लखनऊ: शहर के डालीगंज क्षेत्र में स्थित भगवान शिव के मंदिर का अस्तित्व त्रेता युग से ही माना जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर का इतिहास भगवान राम के छोटे भाई, वीरवर लक्ष्मण से जुड़ा हुआ है. शेषावतार लक्ष्मण ने त्रेता युग में इस मंदिर में पूजा अर्चना की थी.
लक्ष्मण नगरी के मनकामेश्वर मंदिर का इतिहास पांच हजार वर्ष पुराना है. भगवान राम के अनुज लक्ष्मण ने इस मंदिर में वनवास से वापस आने के वक्त पूजा अर्चना की थी. तब से यहां भक्त अपने आराध्य देव महादेव का पूजन अर्चन करने आते हैं. मान्यता है कि लखनऊ शहर को भगवान लक्ष्मण ने ही बसाया है. इसीलिए इस शहर का नाम प्राचीन काल में लक्ष्मणपुरी था. फिर लखनपुरी हुआ. बाद में इसे लखनऊ के नाम से जाना गया.
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करीब एक दशक पूर्व ही इस मंदिर प्रांगण में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया गया था. आज गंगा गोमती कही जाने वाली नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए भी अभियान चला रही हैं. मंदिर प्रांगण के सामने गोमती नदी के किनारे पर गोमती आरती का आयोजन हर दिन होता है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु गोमती आरती में शामिल होते हैं. उन्हें गोमती को प्रदूषित होने से बचाने के लिए जागरूक भी किया जाता है. ऐसे ही यह मंदिर भगवान शिव की आराधना से लेकर प्रकृति की आराधना तक का केंद्र बना हुआ है.