लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' और 'महिला सशक्तिकरण' के नारे को सन 2010 से देश के पहले फीमेल रॉक बैंड 'मेरी मंजिल' बुलंद कर रहा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में इस बैंड को शुरू करने वाली जया तिवारी ने इस बैंड को लेकर अपने उद्देश्य को बताया.
सन 2010 से महिला सशक्तिकरण को दे रही बढ़ावा
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए देश के पहले फीमेल रॉक बैंड 'मेरी मंजिल' को शुरू करने वाली जया तिवारी बताती हैं कि सन 2010 से इस बैंड की स्थापना की गई थी. तभी से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है. जया तिवारी ने कहा की 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के नारे को भी हम लोगों ने अपने बैंड का नारा बनाया. इसके जरिए हम देश में महिलाओं को एक संदेश देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नारे से कहीं न कहीं प्रभाव जरूर पड़ेगा और आने वाले समय में महिलाओं की स्थिति सुदृढ़ होगी.
200 से अधिक शो का कर चुकी हैं संचालन
पहले फीमेल रॉक बैंड मेरी मंजिल के बारे में बताते हुए जया कहती हैं कि अब तक 200 से ज्यादा शहरों में 200 से ज्यादा शो कर चुकी हैं. हर बार महिलाओं को सुदृढ़ बनाने का प्रयास किया जाता है. उन्होंने कहा कि हमारे बैंड की सभी साथी फीमेल हैं. एक छोटा सा परिवार है, जो 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के नारे को बुलंद कर रहा है.
चाहती हैं समानता का अधिकार
जया तिवारी ने कहा कि हमारी पुरुषों से किसी प्रकार की होड़ नहीं है. हम चाहते हैं कि देश में महिलाओं को समानता का अधिकार मिले. आज हर क्षेत्र में महिलाएं अपने झंडे गाड़ रही हैं. बस यही एक गुजारिश है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में नई पहचान मिले.
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जया तिवारी ने कहा कि महिलाओं को मेन स्ट्रीम में आने की जरूरत है. लोगों में जागरूकता है, लेकिन अभी भी थोड़े प्रयास की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस बैंड की शुरुआत करने की प्रेरणा हमें समाज से मिली है. इस वजह से हमने इस बैंड को बनाया और 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के मिशन को आगे बढ़ाना यही इस बैंड का मकसद है.