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लखनऊ: चित्रकार शिविर का हुआ आयोजन, देशभर से आए चित्रकारों ने लिया भाग

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अष्टलक्ष्मी राष्ट्रीय पूर्वोत्तर चित्रकार शिविर का आयोजन किया गया. इसमें प्रदेश के साथ-साथ देश भर के तमाम बड़े आर्टिस्टों और चित्रकारों ने प्रतिभाग किया.

चित्रकार शिविर में देशभर से आए चित्रकारों ने लिया भाग.
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Published : Sep 26, 2019, 4:58 AM IST

लखनऊ: शहर में हर दिन कुछ न कुछ सांस्कृतिक और साहित्यिक आयोजन होते रहते हैं. लेकिन इन सभी आयोजनों के बीच कलाकारों की मेहनत को कैनवास पर दिखाने वाले आयोजनों में लोग जाना ज्यादा पसंद करते हैं. जिसे देखते हुए राज्य ललित कला अकादमी में अष्टलक्ष्मी राष्ट्रीय पूर्वोत्तर चित्रकार शिविर का आयोजन किया गया. इसमें प्रदेश के साथ-साथ देश भर के तमाम बड़े आर्टिस्ट और चित्रकारों ने प्रतिभाग किया.

चित्रकार शिविर में देशभर से आए चित्रकारों ने लिया भाग.

देश भर से आए आर्टिस्टों ने लिया भाग-

  • चित्रकार शिविर का आयोजन भी देशभर के मुख्य आयोजनों में से एक है.
  • आयोजन में प्रदेश के अलावा पूरे देश भर से आर्टिस्ट आए थे.
  • कुछ आर्टिस्ट मुंबई और अन्य जगहों से भी आए थे.
  • सभी ने अपनी पेंटिंग्स का प्रदर्शन किया था.
  • सभी ने अपनी पेंटिंग्स में रंग भर कर बेहतरीन रूप से सजाया था.
  • जिसकी दूर-दूर से आए लोगों ने काफी प्रशंसा की.

यह भी पढ़ें: लखनऊ: अनुच्छेद 370 और तीन तलाक का सच बताएंगे स्कूली बच्चे

अष्टलक्ष्मी राष्ट्रीय पूर्वोत्तर चित्रकार शिविर में नोर्थ इस्ट के आठ प्रदेशों के आर्टिस्ट बुलाए गए हैं. जिससे कि सभी को अलग-अलग प्रदेशों की संस्क़ति के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके.
वेणु गोपाल, सचिव, ललित कला अकादमी
मैंने अपनी पेंटिंग के माध्यम से विश्व भारती ग्लोबल वॉर्मिंग और खत्म होती ग्रीनरी के प्रति सचेत करने की कोशिश की है. इस पेंटिंग का नाम ही सेव ट्रीस रखा है
हेंबत ऐंसुबा, आर्टिस्ट, इम्फाल
मैं अपनी पेंटिंग के माध्यम से लोगों को एक नया टेस्ट देना चाहता हूं.
रंजन कुमार, आर्टिस्ट

लखनऊ: शहर में हर दिन कुछ न कुछ सांस्कृतिक और साहित्यिक आयोजन होते रहते हैं. लेकिन इन सभी आयोजनों के बीच कलाकारों की मेहनत को कैनवास पर दिखाने वाले आयोजनों में लोग जाना ज्यादा पसंद करते हैं. जिसे देखते हुए राज्य ललित कला अकादमी में अष्टलक्ष्मी राष्ट्रीय पूर्वोत्तर चित्रकार शिविर का आयोजन किया गया. इसमें प्रदेश के साथ-साथ देश भर के तमाम बड़े आर्टिस्ट और चित्रकारों ने प्रतिभाग किया.

चित्रकार शिविर में देशभर से आए चित्रकारों ने लिया भाग.

देश भर से आए आर्टिस्टों ने लिया भाग-

  • चित्रकार शिविर का आयोजन भी देशभर के मुख्य आयोजनों में से एक है.
  • आयोजन में प्रदेश के अलावा पूरे देश भर से आर्टिस्ट आए थे.
  • कुछ आर्टिस्ट मुंबई और अन्य जगहों से भी आए थे.
  • सभी ने अपनी पेंटिंग्स का प्रदर्शन किया था.
  • सभी ने अपनी पेंटिंग्स में रंग भर कर बेहतरीन रूप से सजाया था.
  • जिसकी दूर-दूर से आए लोगों ने काफी प्रशंसा की.

