लखनऊ: गृह मंत्रालय ने आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर, राकेश शंकर और राजेश कृष्णा को समय से पूर्व अनिवार्य रूप से सेवानिवृत करने का आदेश दिया है. मंगलवार को जारी इस आदेश के बाद बुधवार को अमिताभ ठाकुर ने सरकार को लिखे पत्र के कुछ अंश सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किए हैं. उन्होंने यह पत्र चार दिसंबर, 2019 को लिखा था. अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर कहा है कि जबरिया सेवानिवृति के संबंध में सरकार को लिखा उनका पत्र आज अत्यंत प्रासंगिक दिखता है.
पत्र में अमिताभ ने लिखा था कि उन्हें विश्वस्त सूत्रों से बताया गया है कि उनके कथित रूप से असुविधाजनक और अप्रिय होने, 'मुकदमेबाज' होने, आपराधिक वाद दायर करने और प्रशासनिक कार्रवाई करने की मांग करने के कारण उन्हें अत्यंत उच्चस्तरीय दवाब में अनिवार्य सेवानिवृति के निर्देश दिए गए हैं, जिसका शीघ्र क्रियान्वयन होगा.
ट्विटर के जरिए सार्वजनिक किया पत्र
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने ट्विटर पर पूर्व में सरकार को लिखे गए पत्र को सार्वजनिक किया है. उन्होंने पत्र में कहा था कि "यदि ऐसा हुआ तो यह घोर अन्यायपरक और मनमाना होगा, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक व्यवस्था में अवांछित कर्मी को अलग करना नहीं बल्कि इस प्रावधान का गलत प्रयोग करते हुए व्यवस्था में ताकतवर स्थानों पर बैठे तमाम व्यक्तियों के लिए असुविधाजनक और अप्रिय व्यक्ति को व्यवस्था से अलग करना होगा, जो अनुचित उद्देश्य से संचालित होगा."
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उत्तर प्रदेश के तीन आईपीएस अफसरों अमिताभ ठाकुर, राजेश कृष्ण और राकेश शंकर को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाते हुए 'जबरन रिटायर' कर दिया गया है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने तीनों अधिकारियों के खिलाफ लिए गए निर्णय का आदेश जारी कर दिया है. यह पहला मौका है जब उत्तर प्रदेश में एक साथ तीन आइपीएस अधिकारियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई है. जबरन रिटायर किए गए आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने मंगलवार रात पद छोड़ने, सरकारी गाड़ी और ड्राइवर वापस किए जाने की ट्वीट कर जानकारी दी.