लखनऊः डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में परीक्षा के बाद कॉपियों के मूल्यांकन से दूरी बनाने वाले संस्थानों की संबद्धता पर अब तलवार लटकेगी. ऐसे संस्थानों पर नकेल कसने के लिए मंगलवार को प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र की अध्यक्षता में संपन्न हुई परीक्षा समिति की 76वीं बैठक में कड़े फैसले लिए हैं. समिति ने संबद्धता के नियमों में ही कॉपियों के मूल्यांकन के प्रस्ताव को झंडी दे दी है. जिससे अब कोई भी कॉलेज मूल्यांकन से मना नहीं कर सकता.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के. मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित परीक्षा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए छात्रों को भ्रमित कर परीक्षा के नाम पर वसूली करने वालों के खिलाफ विधिक कार्यवाही होगी. साथ ही विश्वविद्यालय के विभिन्न सोशल मीडिया के जरिए यह भी बताने पर सहमति बनी की परीक्षा से संबंधित किसी भी प्रकार का शुल्क नगद नहीं लिया जाता. जिससे कि किसी भी प्रकार के बहकावे में आने से बच सकें. विश्वविद्यालय के छात्र अब अपने गुरुजी के बारे में अपनी राय भी दे सकेंगे. इसके लिए फीडबैक फॉर्म रहेगा जोकि छात्र के आईडी पर उपलब्ध होगा. छात्र उस फार्म के जरिए अपने फैकल्टी का फीडबैक विश्वविद्यालय को दे सकेंगे.
इस बार 26 नवंबर को आयोजित होने वाले विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में कुल 48,343 छात्रों को डिग्री दी जाएगी. वहीं, विश्वविद्यालय से संबद्ध संस्थानों और राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों में 17 गोल्ड मेडल, 16 सिल्वर और 16 ब्रोंज मेडल दिया जाएगा. जबकि विश्वविद्यालय के घटक संस्थानों के छात्रों में 11 गोल्ड मेडल 6 सिल्वर मेडल और 7 ब्रोंज मेडल दिया जाएगा. इस बार चांसलर मेडल केआईईटी ग्रुप गाजियाबाद कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग ब्रांच के रोहन खुराना को दिया जाएगा. प्रस्तावों को परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर अनुराग त्रिपाठी ने प्रस्तुत किया. जाटों के पौधे विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह पहले 25 नवंबर को आयोजित होना था. लेकिन, मुख्य अतिथि की मांग पर समारोह 1 दिन के लिए आगे बढ़ा दिया गया है.
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