लखनऊ: प्रदेशवासियों को भारी भरकम LPG सिलेंडर से जल्द ही मुक्ति मिल जाएगी.सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए सोमवार को अपने सरकारी आवास पर इंडियन ऑयल के नये युग के कम्पोजिट सिलेंडर का शुभारम्भ किया. दरअसल, इंडियन ऑयल अपने ग्राहकों के लिए पूरे देश के साथ लखनऊ में भी कंपोजिट सिलेंडर ला रहा है. कंपोजिट सिलेंडर उपभोक्ताओं के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा. सीएम ने भी इस सिलेंडर को एक नया विकल्प बताया. क्या हैं इस सिलेंडर की खासियतें जानिए.
रसोई गैस के कंपोजिट सिलेंडर की खासियत
कंपोजिट सिलेंडर में त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है. इसकी पहली अंदरुनी परत ब्लो-मोल्डेड हाई-डेंसिटी पॉलिएथिलीन (एचडीपीई) से बनाई गई है. दूसरी परत पॉलीमर-लिपटे फाइबर ग्लास की बनी है और तीसरी बाहरी परत एचडीपीई जैकेट की है.
कंपोजिट सिलेंडर बहुत हल्का है. मौजूदा लोहे का खाली सिलेंडर 16 किलो का होता है. भरे सिलेंडर का वजन करीब 30 किलो हो जाता है. जबकि भरे कंपोजिट सिलेंडर का वजन मात्र15 किलो रहता है. लोहे के सिलेंडर में 14 किलो 200 ग्राम रसोई गैस होता है. कंपोजिट सिलेंडर की कैपिसिटी 10 किलो की होती है.ह ल्का वजन होने से वेंडरों को भी आसानी होगी और वे इमारत के ऊपर के मंजिल तक भी सिलेंडर आराम से पहुंचा सकेंगे.
उपभोक्ता आसानी से देख पाएंगे कि कितनी बची है गैस
नए सिलेंडर के पारदर्शी डिजाइन की वजह से उपभोक्ता आसानी से देख सकते हैं कि सिलेंडर में रसोई गैस की मात्रा कितनी है. अब ग्राहकों, वेंडर और एजेंसी के बीच गैस कम होने या चोरी का विवाद नहीं होगा. इसके साथ ही रिफिल बुकिंग में भी सुविधा होगी.
कंपोजिट सिलेंडर को स्वच्छ और आकर्षक डिजाइन का बनाया गया है. पारंपरिक लोहे के सिलेंडर के विपरीत कंपोजिट सिलेंडर सतह पर जंग जैसे दाग नहीं छोड़ता है. आधुनिक रसोई घरों की दृष्टि से इसे आकर्षक और आदर्श डिजाइन दिया गया है.
इंडियन ऑयल के कार्यकारी निदेशक और राज्य प्रमुख डॉ. उत्तीय भट्टाचार्य ने बताया, फाइबर से बना होने के कारण यह स्टील सिलेंडर की तुलना में करीब 50 प्रतिशत हल्का, सुविधाजनक एवं जंगरोधक है. पारदर्शी होने के कारण उपभोक्ता सिलेंडर में एलपीजी की मात्रा को भी देख सकेंगे. इससे उन्हें अचानक से एलपीजी खत्म होने की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और वे समय से रिफिल ऑर्डर कर सकेंगे.