लखनऊ: योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान करने वाले पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर (Former IPS Amitabh Thakur) अब राजनीतिक दल बनाएंगे. नई पार्टी के गठन के बाद पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर (Former IPS Amitabh Thakur) के घर के बाहर पुलिस का पहरा लग गया है. उन्हें एक बार फिर से घर में ही नजरबंद कर दिया गया है. अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी कि उन्हें नए दल के गठन की घोषणा करते ही नजरबंद कर दिया गया. अब अमिताभ ने सुरक्षाकर्मियों से लिखित आदेश मांगा और कहा कि यदि एक घंटे में उन्हें लिखित आदेश नहीं मिला तो, वह अपने पहले से प्रस्तावित अयोध्या रामलला दर्शन कर चुनावी प्रचार पर गोरखपुर निकल जाएंगे.
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मेरे अयोध्या गोरखपुर यात्रा के निकट आते व नयी राजनैतिक पार्टी की घोषणा करते ही फिर नज़रबंद.
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अजीबोगरीब स्थिति ! मानो कानून का नहीं व्यक्ति विशेष का राज हो !
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— AmitabhThakur (@Amitabhthakur) August 27, 2021
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पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर (Former IPS Amitabh Thakur) ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी अयोध्या-गोरखपुर यात्रा के निकट आते व नई राजनैतिक पार्टी की घोषणा करते ही फिर नजरबंद कर दिया गया. अजीबोगरीब स्थिति है! मानो कानून का नहीं व्यक्ति विशेष का राज हो ! इतना डर क्यों सरकार ?
अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) ने बताया कि एक नए राजनीतिक दल के गठन की घोषणा कर रहा हूं. उन्होंने वीडियो बयान जारी करते हुए कहा कि तमाम सहयोगियों और शुभचिंतकों व जानकार लोगों से सुझाव और चर्चा के बाद विचार-विमर्श कर नए राजनीतिक दल के गठन का निर्णय किया है. अमिताभ ने राजनीतिक दल का नाम 'अधिकार सेना' (adhikar sena) प्रस्तावित करते हुए अपने सहयोगी से पार्टी के उद्देश्य, स्वरूप के संबंध में सुझाव देने का निवेदन किया है.
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दरअसल, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी है. इससे वह अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही रिटायर हो गए हैं. तब से वह योगी आदित्यनाथ सरकार से खासा नाराज चल रहे हैं. 1992 बैच के यूपी कैडर के IPS अफसर अमिताभ ठाकुर की सरकार से लंबे समय से खींचतान चल रही थी. उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार से भी उनकी नहीं बन रही थी. उस समय ऐसा लग रहा था कि वह भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़े हैं. बाद में उनकी पत्नी व सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर के भाजपा में शामिल होने की भी अटकलें लगाई जा रही थीं. उनकी नजदीकियां भी साफ दिखाई दे रही थीं.
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उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद भी अमिताभ ठाकुर के राज्य सरकार के साथ संबंध बेहतर नहीं हुए, बल्कि खींचतान बरकरार रही. वह इस सरकार में भी कुछ भी बोलने से गुरेज करते हुए नहीं दिखे. योगी आदित्यनाथ सरकार और अमिताभ ठाकुर के बीच लड़ाई सर्वविदित हो गई. सरकार ने उनके खिलाफ जबरन रिटायरमेंट करने का फैसला किया. सेवा नियमावली के खिलाफ जाकर बोलने और काम करने के कई मामले एकत्र करके सरकार ने उन्हें जबरिया रिटायर किया. अब पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर चुनावी राजनीति में ताल ठोकने के लिए आने वाले हैं. वीडियो जारी करके अमिताभ ठाकुर ने सीधे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती दी थी. उन्होंने कहा था कि आने वाले चुनाव में वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.
गौरतलब है कि 20 अगस्त को पूर्व आईएएस अमिताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान किया था. चुनाव लड़ने के एलान के बाद उन्होंने गोरखपुर स्थित गोरखधाम मंदिर में दर्शन कर मुख्यमंत्री के खिलाफ बिगुल फूंक दिया. उन्होंने कहा कि वह जनता के बीच जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के करतूतों की पोल खोलेंगे.
वहीं बीते 21 अगस्त को दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट के बाहर रेप पीड़िता के खुदकुशी करने का एक लाइव वीडियो फेसबुक पर वायरल हुआ. इसमें बसपा सांसद अतुल राय पर रेप करने और अमिताभ ठाकुर पर सांसद के इशारे पर पीड़िता को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सीनियर आईएएस नीरा रावत और आरके विश्वकर्मा के नेतृत्व में एक समिति गठित कर जांच करने के निर्देश दिए. समिति ने अमिताभ ठाकुर को बीते 23 अगस्त को तलब कर लखनऊ से बाहर जाने पर रोक लगाते हुए हाउस अरेस्ट कर लिया था. अमिताभ जांच समिति के समक्ष पेश हुए और सवालों के जवाब ऑडियो-वीडियो और दो संदिग्ध मेल लेकर जल्द जवाब देने को कहा.
बीते 26 अगस्त को अमिताभ ने अपना जवाब और निर्दोष होने के सुबूत समिति को सौंपा. समिति ने मामले से जुड़े वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक, डिप्टी एसपी अमरेश सिंह, सीओ व इंस्पेक्टर व उनके बेटे के भी बयान दर्ज किए हैं. जांच समिति को दो हफ्ते के भीतर सरकार को रिपोर्ट भेजनी है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान करने वाले चर्चित जबरन रिटायर आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने हाउस अरेस्टिंग में रहते हुए एलान किया कि वह 28-29 अगस्त को चुनावी दौरे पर निकलेंगे. उन्होंने एलान किया कि वह विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए 28 को अयोध्या में रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन करेंगे और 29 अगस्त को गोरखपुर स्थित गोरखधाम मंदिर दर्शन कर कार्यकर्ता सम्मेलन भी हिस्सा लेंगे, लेकिन 28 अगस्त के प्रस्तावित दौरे से पूर्व ही अमिताभ ठाकुर ने नई 'पार्टी अधिकार सेना' के गठन की घोषणा कर दी. पार्टी गठन की घोषणा के बाद ही पुलिस ने उनका घर घेर लिया और उन्हें फिर से घर में ही नजरबंद कर दिया.