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गिरधारी कांडः DCP को कोर्ट में 15 मार्च तक दाखिल करना होगा जवाब - lucknow latest news

न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा तृतीय ने गिरधारी की मुठभेड़ में हुई मौत के मामले में झूठा हलफनामा दाखिल करने के आरोप पर डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन और थानाध्यक्ष विभूति खंड चंद्रशेखर सिंह को 15 मार्च तक जवाब देने का आदेश दिया है. मंगलवार को DCP ने जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से मोहलत मांगी थी.

जिला न्यायाधीश कार्यालय
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Published : Mar 9, 2021, 9:31 PM IST

लखनऊ : जनपद न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा तृतीय ने गिरधारी की मुठभेड़ में हुई मौत के मामले में झूठा हलफनामा दाखिल करने के आरोप पर डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन और थानाध्यक्ष विभूति खंड चंद्रशेखर सिंह को 15 मार्च तक जवाब देने का आदेश दिया है. मंगलवार को यह दोनों पुलिस अधिकारी अदालत में हाजिर हुए और जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की थी.

जानिए, पूरा मामला

जिला न्यायाधीश ने झूठा हलफनामा दाखिल करने के प्रथम दृष्टया आरोप पर 2 मार्च को डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन और थानाध्यक्ष विभूति खंड चंद्रशेखर सिंह के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज करने का आदेश दिया था. साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए इनसे जवाब भी तलब किया था. कोर्ट ने यह आदेश गिरधारी के भाई राकेश विश्वकर्मा की ओर से दाखिल एक परिवाद की सुनवाई में दिया था. इससे पूर्व भी इन पुलिस अधिकारियों को अपना हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया था.

इसे भी पढ़ें- बीजेपी सरकार में हुई महिला अपराधों में बढ़ोतरी- अखिलेश

वकील ने कोर्ट में दी थी ये दलील

वकील प्रांशु अग्रवाल ने बहस करते हुए कहा था कि पुलिस ने झूठा हलफनामा दाखिल किया है. पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं. ये कथित मुठभेड़ में शामिल पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध नहीं है, जबकि कथित मुठभेड़ के समय डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन मौजूद थे और फायर भी किया था. इसकी जांच भी उनसे नीचे के रैंक के अधिकारी एसीपी को दी गई है, जो सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के विपरीत है.

लखनऊ : जनपद न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा तृतीय ने गिरधारी की मुठभेड़ में हुई मौत के मामले में झूठा हलफनामा दाखिल करने के आरोप पर डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन और थानाध्यक्ष विभूति खंड चंद्रशेखर सिंह को 15 मार्च तक जवाब देने का आदेश दिया है. मंगलवार को यह दोनों पुलिस अधिकारी अदालत में हाजिर हुए और जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की थी.

जानिए, पूरा मामला

जिला न्यायाधीश ने झूठा हलफनामा दाखिल करने के प्रथम दृष्टया आरोप पर 2 मार्च को डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन और थानाध्यक्ष विभूति खंड चंद्रशेखर सिंह के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज करने का आदेश दिया था. साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए इनसे जवाब भी तलब किया था. कोर्ट ने यह आदेश गिरधारी के भाई राकेश विश्वकर्मा की ओर से दाखिल एक परिवाद की सुनवाई में दिया था. इससे पूर्व भी इन पुलिस अधिकारियों को अपना हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया था.

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वकील ने कोर्ट में दी थी ये दलील

वकील प्रांशु अग्रवाल ने बहस करते हुए कहा था कि पुलिस ने झूठा हलफनामा दाखिल किया है. पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं. ये कथित मुठभेड़ में शामिल पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध नहीं है, जबकि कथित मुठभेड़ के समय डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन मौजूद थे और फायर भी किया था. इसकी जांच भी उनसे नीचे के रैंक के अधिकारी एसीपी को दी गई है, जो सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के विपरीत है.

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