ETV Bharat / state

आखिर लॉकडाउन में किस समस्या से परेशान हैं अमेठी के किसान, देखिए रिपोर्ट

author img

By

Published : May 7, 2020, 7:13 PM IST

राजधानी लखनऊ से सटे अमेठी जिले के किसानों की हालत लॉकडाउन के चलते काफी खराब है. जिले में सभी विक्रय केंद्रों के बंद होने के कारण किसान अपनी फसल को बेच नहीं पा रहे हैं, जिससे उनकी फसल बर्बाद हो रही है.

अनाज.
अनाज.

अमेठी: कोरोना वायरस से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन से किसान काफी त्रस्त हैं. किसानों की समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अधिकारियों से सीधे किसानों के खेत और घरों से फसल खरीदने के निर्देश दिए हैं. देश में कोविड-19 के चलते सभी विक्रय केंद्र को बंद कर दिया गया है. इस बीच ईटीवी भारत ने जब राजधानी से सटे अमेठी जिले के किसानों की हकीकत जानी तो सच्चाई सामने आई.

जानकारी देते किसान.

राजधानी लखनऊ से करीब 35 किलोमीटर दूर अमेठी जिले के किसानों ने बताया कि लॉकडाउन से उन्हें काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. फसल कट चुकी है. पहले यह (फसल) खेत में थी, अब इसे घर ला लिया गया है. देश में लागू लॉकडाउन के चलते विक्रय केंद्र बंद हैं. इससे किसान अपनी फसल को बेच नहीं पा रहे हैं तो वहीं सीएम योगी के फरमान को पलीता लगाते अधिकारी किसानों की फसल खरीदने नहीं आ रहे हैं. इससे किसान परेशान हैं.

ईटीवी भारत की जांच पड़ताल
ईटीवी भारत ने अमेठी के रहमतनगर गांव के किसान उमेश वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि फसल की खरीद सीधे किसानों के घर या खेत से होगी, लेकिन यहां अभी तक कोई अधिकारी फसल खरीदने नहीं आया. इसके कारण उनकी फसल घर में खराब हो रही है.

लॉकडाउन ने बढ़ाई किसानों की समस्या
किसानों का कहना है कि सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन अचानक लॉकडाउन लगने से समस्या बढ़ने लगी. फसल तो खेत से घर आ गई, लेकिन फसल का कोई खरीददार नहीं मिल रहा. इसका खामियाजा उन्हें (किसान) भुगतान पड़ रहा है. किसान उमेश ने बताया कि गेहूं खरीद का सरकारी रेट करीब 19 रुपये प्रति किलो है, जब कि बिचौलिए इसे सिर्फ 14 रुपये में बेच रहे हैं.

लॉकडाउन का फायदा उठाते बिचौलिये
किसानों की मानें तो लॉकडाउन का सबसे ज्यादा फायदा बिचौलिये उठा रहे हैं. सरकारी दर पर 19 रुपये प्रतिकिलो बेचे जा रहे गेहूं को बिचौलिये सिर्फ 14 रुपये का दाम दे रहे हैं. जब किसानों ने इसका विरोध किया तो बिचौलियों का साफ कहना है कि गेहूं बेचना है तो बेचो नहीं तो घर जाओ.

किसानों ने दर्द किया बयां
किसान अनिल वर्मा ने दर्द बयां करते हुए बताया कि लॉकडाउन के चलते उनकी मेहनत और फसल दोनों बर्बाद हो रही है. अनिल ने कहा कि लॉकडाउन के चलते कोई बाजार और मंडी नहीं खुली है. इस वजह से हमारा गेहूं घर पर रखे-रखे खराब हो रहा है. किसान अनिल ने कहा कि बिचौलिए कहते हैं कि हमारे मनमाफिक दाम पर गेहूं बेचना है बेचो वरना अपने घर रखकर इसे सड़ाओ.

सरकार पर लगाया आरोप
अमेठी जिले के रहमतनगर ग्राम के किसान उमेश वर्मा ने सरकार पर आरोप लगाते कहा कि सरकार कुछ करती नहीं सिर्फ बातें कर रही है. अगर सरकार को किसानों की चिंता होती तो वे इस मुश्किल की घड़ी में किसानों के साथ खड़ी रहती.