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अष्टलक्ष्मी राष्ट्रीय पूर्वोत्तर चित्रकार शिविर में नोर्थ इस्ट के आठ प्रदेशों के आर्टिस्ट बुलाए गए हैं. जिससे कि सभी को अलग-अलग प्रदेशों की संस्क़ति के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके.
वेणु गोपाल, सचिव, ललित कला अकादमी
मैंने अपनी पेंटिंग के माध्यम से विश्व भारती ग्लोबल वॉर्मिंग और खत्म होती ग्रीनरी के प्रति सचेत करने की कोशिश की है. इस पेंटिंग का नाम ही सेव ट्रीस रखा है
हेंबत ऐंसुबा, आर्टिस्ट, इम्फाल
मैं अपनी पेंटिंग के माध्यम से लोगों को एक नया टेस्ट देना चाहता हूं.
रंजन कुमार, आर्टिस्ट

Intro:लखनऊ। राजधानी में हर दिन कुछ न कुछ सांस्कृतिक और साहित्यिक आयोजन होते रहते हैं, लेकिन इन सभी आयोजनों के बीच कलाकारों की मेहनत को कैनवस पर दिखाने वाले आयोजनों में लोग जाना ज्यादा पसंद करते हैं। इसी सिलसिले में राज्य ललित कला अकादमी में अष्टलक्ष्मी राष्ट्रीय पूर्वोत्तर चित्रकार शिविर का आयोजन किया गया था। इसमें प्रदेश ही नहीं वरन देश भर के तमाम बड़े आर्टिस्ट और चित्रकारों ने प्रतिभाग किया था।


Body:वीओ1 राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ के सचिव वेणु गोपाल कहते हैं कि यहां पर हर दिन किसी न किसी तरह के ऐसे आयोजन होते रहते हैं जिनमें न केवल कला का प्रदर्शन होता है पर साथ ही कलाकार की मेहनत भी रंग लाती है। यह आयोजन भी देशभर के मुख्य आयोजनों में से एक है क्योंकि इसमें पूरे देश भर से आर्टिस्ट आए थे जिन्होंने अपनी पेंटिंग्स का प्रदर्शन यहां पर किया है यह आर्टिस्ट मुख्यतः इज इंडिया के तमाम प्रदेशों से आए थे कुछ आर्टिस्ट मुंबई और अन्य जगहों से भी आए थे जिन्होंने अपनी पेंटिंग्स में रंग भर कर इन्हें बेहतरीन रूप से सजाया है। खास बात यह है कि इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं और काफी प्रशंसा कर रहे हैं। इंफाल से आए एक आर्टिस्ट हेंबत ऐंसुबा ने अपनी पेंटिंग के माध्यम से विश्व भारती ग्लोबल वॉर्मिंग और खत्म होती ग्रीनरी के प्रति सचेत करने की कोशिश की है। इसके बारे में वह कहते हैं कि इस पेंटिंग का नाम ही सेव ट्रीस रखा है ताकि लोग इस बात के प्रति सजग हो सके कि यदि पेड़ पौधे और हरियाली नहीं रहेगी, सिर्फ बिल्डिंग्स ही हम बनाते जाएंगे तो किसी न किसी दिन अर्थक्वेक या किसी अन्य आपदा की वजह से यह सारी बिल्डिंग धराशाई हो जाएंगी और हम कुछ इसी तरह से कहीं दबे हुए पड़े होंगे। प्रयागराज के एक आर्टिस्ट रंजन कुमार कहते हैं कि मैंने अपनी पेंटिंग्स में दर्शाने की कोशिश की है अक्सर जब हम किसी चीज के प्रति नकारात्मक भाव रखते हैं तो उसमें भी कहीं ना कहीं कुछ ऐसी बात छुपी होती है जिसे हम अपनी यादों में संजू सकते हैं या जो सकारात्मक होती है इस एग्जीबिशन इन पेंटिंग्स के माध्यम से भी मैंने यही बताने की कोशिश की है कि अलग-थलग पड़ी चीजों में भी कहीं न कहीं एकता है जो एक दूसरे से मिलकर हमें जीवित बनाती हैं।


Conclusion: बाइट- वेणु गोपाल , सचिव बाइट- हेंबत ऐंसुबा , आर्टिस्ट, इम्फाल बाइट- रंजन कुमार, आर्टिस्ट रामांशी मिश्रा
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