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राजधानी में आतिशबाजी ने बढ़ाया प्रदूषण स्तर, एक्यूआई 1400

यूपी के लखनऊ में शासन और एनजीटी के आदेशों के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई. प्रशासन कहने को तो मुस्तैद रहा फिर भी चोरी-छिपे ही सही जिले में पटाखों की बिक्री हुई. आलम यह रहा कि दिवाली की रात की आतिशबाजी ने जनपद का एक्यूआई 1400 पर पहुंचा दिया है.

राजधानी में आतिशबाजी
राजधानी में आतिशबाजी
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Published : Nov 15, 2020, 6:01 PM IST

लखनऊ: राजधानी में शासनादेश के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई. आलम यह रहा कि राजधानी का प्रदूषण 5 गुना बढ़कर 1400 एक्यूआई पर पहुंच गया. वहीं जिला प्रशासन और पुलिस भी दिवाली मनाने में व्यस्त हो गई. कहने को तो डीजीपी, कमिश्नर लखनऊ और जिला अधिकारी ने आदेश दिए थे कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो. लेकिन उनके आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई गईं.

अवैध तरीकों से हुई पटाखों की बिक्री
आदेश को दरकिनार कर राजधानी में अवैध तरीकों से पटाखों की बिक्री की गई और सभी जिम्मेदार आंख पर पट्टी बांधकर बैठे रहे. जब जिम्मेदारों से पूछा गया कि पटाखों की अवैध बिक्री के लिए कोई कार्रवाई की गई तो सभी हवा हवाई बातें करते नजर आए.

एनजीटी ने जारी किए थे निर्देश
दरअसल, लगातार प्रदूषित होते वातावरण को लेकर एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार चेतावनी जारी कर रहा है. चेतावनी को लेकर सीएम योगी ने दिवाली पर सख्त निर्देश दिए गए थे. जिसके बाद गृह विभाग सचिव, पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी, पुलिस कमिश्नर लखनऊ सुजीत पांडे सहित जिलाधिकारी लखनऊ अभिषेक प्रकाश ने शासन आदेश का पालन कराए जाने के सख्त निर्देश दिए थे. इसके साथ ही राजधानी में पटाखों की अवैध बिक्री करने वालों पर शिकंजा करने के भी आदेश दिए थे. बावजूद इसके राजधानी में कहीं खुलेआम तो कहीं चोरी-छिपे पटाखे की बिक्री की गई. इसके साथ ही राजधानी भर में जमकर आतिशबाजी हुई. जिसका परिणाम यह रहा एक्यूआई बढ़कर 1400 पहुंच गया.

दिवाली की रात हवा में घुला जहर
राजधानी की हवा में देर रात जमकर जहर घुला. इसके साथ ही पुलिस द्वारा लगाया गए 3500 पुलिस बल भी किसी काम का नहीं रहा. जब इसकी जानकारी के लिए अधिकारियों से बात की गई तो वह हवा हवाई बातें करते नजर आए. जब उन्हें फोन किया गया तो उन्होंने छापेमारी की बात कही लेकिन जब एफआईआर और जगहों के नाम पूछे गए तो उन पर कोई बात नहीं बनी.

जमकर चले देशी-विदेशी और चाइनीज पटाखे
दिवाली की रात चाइनीज और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों पर मनाही थी. केवल इको ग्रीन पटाखों को ही जलाने की अनुमति थी. लेकिन दिवाली के नशे में चूर राजधानी वासियों ने शासनादेश को भी दरकिनार कर दिया और जमकर आतिशबाजी की. सवाल यह उठता है कि जब प्रशासनिक अधिकारी ही दिए गए आदेशों को लेकर सख्ती नहीं कर पा रहे हैं तो किस तरह प्रदूषण पर लगाम लगाई जा सकेगी.

लखनऊ: राजधानी में शासनादेश के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई. आलम यह रहा कि राजधानी का प्रदूषण 5 गुना बढ़कर 1400 एक्यूआई पर पहुंच गया. वहीं जिला प्रशासन और पुलिस भी दिवाली मनाने में व्यस्त हो गई. कहने को तो डीजीपी, कमिश्नर लखनऊ और जिला अधिकारी ने आदेश दिए थे कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो. लेकिन उनके आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई गईं.

अवैध तरीकों से हुई पटाखों की बिक्री
आदेश को दरकिनार कर राजधानी में अवैध तरीकों से पटाखों की बिक्री की गई और सभी जिम्मेदार आंख पर पट्टी बांधकर बैठे रहे. जब जिम्मेदारों से पूछा गया कि पटाखों की अवैध बिक्री के लिए कोई कार्रवाई की गई तो सभी हवा हवाई बातें करते नजर आए.

एनजीटी ने जारी किए थे निर्देश
दरअसल, लगातार प्रदूषित होते वातावरण को लेकर एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार चेतावनी जारी कर रहा है. चेतावनी को लेकर सीएम योगी ने दिवाली पर सख्त निर्देश दिए गए थे. जिसके बाद गृह विभाग सचिव, पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी, पुलिस कमिश्नर लखनऊ सुजीत पांडे सहित जिलाधिकारी लखनऊ अभिषेक प्रकाश ने शासन आदेश का पालन कराए जाने के सख्त निर्देश दिए थे. इसके साथ ही राजधानी में पटाखों की अवैध बिक्री करने वालों पर शिकंजा करने के भी आदेश दिए थे. बावजूद इसके राजधानी में कहीं खुलेआम तो कहीं चोरी-छिपे पटाखे की बिक्री की गई. इसके साथ ही राजधानी भर में जमकर आतिशबाजी हुई. जिसका परिणाम यह रहा एक्यूआई बढ़कर 1400 पहुंच गया.

दिवाली की रात हवा में घुला जहर
राजधानी की हवा में देर रात जमकर जहर घुला. इसके साथ ही पुलिस द्वारा लगाया गए 3500 पुलिस बल भी किसी काम का नहीं रहा. जब इसकी जानकारी के लिए अधिकारियों से बात की गई तो वह हवा हवाई बातें करते नजर आए. जब उन्हें फोन किया गया तो उन्होंने छापेमारी की बात कही लेकिन जब एफआईआर और जगहों के नाम पूछे गए तो उन पर कोई बात नहीं बनी.

जमकर चले देशी-विदेशी और चाइनीज पटाखे
दिवाली की रात चाइनीज और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों पर मनाही थी. केवल इको ग्रीन पटाखों को ही जलाने की अनुमति थी. लेकिन दिवाली के नशे में चूर राजधानी वासियों ने शासनादेश को भी दरकिनार कर दिया और जमकर आतिशबाजी की. सवाल यह उठता है कि जब प्रशासनिक अधिकारी ही दिए गए आदेशों को लेकर सख्ती नहीं कर पा रहे हैं तो किस तरह प्रदूषण पर लगाम लगाई जा सकेगी.

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