लखनऊ: पिछले दिनों से यूपी में भारी बारिश और ओलावृष्टि हो रही है. बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है. आकाशीय बिजली गिरने से मौत भी हो रही है. इन सबका का असर पूरे यूपी में देखने को मिल रहा है.
आजमगढ़ में बारिश और ओलावृष्टि से 37 गांव प्रभावित
जिले में 12 और 13 मार्च को बारिश और ओलावृष्टि गिरने से किसानों की दलहन, तिलहन के साथ-साथ गेहूं, प्याज और लहसुन की पूरी फसल बर्बाद हो गई. प्राकृतिक आपदा से किसान बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. किसानों के ऊपर आई इस आपदा को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. नुकसान के सर्वेक्षण के लिए आजमगढ़ के जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने राजस्व टीम लगा दी है, जो लगातार किसानों के हुए नुकसान का आकलन कर रही थी. जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने आपदा से 37 गांव प्रभावित होने की पुष्टि करते हुए कहा कि इस आपदा से 2926 किसान प्रभावित हुए हैं. प्रति हेक्टेयर किसानों को 13500 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. जिलाधिकारी ने बताया कि 10 लाख की धनराशि हमारे पास थी, जो हम किसानों को ट्रांसफर कर रहे हैं. डेढ़ करोड़ रुपए शासन से मंगा लिया है जो देर रात तक आ जाएगा. 2 दिन के भीतर इन किसानों का मुआवजा दे दिया जाएगा.
बलरामपुर में आकाशाीय बिजली गिरने से एक किशोर की मौत, एक घायल
बीते शुक्रवार को दोपहर में हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों का बड़े पैमाने पर फसलों का नुकसान हुआ है. वहीं गौरा चौराहा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामसभा सिंगापुर में एक किशोर की मौत हो गई. मौत आकाशीय बिजली गिरने से हुई. साथ ही एक व्यक्ति घायल हो गया और तीन मवेशी भी मर गए. बारिश और ओलावृष्टि के कारण हुई फसलों के नुकसान का सत्यापन जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने राजस्व टीम और कृषि विभाग की टीमों द्वारा कराया. 10 फीसदी सरसों की फसल का नुकसान हुआ है, जबकि 3 से 5 फीसदी गेहूं, मसूर और अन्य फसलों का नुकसान हुआ है. मुआवजे के लिए राजस्व विभाग को निर्देशित कर दिया गया है. आकाशीय बिजली गिरने के कारण मारे गए किशोर के परिजनों को जिला प्रशासन द्वारा 4 लाख रुपये का चेक मुआवजे के तौर पर प्रदान किया गया.
मुजफ्फरनगर में बेमौसम बारिश का असर
मुजफ्फरनगर में वर्षा और ओलावृष्टि के कारण जगह-जगह रास्ते जलमग्न हो गए हैं. बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हो गई. सरसों की फसल 70 फीसदी तक बर्बाद हो गई है. गेहूं की फसल भी 50 फीसदी बर्बाद हुई है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अनुसार पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. आलू, सरसों, गेहूं और गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ है.
बुलंदशहर में बारिश और ओलावृष्टि से कई गांव के किसान परेशान
जिले के तहसील स्याना, अनूपशहर और डिबाई में हुई बारिश और ओलावृष्टि से दर्जनों गांवों में क्षति हुई है. जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार सिंह ने शनिवार को स्याना तहसील के सूरजपुर टिकरी गांव में पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात की. उन्होंने अफसरों को आवश्यक निर्देशानुसार संबंधित उपजिलाधिकारियों और तहसीलदारों को टीम लगाकर क्षति के आकलन हेतु निर्देश भी दिए गए. डीएम ने गांव के प्रभावित लोगों को आंगनवाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, स्कूलों के कमरे में जाने के निर्देश जारी किए. वहीं जलापूर्ति अधिकारी को खाने की आपूर्ति कराने के निर्देश, विद्युत विभाग के जिम्मेदारों को प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था तत्काल सुदृढ़ कराने के निर्देश दिए. डीएम ने बताया कि जिले के अन्य क्षेत्रों में भी किसान की फसल तबाह हुई हैं. उन्होंने कहा कि संबंधित उपजिलाधिकारियों को सूचना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. डीएम ने कहा कि जो नुकसान हुआ है, उसका मूल्यांकन किया जा रहा है. स्याना तहसील के करीब 50 से अधिक गांवों में किसानों को आंशिक और पूर्ण रूप से नुकसान होने की संभावना है. करीब 30 से 35 गांवों में अनूपशहर तहसील क्षेत्र में भी किसानों का भारी नुकसान हुआ है.
सहारनपुर में सरसों और गेंहूं की फसल बर्बाद
जिले में एक बार फिर भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई. बेमौसम बारिश से किसानों के चेहरे पर उदासी छाई हुई है. जिले चार दिन से रुक-रुककर बारिश हो रही है. बारिश से किसानों की गेहू, सरसों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई. ओलावृष्टि से फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई. किसानों का कहना है कि एक तो बेमौसम बारिश और ऊपर से भारी ओलावृष्टि से फसल पूरी बर्बाद हो गई है. इस बारिश से किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है. किसानों ने सरकार से बर्बाद हुई फसल को देखते हुए मुआवजे की मांग की है.