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समय पर भुगतान न मिलने से किसान परेशान, बिचौलियों को बेच रहे गेहूं

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Published : May 17, 2019, 2:21 PM IST

सरकार द्वारा किसानों को सशक्त बनाने के लिए और उनकी मेहनत का उचित समर्थन मूल्य देने के लिए जगह-जगह गेहूं क्रय केंद्र खोले गए हैं. इस दौरान ईटीवी भारत ने लखनऊ के मोहनलालगंज के समेसी साधन सहकारी समिति में गेहूं क्रय केंद्र पहुंचकर किसानों की समस्याएं जानीं.

गेहूं क्रय केंद्रों में समय पर भुगतान न मिलने से किसान परेशान.

लखनऊ: सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल का उचित समर्थन मूल्य दिलाने के लिए जगह-जगह गेहूं क्रय केंद्र खोले गए, जिससे किसानों को लाभ मिल सके. इन सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर किसानों को एक क्विंटल गेहूं की कीमत 1840 रुपए मिलती है. वहीं, दूसरी तरफ इन केंद्रों में किसानों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.

गेहूं क्रय केंद्रों में समय पर भुगतान न मिलने से किसान परेशान.

जानें, क्या है कारण

  • मोहनलालगंज के समेसी गांव के गेहूं क्रय केंद्र पर आए किसानों का कहना है कि उनके क्षेत्र में काफी समय से गेहूं क्रय केंद्र बंद होने की वजह से उन्हें काफी दूर आना पड़ता है.
  • किसानों ने बताया कि दूरी अधिक होने के कारण उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है. साथ ही समय पर भुगतान नहीं हो पाने की वजह से भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
  • वहीं, कुछ किसान ऐसे भी हैं जिनका कहना है कि समय पर भुगतान न हो पाने की वजह से वे अपनी फसल को औने पौने दाम पर बिचौलियों को बेच देते हैं.
  • किसानों ने बताया कि 15 से 20 दिन के बाद उनको पैसा मिलता है, जिससे उनको काफी परेशानी होती है.

अधिकारी क्रय केंद्रों के निरीक्षण कर रहे हैं कि कोई क्रय केंद्र बंद न मिले और किसानों का गेहूं समय से खरीदा जा सके. यदि किसानों की पेमेंट में कोई समस्या आ रही है और वह शिकायत करते हैं तो इस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी.
-सूर्यकांत त्रिपाठी, एसडीएम, मोहनलालगंज

लखनऊ: सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल का उचित समर्थन मूल्य दिलाने के लिए जगह-जगह गेहूं क्रय केंद्र खोले गए, जिससे किसानों को लाभ मिल सके. इन सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर किसानों को एक क्विंटल गेहूं की कीमत 1840 रुपए मिलती है. वहीं, दूसरी तरफ इन केंद्रों में किसानों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.

गेहूं क्रय केंद्रों में समय पर भुगतान न मिलने से किसान परेशान.

जानें, क्या है कारण

  • मोहनलालगंज के समेसी गांव के गेहूं क्रय केंद्र पर आए किसानों का कहना है कि उनके क्षेत्र में काफी समय से गेहूं क्रय केंद्र बंद होने की वजह से उन्हें काफी दूर आना पड़ता है.
  • किसानों ने बताया कि दूरी अधिक होने के कारण उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है. साथ ही समय पर भुगतान नहीं हो पाने की वजह से भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
  • वहीं, कुछ किसान ऐसे भी हैं जिनका कहना है कि समय पर भुगतान न हो पाने की वजह से वे अपनी फसल को औने पौने दाम पर बिचौलियों को बेच देते हैं.
  • किसानों ने बताया कि 15 से 20 दिन के बाद उनको पैसा मिलता है, जिससे उनको काफी परेशानी होती है.

अधिकारी क्रय केंद्रों के निरीक्षण कर रहे हैं कि कोई क्रय केंद्र बंद न मिले और किसानों का गेहूं समय से खरीदा जा सके. यदि किसानों की पेमेंट में कोई समस्या आ रही है और वह शिकायत करते हैं तो इस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी.
-सूर्यकांत त्रिपाठी, एसडीएम, मोहनलालगंज

Intro:सरकार द्वारा किसानों को सशक्त बनाने के लिए और उनकी मेहनत का उचित समर्थन मूल्य देने के लिए जगह-जगह गेहूं क्रय केंद्र खोले गए है जिनकी पड़ताल ईटीवी भारत ने की और जानी किसानों की समस्याएं।


Body:सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल का उचित समर्थन मूल्य दिलाने के लिए जगह-जगह गेहूं क्रय केंद्र खोले गए जिससे किसानों को लाभ मिल सके। इन सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर किसानों को एक कुंटल गेहूं की कीमत 1840 रुपए मिलती है।

राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज ब्लॉक के समेसी गांव के गेहूं क्रय केंद्र पर हमने अलग-अलग जगह से आए किसानों से बात की जिनका कहना है कि उनके क्षेत्र में काफी समय से गेहूं क्रय केंद्र बंद होने की वजह से उन्हें काफी दूर आना पड़ता है। किसानों ने बताया कि दूरी अधिक होने के कारण उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है साथ ही समय पर भुगतान नहीं हो पाने की वजह से भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

वह कुछ किसान ऐसे भी हैं जिनका कहना है कि समय पर भुगतान ना हो पाने की वजह से वे अपनी फसल को औने पौने दाम पर बिचौलियों को बेच देते हैं। किसानों ने बताया कि 15 से 20 दिन के बाद उनको पैसा मिलता है जिससे उनको काफी परेशानी होती है।

वहीं इस पूरे मामले पर मोहनलालगंज एसडीएम सूर्यकांत त्रिपाठी का कहना है कि यदि किसानों की पेमेंट में कोई समस्या आ रही है और वह शिकायत करते हैं तो इस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

बाइट- सूर्यकांत त्रिपाठी (एसडीएम मोहनलालगंज)

बाइट- सर्वेश मिश्रा (किसान)
बाइट-अमित सिंह (किसान)
बाइट-राम निवेश (किसान)
पीटीसी योगेश मिश्रा


Conclusion:जहां एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कह रही है वहीं दूसरी तरफ किसानों के लिए खोले गए गेहूं क्रय केंद्रों पर किसानों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि किस तरीके से किसानों की आय दोगुनी होती है और कैसे किसानों की समस्याएं दूर होंगी।

योगेश मिश्रा लखनऊ
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