बरेली : अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने घर में इलेक्ट्रिक शॉक से 4 साल की मासूम की जान लेने के मामले में दोषी शमशेर अली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दो लाख रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. आदेश में कोर्ट ने जिला अधिकारी और एसएसपी को आदेश दिया है कि घनी बस्तियों में अभियान चलाकर बिजली के खुले तारों का समाधान करें.
अभियोजन के अनुसार बरेली के किला थाना क्षेत्र के रहने वाले निजामुद्दीन की 4 साल की मासूम बेटी हिफजा शाम को गली में खेल रही थी. खेलते वक्त अचानक उसका हाथ पड़ोसी शमशेर अली के घर के दरवाजा पर छू गया. दरवाजे में करंट दौड़ रहा था. इससे चलते मासूम हिफजा की करंट से मौके पर ही मौत हो गई. परिजनों का आरोप था कि शमशेर अली अपने पूरे घर में बिजली का करंट छोड़ देता था और मना करने पर गाली गलौज करता था. इस मामले में किला थाने में शमशेर अली के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजा गया था.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दिगंबर सिंह पटेल ने बताया कि अदालत में सुनवाई के दौरान सात गवाह पेश किए गए. इसके बाद सोमवार को बरेली के अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने शमशेर अली को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही दो लाख रुपये का अर्थ दंड भी लगाया. इसके अलावा अदालत ने अपने आदेश में बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को भी आदेश दिया है कि वह पूरे जिले में विशेष तौर पर घनी आबादी वाले क्षेत्रों में अभियान चलाकर खुले तार हटवाएं.