरान अधिकारियों ने कई बसों का चालान किया है. वहीं कई बसें सीज की गई हैं. इससे विभाग को राजस्व का भी काफी फायदा हुआ है.
राजधानी में एआरटीओ सत्येंद्र यादव और अवध डिपो के एआरएम गोपाल दयाल ने संयुक्त चेकिंग अभियान चलाते हुए 17 अक्टूबर को लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे पर दो बसें सीज कीं. वहीं 5 बसों का चालान भी किया. इन बसों पर 1,58,250 रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसी तरह 18 अक्टूबर को इसी रूट पर अभियान चलाया गया, जिसमें 12 बसों का चालान किया गया और कुल 2,12,725 रुपये की वसूली की गई. दोनों अधिकारियों ने मिलकर 19 अक्टूबर को अभियान चलाते हुए 9 बसों का चालान किया और दो बसें सीज भी कीं. बस स्वामियों पर 1,73,350 रुपये का जुर्माना भी ठोका है.
राजस्व का हुआ फायदा
तीन दिन के चेकिंग अभियान के दौरान अधिकारियों ने चार बसों को सीज किया है. वहीं 26 बसों का चालान किया. इन बसों पर अधिकारियों ने कुल 5,44,125 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका.
अब यात्री रोडवेज बस को देंगे प्राथमिकता
चेकिंग अभियान के दौरान अधिकारियों को कई बसें ऐसी मिलीं, जिनका रूट परमिट नहीं था. बस के कागजात भी नहीं थे. फिर भी वह पूरे प्रदेश में दौड़ रही थीं. इतना ही नहीं बिहार से लेकर दिल्ली तक ये बसें संचालित हो रही थीं . इस बीच पड़ने वाले सभी आरटीओ कार्यालय के अधिकारी कोई कार्रवाई भी नहीं कर रहे थे. लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे टोल प्लाजा पर इन बसों पर कड़ा एक्शन लिया गया है. इन बसों के बंद होने से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को काफी फायदा होगा. डग्गामार बसें नहीं चलने से अब यात्री रोडवेज बसों से सफर करेंगे.
लखनऊ: चार बसें सीज, 26 का चालान, लाखों का जुर्माना
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने चार प्राइवेट बसों को सीज किया है. इसके साथ ही 26 बसों का चालान किया गया है.
लखनऊ: राजधानी समेत प्रदेश भर में डग्गामार बसों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है. इस पर ब्रेक लगाने के लिए परिवहन विभाग के साथ ही परिवहन निगम के अधिकारी भी दफ्तर से बाहर निकल कर सड़क पर अभियान चला रहे हैं. इसका नतीजा भी साफ तौर पर दिखने लगा है. आगरा एक्सप्रेस वे से होकर बिहार से दिल्ली जाने वाली बसों पर काफी हद तक रोक लग गई है. अभियान के दौरान अधिकारियों ने कई बसों का चालान किया है. वहीं कई बसें सीज की गई हैं. इससे विभाग को राजस्व का भी काफी फायदा हुआ है.
राजधानी में एआरटीओ सत्येंद्र यादव और अवध डिपो के एआरएम गोपाल दयाल ने संयुक्त चेकिंग अभियान चलाते हुए 17 अक्टूबर को लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे पर दो बसें सीज कीं. वहीं 5 बसों का चालान भी किया. इन बसों पर 1,58,250 रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसी तरह 18 अक्टूबर को इसी रूट पर अभियान चलाया गया, जिसमें 12 बसों का चालान किया गया और कुल 2,12,725 रुपये की वसूली की गई. दोनों अधिकारियों ने मिलकर 19 अक्टूबर को अभियान चलाते हुए 9 बसों का चालान किया और दो बसें सीज भी कीं. बस स्वामियों पर 1,73,350 रुपये का जुर्माना भी ठोका है.
राजस्व का हुआ फायदा
तीन दिन के चेकिंग अभियान के दौरान अधिकारियों ने चार बसों को सीज किया है. वहीं 26 बसों का चालान किया. इन बसों पर अधिकारियों ने कुल 5,44,125 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका.
अब यात्री रोडवेज बस को देंगे प्राथमिकता
चेकिंग अभियान के दौरान अधिकारियों को कई बसें ऐसी मिलीं, जिनका रूट परमिट नहीं था. बस के कागजात भी नहीं थे. फिर भी वह पूरे प्रदेश में दौड़ रही थीं. इतना ही नहीं बिहार से लेकर दिल्ली तक ये बसें संचालित हो रही थीं . इस बीच पड़ने वाले सभी आरटीओ कार्यालय के अधिकारी कोई कार्रवाई भी नहीं कर रहे थे. लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे टोल प्लाजा पर इन बसों पर कड़ा एक्शन लिया गया है. इन बसों के बंद होने से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को काफी फायदा होगा. डग्गामार बसें नहीं चलने से अब यात्री रोडवेज बसों से सफर करेंगे.