इसे भी पढ़ें- गुजरात सरकार ने दिया मेडिकल सर्टिफिकेट, मजदूरों से ट्रेन टिकट के साथ वसूले पैसे

अमेठी: कोरोना वायरस से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन से किसान काफी त्रस्त हैं. किसानों की समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अधिकारियों से सीधे किसानों के खेत और घरों से फसल खरीदने के निर्देश दिए हैं. देश में कोविड-19 के चलते सभी विक्रय केंद्र को बंद कर दिया गया है. इस बीच ईटीवी भारत ने जब राजधानी से सटे अमेठी जिले के किसानों की हकीकत जानी तो सच्चाई सामने आई.

जानकारी देते किसान.

राजधानी लखनऊ से करीब 35 किलोमीटर दूर अमेठी जिले के किसानों ने बताया कि लॉकडाउन से उन्हें काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. फसल कट चुकी है. पहले यह (फसल) खेत में थी, अब इसे घर ला लिया गया है. देश में लागू लॉकडाउन के चलते विक्रय केंद्र बंद हैं. इससे किसान अपनी फसल को बेच नहीं पा रहे हैं तो वहीं सीएम योगी के फरमान को पलीता लगाते अधिकारी किसानों की फसल खरीदने नहीं आ रहे हैं. इससे किसान परेशान हैं.

ईटीवी भारत की जांच पड़ताल
ईटीवी भारत ने अमेठी के रहमतनगर गांव के किसान उमेश वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि फसल की खरीद सीधे किसानों के घर या खेत से होगी, लेकिन यहां अभी तक कोई अधिकारी फसल खरीदने नहीं आया. इसके कारण उनकी फसल घर में खराब हो रही है.

लॉकडाउन ने बढ़ाई किसानों की समस्या
किसानों का कहना है कि सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन अचानक लॉकडाउन लगने से समस्या बढ़ने लगी. फसल तो खेत से घर आ गई, लेकिन फसल का कोई खरीददार नहीं मिल रहा. इसका खामियाजा उन्हें (किसान) भुगतान पड़ रहा है. किसान उमेश ने बताया कि गेहूं खरीद का सरकारी रेट करीब 19 रुपये प्रति किलो है, जब कि बिचौलिए इसे सिर्फ 14 रुपये में बेच रहे हैं.

लॉकडाउन का फायदा उठाते बिचौलिये
किसानों की मानें तो लॉकडाउन का सबसे ज्यादा फायदा बिचौलिये उठा रहे हैं. सरकारी दर पर 19 रुपये प्रतिकिलो बेचे जा रहे गेहूं को बिचौलिये सिर्फ 14 रुपये का दाम दे रहे हैं. जब किसानों ने इसका विरोध किया तो बिचौलियों का साफ कहना है कि गेहूं बेचना है तो बेचो नहीं तो घर जाओ.

किसानों ने दर्द किया बयां
किसान अनिल वर्मा ने दर्द बयां करते हुए बताया कि लॉकडाउन के चलते उनकी मेहनत और फसल दोनों बर्बाद हो रही है. अनिल ने कहा कि लॉकडाउन के चलते कोई बाजार और मंडी नहीं खुली है. इस वजह से हमारा गेहूं घर पर रखे-रखे खराब हो रहा है. किसान अनिल ने कहा कि बिचौलिए कहते हैं कि हमारे मनमाफिक दाम पर गेहूं बेचना है बेचो वरना अपने घर रखकर इसे सड़ाओ.

सरकार पर लगाया आरोप
अमेठी जिले के रहमतनगर ग्राम के किसान उमेश वर्मा ने सरकार पर आरोप लगाते कहा कि सरकार कुछ करती नहीं सिर्फ बातें कर रही है. अगर सरकार को किसानों की चिंता होती तो वे इस मुश्किल की घड़ी में किसानों के साथ खड़ी रहती.

इसे भी पढ़ें- गुजरात सरकार ने दिया मेडिकल सर्टिफिकेट, मजदूरों से ट्रेन टिकट के साथ वसूले पैसे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.