लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय शुक्रवार देर रात विश्वविद्यालय के विभिन्न होटलों के छात्रों ने कैंपस के बाहर जमकर बवाल किया. छात्रों ने पहले पुलिस की पिटाई के आरोप के बीच छात्र हॉस्टल के बाहर आ गए तो वहीं इसी दौरान 2 छात्रों के बीच किसी बात को लेकर उपजे विवाद ने मारपीट का रूप ले लिया. जिस कारण पूरे परिसर का माहौल एक बार फिर से गरमा गया. जानकारी के अनुसार पहले पुलिस और सुभाष छात्रावास के छात्रों के बीच झड़प हुई. पुलिसवालों ने छात्रों को फटकारा. इसके बाद छात्र वापस लौटे और अन्य हास्टल के छात्रों के साथ हसनगंज थाने पर हल्ला बोल दिया. छात्रों ने पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए और धरने पर बैठ गए. इसी दौरान किसी बात को लेकर कुछ छात्र आपस में ही भिड़ गए. आरोप है कि जूनियर छात्रों ने सीनियर छात्रों को पीटा. मारपीट में एक छात्र को चोट भी लगी.
लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के छात्रावासों में रात 10 बजे के बाद बाहर नहीं निकलने का नियम है. इसके बावजूद नियम का पालन हास्टल प्रोवोस्ट नहीं करा पा रहे हैं. शुक्रवार शनिवार की रात तकरीबन डेढ़ बजे सुभाष छात्रावास से 15 से अधिक छात्र चाय पीने निकले हुए थे. रास्ते में गश्त कर रही पुलिस ने छात्रों को रोका. इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई. छात्रों का आरोप है कि पुलिसवालों ने छात्रों को बेवजह पीटा. इसके बाद छात्र हास्टल वापस आ गए और सुभाष छात्रावास के साथ ही अन्य हास्टलों से लगभग 70 से 80 छात्र नारे लगाते हुए हसनगंज थाने पंहुच गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. ये सब सुबह चार बजे तक चलता रहा. इसके बाद मौके पर एलयू के अधिकारी भी पंहुचे और छात्रों को शांत कराकर वापस भेजा.
बताया जाता है कि हसनगंज थाने पर विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ जूनियर और सीनियर छात्र आपस में भिड़ गए. एक दूसरे पर टिप्पणी से शुरू हुई बहस मारपीट में बदल गई. इसके बाद महमूदाबाद और हबीबउल्लास छात्रावास के छात्र एक तरफ और लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के छात्र एक तरफ हो गए. छात्रों के बीच देर तक हाथापाई हुई. बताया गया कि एमबीए द्वितीय वर्षीय छात्र किशन पांडेय को जूनियर छात्रों ने पीटा. इस बाबत किशन पांडेय ने हसनगंज थाने में हबीबउल्ला और महमूदाबाद छात्रावास के अंतवासी छात्रों पर मुकदमा दर्ज कराया है. किशन की दर्ज कराई रिपोर्ट के अनुसार 17 दिसंबर सुबह चार बजे अपने जूनियर छात्रों के साथ कैमरन रोड से छात्रावास जा रहा था. तभी हबीबउल्लाह और महमूदाबाद छात्रावास के छात्रों ने मेरे साथ बहस करन लगे. बीच बचाव करने पर बीएससी द्वितीय वर्ष के छात्र अर्जुन सिंह, सक्षम मिश्रा, आयुष राय प्रशांत और उनके 40 साथियों ने ईंट, बेल्ट, डंडे से पीटा. लखनऊ विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर राकेश द्विवेदी (Lucknow University Chief Proctor Professor Rakesh Dwivedi) का कहना है कि छात्रों ने पुलिस पर पीटने के आरोप लगाए है. इस सम्बंध में पुलिस अधिकारियों से बात की गई है. पुलिस ने जांच कराने का आश्वासन दिया है. वहीं छात्रों की मारपीट की बढ़ती गतिविधि और देर रात निकलने पर लगाम लगाने के लिए अंत:वासी छात्र-छात्रों को रात में 10 बजे के बाद बाहर न निकलने का आदेश जारी कर किया है. यदि कोई छात्र बाहर धूमते मिलेगा तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
परिसर में धरना प्रदर्शन पर लगी रोक : विश्वविद्यालय के प्राक्टर प्रो. राकेश द्विवेदी ने परिसर में धरना प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है. उन्होंने जारी आदेश में कहा कि पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ में 10 दिसंबर से धारा 144 लागू है. ऐसे में परिसर में किसी प्रकार धरना प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर में आये दिन हो रही मारपीट को लेकर एसीपी महानगर जया शाडिल्य समेत अन्य पुलिस अधिकारियों ने परिसर का जायजा लिया. साथ ही एसएचओ हसनगंज अतुल श्रीवास्तव और प्राक्टोरियल टीम साथ में लगातार परिसर का निरीक्षण करते रहे और इधर-उधर धूम रहे छात्रों को हिदायत दी गई. वहीं बीती रात लखनऊ विश्वविद्यालय के सुभाष छात्रावास में पुलिस द्वारा छात्रों पर अमानवीय व्यवहार के विरुद्ध में एनएसयूआई के पदाधिकारों और कार्यकर्ताओं ने शनिवार को प्रशासनिक भवन पर हल्ला बोला और प्रदर्शन किया. कुलपति की गैर हाजरी में प्रोक्टोरियल टीम के सदस्य अपर कुलानुशासक डॉ. ओपी शुक्ला को ज्ञापन सौंपा. जल्द से जल्द कार्यवाही करने की मांग की. प्रदर्शन के दौरान प्रदेश महासचिव आर्यन मिश्रा, विशाल, आशीष, प्रिंस, आनंद, शुभम, विराट, प्रीतम एवं अन्य उपस्थित रहे.