लखनऊ: प्रदेश सरकार के विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करने वाले रिटायर्ड आईएएस एसपी सिंह ने कहा कि सरकार उनकी आवाज को दबाने के लिए भेदभाव पूर्ण रवैये के तहत एफआईआर दर्ज करा कर उन्हें परेशान कर रही है.
मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूर्व आईएएस अधिकारी ने कहा कि सरकार की नीतियों को लेकर सोशल मीडिया पर आवाज उठाता हूं, जिस कारण उन पर एफआईआर दर्ज की जा रही है. पुलिस रात में घर पहुंच कर परेशान करती है, जिससे कि सरकार के खिलाफ आवाज न उठाई जाए. यह एक तरह से लोकतंत्र की हत्या करने वाला है. उन्होंने कहा कि मैं पुलिस द्वारा लगातार दर्ज किए जाने वाली एफआईआर और पुलिस के व्यवहार के डरा हुआ हूं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी सिंह ने कहा कि हम एक लोकतांत्रिक देश के हिस्सा हैं और सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है. हम अपने विवेक व अपने चिंतन के आधार पर अगर कोई आवाज उठाते हैं तो उस पर सरकार को संज्ञान लेकर सही दिशा में काम करना चाहिए न कि आवाज उठाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी आवाज को दबाने का काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार का व्यवहार लोकतंत्र की हत्या करने वाला व तानाशाह पूर्ण है.
बता दें कि एसपी सिंह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. उन्होंने 10 जून को 'सीएम योगी की टीम- 11 की मीटिंग को लेकर ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि सीएम योगी की टीम इलेवन की मीटिंग के बाद क्या मुख्य सचिव ने ज्यादा कोरोना जांच करने वाले कुछ जिलों के डीएम को फटकार लगाई है कि क्यों इतनी पकड़े हो, क्यों टेस्ट-टेस्ट चिल्ला रहे हो. चीफ सेक्रेटरी स्थिति स्पष्ट करें. यूपी की स्ट्रेटजी नो टेस्टिंग नो करोना.' एसपी सिंह के इस ट्वीट के बाद दिनांक 11 जून को आपदा प्रबंधन एक्ट महामारी अधिनियम के तहत हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई. वहीं सोमवार को इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई. मंगलवार को एसपी सिंह ने हजरतगंज थाने पहुंचकर अपना पक्ष रखा.
इसके अलावा जून माह में उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि गोरखपुर में लगे 15000 चीनी बिजली के मीटर हटाए जाएंगे, मतलब जो सामान हम पहले से ही खरीद चुके हैं. उसे हटाकर जनता के पैसे से दोबारा मीटर खरीद कर योगी जी चीन का नुकसान करने जा रहे हैं. अब प्रदेश में भी किम जोंग का पुतला फूंकने का समय आ रहा है. एसपी सिंह द्वारा किए गए इस ट्वीट के बाद शिकायतकर्ता उप निरीक्षक राजीव सिंह चौहान की तहरीर पर हसनगंज थाने में धारा 88 सूचना प्रौद्योगिकी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.